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गांवों को वाई-फाई नहीं कर सका बीमार नेटवर्क

बहादुरपुर छठी जेपीएससी परीक्षा में एक सवाल था झारखंड का पहला वाई-फाई ब्लॉक कौन ह

By JagranEdited By: Published: Sun, 11 Oct 2020 10:03 PM (IST)Updated: Mon, 12 Oct 2020 05:13 AM (IST)
गांवों को वाई-फाई नहीं कर सका बीमार नेटवर्क
गांवों को वाई-फाई नहीं कर सका बीमार नेटवर्क

बहादुरपुर : छठी जेपीएससी परीक्षा में एक सवाल था, झारखंड का पहला वाई-फाई ब्लॉक कौन है। इसका जवाब तो यही देना पड़ता है कि बोकारो जिले का कसमार प्रखंड पहला वाई-फाई प्रखंड है। लेकिन, अगर सच्चाई जाननी हो तो धरातल पर आकर देखना होगा। डिजिटल इंडिया के नाम पर कहीं पैसे की बर्बादी हुई है तो बोकारो इसका सबसे बड़ा उदाहरण है। सबसे पहले वाई-फाई प्रखंड में ही यह योजना फेल हो गई। और इसे फेल करने के लिए सरकार को पूरे सिस्टम ने कमोवेश अपना अपना योगदान दिया।

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अगस्त 2016 में हुई थी शुरुआत : गांव में वाई-फाई चौपाल की कल्पना कोरी साबित हो रही है। केंद्रीय संचार मंत्री रविशंकर प्रसाद ने डिजिटल इंडिया कार्यक्रम के तहत कसमार प्रखंड मुख्यालय में अगस्त 2016 में वाई-फाई चौपाल योजना शुरू की थी, इसके बाद धीरे-धीरे जिले की 104 पंचायतों में इस योजना को लागू किया गया। प्रत्येक पंचायत में लगभग एक लाख रुपये खर्च किए गए, पर योजना की वर्तमान स्थिति यह है कि कहीं उपकरण की खराबी तो कहीं योजना की अप्रासंगिकता के कारण यह फेल हो चुकी है। हालांकि इसके बावजूद कसमार में वाई-फाई कागजों में योजना चल रही है, तभी तो जेपीएससी में इसके सवाल पूछे जा रहे हैं। प्रथम चरण में सिस्टम लगाने के नाम पर सरकार ने लाखों रुपये खर्च किए, लेकिन यह योजना कभी चालू ही नहीं हुई। 100 एमबीपीएस की स्पीड से देना था इंटरनेट : सरकार ने भारत संचार निगम लिमिटेड के साथ सहयोगी कंपनी भारत ब्राडबैंड लिमिटेड बनाया। इसका काम था कि प्रत्येक पंचायत को ओएफसी केबल के माध्यम से कम से कम 100 एमबीपीएस के स्पीड का इंटरनेट उपलब्ध कराएं। इसके बाद कंपनी ने केबल भी पहुंचाया। इसी ओएफसी केबल के आधार पर पंचायत में चलने वाले प्रज्ञा केंद्रों को वाई-फाई करना था। जोरदार तरीके से जिले में इसकी शुरुआत भी हुई, लेकिन थोड़े ही दिनों में योजना सफेद हाथी साबित हो गई।

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---अन्य कंपनियों से अधिक महंगा है ये इंटरनेट : योजना के फेल होने की वजह यह भी रही कि वाई-फाई का उपयोग केवल पंचायत स्तर पर करने के लिए संचालक कंपनी ने 10 रुपये में 500 एमबी 10 दिन के लिए, 25 रुपये में 2 जीबी 15 दिन के लिए, 50 रुपये में साढे चार जीबी, 90 रुपये में साढे आठ जीबी, 950 रुपये में 125 जीबी डाटा 28 दिन की योजना को चलाया, जबकि आज सामान्य रूप से 100 रुपये में 60 जीबी डाटा अन्य कंपनियां दे रही है।


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