सात दिन बाद तैयार हुआ चशोती गांव का पुल
संवाद सहयोगी किश्तवाड़ सात दिन बाद चशोती गांव का पुल बनकर तैयार हुआ। इससे इलाके के लोगो
संवाद सहयोगी, किश्तवाड़ : सात दिन बाद चशोती गांव का पुल बनकर तैयार हुआ। इससे इलाके के लोगों और मचैल में फंसे श्रद्धालुओं राहत की सांस ली। गुज्जर-बक्करवालों ने भी एक-एक करके अपना माल-मवेशियों पुल के पार करवाया।
पिछले बुधवार को चशोती गांव में भोट नाला पर बना लकड़ी का पुल बह गया था। इससे दोनों तरफ एक बरात में शामिल लोगों सहित सौ से अधिक लोग फंस गए थे। किश्तवाड़ जिला प्रशासन के मदद मांगने के बाद सेना ने रेस्क्यू आपरेशन शुरू किया और फंसे हुए 100 लोगों को नाला पार कराया। लेकिन उसके बाद भी बहुत से लोग मचैल में फंसे थे। उनके साथ गुज्जर-बक्करवाल समुदाय के लोग भी अपने माल-मवेशियों को लेकर पुल बनने का इंतजार करते रहे। लकड़ी का पुल बहने के बाद एक अस्थायी पुल बनाने का काम शुरू हुआ था, जो मंगलवार को पूरा हो गया। इससे मचैल में फंसे श्रद्धालु व गुज्जर-बकरवाल अपने अपने ठिकानों की तरफ रवाना हुए।
गुजर-बक्करवालों के कई डेरे अपनी भेड़-बकरियां लेकर पुल से गुजरे। पुल बन जाने से इलाके के लोगों ने राहत की सांस ली और प्रशासन से अपील की है कि जल्दी ही लोहे का पुल तैयार किया जाए, क्योंकि गर्मी बढ़ जाने से भोट नाला का पानी भी बढ़ जाएगा और यह अस्थायी लकड़ी का पुल फिर से बह सकता है।
एसडीएम पाडर ऋषि कुमार शर्मा का कहना था कि मंगलवार को अस्थायी तौर पर बनाए जा रहे पुल का काम पूरा हो गया है। जो थोड़ा बहुत काम बचा होगा, वह बुधवार को कर दिया जाएगा। इसके साथ ही लोहे के पुल का काम भी शुरू कर दिया गया है। उम्मीद है कि जल्दी ही लोहे का पुल भी बनकर तैयार हो जाएगा और लोगों की परेशानी भी दूर हो जाएगी।