साढ़े तीन वर्ष में सड़कों पर गई 523 लोगों की जान
बोकारो : बोकारो की सड़कों पर आए दिन मौत का नजारा देखने को मिलता है। अनमोल मानव जीवन क
बोकारो : बोकारो की सड़कों पर आए दिन मौत का नजारा देखने को मिलता है। अनमोल मानव जीवन को वाहन चालकों की लापरवाही से हम लगातार खोते जा रहे हैं। राज्य मुख्यालय को भेजी गई जिला सड़क सुरक्षा समिति की रिपोर्ट पर गौर किया जाए तो 90 प्रतिशत से अधिक सड़क हादसे चालकों की लापरवाही का ही नतीजा है। वर्ष 2015 से 2018 जून तक जिले भर में 857 सड़क हादसे हुए। इन हादसों में 523 लोगों ने अपनी जान गांव दी। इस वर्ष के छह माह की बात की जाए तो कल 110 सड़क हादसे हुए और इनमें 65 अनमोल ¨जदगी काल के गाल में समा गई। इन हादसों के शिकार कुछ को तो ताउम्र दिव्यांग का जीवन जीने को मजबूर होना पड़ रहा है। यह स्थिति तब है जब जिले भर में सुप्रीम कोर्ट की मॉनीटरिंग में जिला सड़क सुरक्षा समिति कागज से लेकर सड़कों पर हादसों को कम करने के लिए लगातार कवायद कर रही है। ब्लैक स्पॉट चिन्हित करने का लगातार काम हो रहा है। हादसों की सही वजह का आकलन करने के लिए और घायलों को बचाने के लिए लगातार योजनाएं बन रही हैं। ---आंकड़े बता रहे ओवर स्पीड है हादसों की वजह, तंत्र नहीं कर रहा जांच
जिला सड़क सुरक्षा समिति की रिपोर्ट इस बात की गवाही दे रही है कि हादसों का बड़ा कारण ओवरस्पीड है। वर्ष 2017 में 90 प्रतिशत हादसों की वजह तेजी व लापरवाही रही। इस वर्ष के तीन माह के आंकड़े यह बता रहे हैं कि 92 प्रतिशत हादसों की वजह यही रही। महज आठ प्रतिशत हादसे ही नशा, गलत दिशा से चलने समेत अन्य वजहों से हुई। व्यवसायिक वाहन के लिए गति सीमा निर्धारित की गई है। इसके लिए ऐसे वाहनों में स्पीड लिमिट डिवाइस (गति नियंत्रक यंत्र) लगाया गया है। नियमित जांच नहीं होने की वजह से चालक बेखौफ होकर ऐसी गलतियां कर रहे हैं और आए दिन हादसे हो रहे हैं। स्थिति यह है कि हादसे के बाद भी ऐसे वाहनों के स्पीड लिमिट डिवाइस की जांच नहीं हो रही है। अगर जांच होकर कठोर कार्रवाई होती को लापरवाह चालक इससे सीख लेते और गलतियों को नहीं दोहराते। अधिकारियों का कहना है कि अब दुर्घटना के बाद ऐसे वाहनों की जांच होगी कि घटना के समय गति नियंत्रक काम रहा था कि नहीं। अगर काम कर रहा था कि वाहन कितनी तेजी से चालक चला रहा था।
---अधिकतर हादसे सीधी सड़क पर हुए
बताया जा रहा है कि अधिकतर हादसे सीधी सड़क पर ही हुए। स्पष्ट है कि हादसों की वजह खराब सड़कें बहुत अधिक नहीं रही। चालकों की लापरवाही से ही अधिक हादसे हुए। ------------
वर्जन
सड़क पर हादसों की एक बड़ी वजह चालकों की लापरवाही है। पुलिस का प्रयास है कि लोगों को यातायात नियमों के प्रति जागरूक किया जाए। इसके लिए समय-समय पर जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। लगातार यातायात नियम तोड़ने वालों पर पुलिस सख्ती भी बरत रही है। ऐसे लोगों को जुर्माना किया जा रहा है। जुर्माना का उदेश्य राजस्व वृद्धि नहीं, बल्कि सड़कों पर बेशकीमती मानव जीवन को सुरक्षित रखना है। नियमों का पालन करने से हादसे रुकेंगे। जैसी प्रशासनिक कवायद चल रही है उससे पूर्ण विश्वास है कि निकट भविष्य में हमलोग सड़क हादसों की संख्या बहुत कम करने में कामयाब हो जाएंगे।
कार्तिक एस, एसपी बोकारो।
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2015 से 2018 जून तक सड़क हादसे व मरने वालों की संख्या थाना क्षेत्र ---हादसे----मृतकों की संख्या
बीएससीटी---101-----45
चंद्रपुरा----24----21
चास मुफस्सिल--71------40
चास-------48-----19
माराफारी----37-------22
जरीडीह----69----58
सेक्टर-12--21-----6
बेरमो----45----36
पेटरवार---47---44
बालीडीह---55-39
पिण्ड्राजोरा---54---35
कसमार----20-----11
आइइएल---5----8
सियालजोरी---14---6
सेक्टर-छह----4---2
बीटीपीएस----21-----12
चंदनकियारी----59----38
गोमिया-----23-----16
नावाडीह----31----22
हरला-------30-------5
दुग्दा-------22-----11
सेक्टर-चार--50------25
महुआटांड़---4----2
चतरोचट्टी----2-----0
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कुल हादसे---857-----मृत----523