कलाकारों ने सामाजिक बुराइयों पर किया कुठाराघात
शरद पूर्णिमा पर आयोजित धनधान्य की देवी लक्खी माता के पूजा के अवसर पर चंदनकियारी ओझा टोला में कोलकाता की प्रसिद्ध बांग्ला नाट्य मंडली युगचेतना जातरा संस्था के द्वारा नीलाम होलो सिथिर सिदूर नाटक का मंचन किया गया।
संवाद सहयोगी, चंदनकियारी: शरद पूर्णिमा पर आयोजित धनधान्य की देवी लक्खी माता के पूजा के अवसर पर चंदनकियारी ओझा टोला में कोलकाता की प्रसिद्ध बांग्ला नाट्य मंडली युगचेतना जातरा संस्था के द्वारा नीलाम होलो सिथिर सिदूर नाटक का मंचन किया गया। नाट्य रचनाकार भैरव गंगोपाध्याय द्वारा रचित उक्त नाटक के माध्यम से नारी सशक्तीकरण का संदेश देते हुए समाज में व्याप्त कुत्सित प्रवृति, अन्याय, बेईमानी व अन्य सामाजिक बुराइयों पर कुठाराघात किया गया है। इसके माध्यम से बुराई पर अच्छाई की जीत को दर्शाते हुए राष्ट्र निर्माण में महिलाओं की अहम भूमिका पर प्रकाश डाला गया, जहां महिलाओं द्वारा तस्करों एवं समाज विरोधी तत्वों के विरुद्ध जंग जारी की गई। विकट परिस्थितियों में भी इसे आंदोलन का रूप देते हुए उन्होंने ऐसी कुत्सित विचारधारा व अपराधियों को कानून के शिकंजे में डालकर समाज की बेहतरी का प्रयास किया।
इस दौरान मौजूद सैकड़ों की संख्या में दर्शकों ने नाटक की सराहना की। नाटक के मंचन में देवतोष मुखर्जी, गौतम, उत्तम, प्रीतम, पांचू गोपाल, अशोक चौधरी, विकास, बद्रीप्रसाद, विभावती, इंद्राणी, मिताली व पार्वती की सराहनीय भूमिका रही। मौके पर रोबिन ओझा, किकरी झा, राखोहरी ठाकुर, विवेक, चंचल, श्यामल, विक्रम, अजय, विजय, कुणाल सहित अन्य लोग उपस्थित थे।