गेहूं की फसल को येलो रेस्ट बीमारी, किसान चिंतित
संवाद सहयोगी, पौनी : क्षेत्र में इन दिनों गेहूं की फसलें यलो रेस्ट बीमारी की चपेट में आने क
संवाद सहयोगी, पौनी : क्षेत्र में इन दिनों गेहूं की फसलें यलो रेस्ट बीमारी की चपेट में आने की आशंका जताई जा रही है जिससे किसान चिंतित हैं। किसानों का आरोप है कि कृषि विभाग के कर्मचारी अगर समय रहते किसानों को फसलों को लगने वाली बीमारी के बारे में जागरूक करें तो उन्हें कोई परेशानी नहीं होगी। किसान नेता ओमप्रकाश शर्मा का कहना है गेहूं की फसल तैयार हो रही है कई किसानों की फसल पीली पड़ रही है। जिन्हें लग रहा है कि फसल को कोई बीमारी लग रही है, लेकिन कृषि विभाग के कर्मचारियों द्वारा गांव में पहुंचकर किसानों को जागरूक नहीं करने पर
किसान ¨चतित हैं। किसानों का कहना है जिन किसानों ने अपने घर में रखे बीज की बिजाई की थी वह फसल सही है, लेकिन जो बीज एग्रीकल्चर विभाग से लिया गया है उसमें कई किसानों की फसल यलो रेस्ट बीमारी की चपेट में आ रही है। किसान सूरज प्रकाश, मुंशी राम, राम लाल, कुलदीप राज आदि का कहना है ग्रीकल्चर विभाग की लापरवाही के चलते किसानों को बड़ी परेशानियों का सामना
करना पड़ता है। अगर विभाग द्वारा किसानों को सही बीज व समय-समय पर जागरूक किया होता तो आज किसानों को परेशानी न होती। उन्होंने कहा कि किसान फसलों को बचाने के लिए विभाग के दफ्तर के चक्कर काट रहे हैं, लेकिन उनकी एक नहीं सुनी जा रही है। कुछ दिनों में गेहूं की फसल को सिट्टा लग जाएगा, जिसके बाद किसान फसल को बचाने के बजाए अपनी आंखों के सामने नुकसान होता देखने पर मजबूर हो जाएंगे। गांव काना, सुंगल, लैड़, खैरालेड़, भारख, धनुआ, लेतर, भांवला, पूरेया आदि के किसानों ने विभाग से बीमारी से ग्रस्त हो रही फसल को बचाने के लिए कृषि विभाग से सहयोग करने की आपील की है।
इस संबंध में कृषि अधिकारी मोहन लाल का कहना है किसानों की फसलों को बचाने के लिए उन्होंने प्रत्येक क्षेत्र के कर्मचारी को सख्त निर्देश दिए हुए हैं। किसान फसल को बीमारी से बचाने के लिए तब तक प्रोपिकोमाजोला 0.1 प्रतिशत दवाई का छिड़काव करें।
उन्होंने कहा यह दवाई उनके दफ्तर में उपलब्ध है किसान जब चाहे इस दवाई को पचास प्रतिशत सब्सिडी पर ले सकते हैं।
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क्या है यलो रेस्ट की बीमारी
यलो रेस्ट की बीमारी फसल की उगाई होने के दो माह बाद फैलती है फसल पीली होना शुरू हो जाती है और जब पानी की जरूरत हो तब पानी न मिले या जरूरत से अधिक पानी बारिश होने पर भी फसल को यलो रेस्ट की बीमारी फैलती है। खासकर विभाग द्वारा
किसानों को दिया जाने वाला घटिया बीज।
बचाव
जब किसानों की फसल को यलोरेस्ट की बीमारी लग जाती है तो वह तुरंत इसकी जानकारी एग्रीकल्चर विभाग को दें।
विभाग से प्रोपिकोमाजोला 0.1 प्रतिशत दवाई लेकर उसे 25 लीटर पानी में मिलाकर एक कनाल जमीन में छिड़काव करें।
जो फसल इसकी चपेट में आ गई हो, उसको तुरंत काट दें, बरना बाकी बची फसल भी इसकी चपेट में आ सकती है। जुगल मंगोत्रा, पौनी