कोयले की किल्लत में बीपीएससीएल ने कम किया बिजली उत्पादन
बोकारो : सेल व डीवीसी के संयुक्त उपक्रम बोकारो पावर सप्लाई कंपनी गंभीर कोयला संकट से गु
बोकारो :
सेल व डीवीसी के संयुक्त उपक्रम बोकारो पावर सप्लाई कंपनी गंभीर कोयला संकट से गुजर रहा है। स्थिति यह है कि कोयले की किल्लत की वजह से कंपनी को अपनी उत्पादन क्षमता से काफी कम बिजली का उत्पादन करना पड़ रहा है। फिलहाल संयंत्र से मात्र 100 से 120 मेगावाट उत्पादन हो रहा है। कंपनी के पास स्टॉक में मात्र तीन दिनों के लिए कोयला उपलब्ध। यदि यही स्थित रही तो कभी संयंत्र से बिजली उत्पादन बंद हो सकता है।
कंपनी सूत्रों का कहना है कि कोयला की कमी को दूर करने के लिए बीते एक माह से कंपनी के दो अधिशासी निदेशक तेजवीर शाह व डीके शर्मा धनबाद में कैंप किए हैं, लेकिन कंपनी के कोयले का स्टॉक नहीं बढ़ रहा है। प्रत्येक दिन आने वाला कोयला संयंत्र को पूर्ण क्षमता के साथ चलाने के लिए नाकाफी है। बताया जा रहा है डीसी लाइन के बंद होने के कारण कोयला कंपनी बीसीसीएल के कई रेलवे साइ¨डग बंद हो गए हैं। बीसीसीएल कंपनी को ट्रक से कोयला देने की बात कह तो रहा है, लेकिन ट्रक से कोयला लेकर पावर प्लांट का संचालन काफी मुश्किल है। यही वजह है कि शहरी क्षेत्र में समय-समय पर बिजली काटी जा रही है।
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कितने कोयले की है जरूरत :
बोकारो पावर सप्लाई कंपनी के पावर प्लांट को पूर्ण क्षमता के साथ चलाने के लिए कम से कम प्रति दिन 4500 टन कोयले की जरूरत है। जबकि काफी प्रयास के बाद प्रति दिन एक रैक से अधिक कोयले की आपूर्ति नहीं हो पा रही है। एक रैक में 32 सौ टन कोयला ही मिल पाता है। ऐसे में संयंत्र की उत्पादन क्षमता को काम करने के अलावा कोई विकल्प नहीं है। कंपनी सूत्रों का कहना है कि कम से कम प्रतिदिन दो रैक कोयला की आपूर्ति होने पर स्टॉक बन पाता है। वर्तमान कंपनी के पास मात्र 10 हजार टन कोयला स्टॉक में उपलब्ध है। इस समस्या को लेकर कंपनी प्रबंधन ने सेल व कोयला मंत्रालय दोनों को अवगत कराते हुए ठीक करने की अपील की है।
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कितनी बिजली की है जरूरत :
बोकारो इस्पात कारखाना को चलाने के लिए कम से 550 टन वाष्प के साथ 80 मेगावाट निर्बाध बिजली की जरूरत होती है। इससे कम होने पर संयंत्र के प्रमुख ब्लास्ट फर्नेस समेत अन्य संयंत्र बंद होने का खतरा उत्पन्न हो जाएगा। इसके अतिरिक्त सामान्य समय में बोकारो इस्पात संयंत्र को प्लांट व शहर को मिलाकर कुल 220 मेगावाट बिजली की जरूरत होती है। यह बिजली तत्काल डीवीसी से ली जा रही है। डीवीसी से प्रतिदिन 100 मेगावाट बिजली की खरीद हो रही है। हलांकि सेल व डीवीसी में दो सौ मेगावाट बिजली देने का करार है। लेकिन उत्पादन कम होने पर कंपनी को लागत व्यय को भारी नुकसान हो रहा है।
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वर्जन :
कोयला का भारी संकट है। इससे वरीय स्तर पर भी अवगत कराया गया। लेकिन स्थित में सुधार नहीं हो रही है। हमें हर हाल में बोकारो इस्पात के हितों को ध्यान में रखकर स्टीम को बनाना जरूरी है। कोयला कंपनियों से लगातार वार्ता चल रही है। सुधार होने पर फिर से पूर्ण उत्पादन हो सकेगा।
के. हरिनारायण, सीईओ बोकारो पावर सप्लाई कंपनी लिमिटेड