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दरवाजा खोलते ही लिपट गई चौखट पर खड़ी मौत

संवाद सहयोगी जरीडीह मौत कब किस रूप में आएगी कोई नहीं जानता। गुरुवार को जरीडीह थाना क्ष्

By JagranEdited By: Published: Thu, 15 Oct 2020 09:55 PM (IST)Updated: Fri, 16 Oct 2020 05:12 AM (IST)
दरवाजा खोलते ही लिपट गई चौखट पर खड़ी मौत
दरवाजा खोलते ही लिपट गई चौखट पर खड़ी मौत

संवाद सहयोगी, जरीडीह : मौत कब किस रूप में आएगी, कोई नहीं जानता। गुरुवार को जरीडीह थाना क्षेत्र बहादुरपुर नया टोला के दुलार चंद्र महतो को भी कहां मालूम था कि सुबह उठते ही जब वह अपने घर का दरवाजा खोलेंगे तो वहां मौत उनका इंतजार करती मिलेगी। लेकिन, ऐसा हुआ और मात्र 40 वर्ष की आयु में ही दुलार चंद्र की मौत अपने घर के दरवाजे पर करंट प्रंवाहित बिजली तार के संपर्क में आने से हो गई। इस हादसे से पूरा परिवार स्तब्ध है। स्वजन और ग्रामीण इसे बिजली विभाग की लापरवाही बता रहे हैं।

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परिवार के सदस्यों ने बताया कि दुलार चंद्र सुबह जगने के बाद घर के बाहर निकल रहे थे। दरवाजे पर पहले से बिजली का तार टूट कर लटका था। जैसे ही वह दरवाजा खोल कर बाहर निकले, तार के संपर्क में आ गए। घर के अंदर पत्नी संध्या देवी ने जब कुछ गिरने की आवाज सुनी तो वह भी बाहर निकली। वहां देखा कि पति जमीन पर गिरे थे और छटपटा रहे थे। उन्हें जाकर छुआ तो उसे भी जोर का झटका लगा। फिर बड़ी बेटी ने भी आकर उन्हें उठाने का प्रयास किया, उसे भी झटका लगा और वह भी दूर जा गिरी। ग्रामीणों के प्रयास से दुलार चंद्र को तार के संपर्क से हटाया गया।

जख्मी दुलार चंद्र को अस्पताल ले जाने के लिए 108 एंबुलेंस को फोन किया गया। बहादुरपुर से इस गांव में आने किया संपर्क पथ खराब होने की वजह से 108 एंबुलेंस को दूसरे रास्ते से आना पड़ा। तब तक दुलार की जान जा चुकी थी। स्वजन बिजली विभाग पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए मुआवजे की मांग करने लगे। घर के पास ही ग्रामीणों के साथ घटनास्थल पर सभी बैठ थे। दुलार चंद्र महतो मिट्टी की सामग्री बनाकर बेचते थे और इससे होनेवाली आय से अपने परिवार का भरण-पोषण करते थे। वह परिवार के एकमात्र कमाऊ सदस्य थे। दुलार की मौत से पत्नी संध्या देवी, दो बेटियां और बेटा उज्ज्वल अनाथ हो गए हैं।

हादसे की सूचना पाकर बाराडीह मुखिया प्रेम कुमार महतो, बारु पंचायत के मुखिया लालचंद मांझी एवं भाजपा नेता मनोज ठाकुर, सांसद प्रतिनिधि सुनील कुमार महतो पहुंचे और शोकाकुल परिवार से मिलकर सांत्वना दी। बिजली विभाग के अधिकारियों को भी जानकारी दी गई। बिजली विभाग से पीड़ित परिवार को पांच लाख रुपया मुआवजा तथा विभाग में परिवार के एक सदस्य को नौकरी देने की मांग की। सूचना पाकर पहुंची पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम करा स्वजनों को सौंप दिया। प्रशासन की ओर से तत्काल 10 हजार रुपये की आर्थिक मदद दी गई है।


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