कहीं लुप्त न हो जाए पहाड़ों पर छाई हरियाली
संवाद सहयोगी पौनी गर्मी का मौसम शुरू हो गया है। अकसर इस मौसम में जंगलों में आग की घटनाएं
संवाद सहयोगी, पौनी : गर्मी का मौसम शुरू हो गया है। अकसर इस मौसम में जंगलों में आग की घटनाएं बढ़ जाती हैं। आग की घटनाएं कम से कम हों इसके लिए वन विभाग के कर्मचारी ग्रामीणों को आग की घटनाओं के बारे में जागरूक कर रहे हैं। अधिकारियों का मानना है कि इस बार गर्मियों में आग लगने की इतनी घटनाएं सामने नहीं आएंगी, जितनी इससे पहले होती थीं।
जानकारी अनुसार जिले में आग लगने की घटनाएं व लोगों द्वारा पर्वतीय क्षेत्रों में की जाने वाली लकड़ी की अवैध कटाई इतनी बढ़ गई है कि इससे पहाड़ों की हरियाली लुप्त होने के कगार पर है।
जीव जंतुओं को भी गंवानी पड़ती है जान
किसान नेता ओमप्रकाश शर्मा ने कहा कि कुछ लोग ऐसे भी हैं जो पर्यावरण बनाए रखने के लिए स्वयं पौधे लगाकर दूसरों को भी पौधे लगाने के लिए प्रेरित करते हैं जबकि कुछ लोग अवैध रूप से हरे सोने की कटाई कर पर्यावरण को समाप्त करने के लिए कोई कसर बाकी नहीं छोड़ रहे हैं। तापमान बढ़ते ही जंगलों में आग लगने की घटनाएं बढ़ जाती हैं। ग्रामीणों का कहना है कुछ शरारती लोग हरा घास उगाने के चक्कर में जंगल में आग लगवा देते हैं, लेकिन वह यह नहीं जानते कि इस आग की चपेट में आकर कितने जीव जंतु अपनी जान गंवा देते हैं।
मई और जून में होती हैं अधिक घटनाएं
हर साल मई व व जून में जंगलों में आग की घटनाएं बढ़ जाती हैं, जिससे सैकड़ों एकड़ जंगल जल कर राख बन जाता है। ग्रामीणों को उम्मीद है कि इस बार वन-विभाग द्वारा जंगल में आग लगने की घटना को रोकने के लिए छेड़े गए जागरूकता अभियान से लोग जागरूक होंगे।
हर गांव में बनाई है पांच सदस्यों की कमेटी
पौनी और ठाकराकोट रेंज में ज्यादातर आगे की घटनाएं कपार्टमेंट नंबर 50 से 60, और 70 से 80 में आती हैं। विभाग द्वारा इस बार प्रत्येक गांव में आग बुझाने के लिए चार से पांच सदस्यों की कमेटियां बनाई हुई है जो आग लगते ही उस पर काबू पाने का पूरा प्रयास करेंगी। इस बार हर कपार्टमेंट के अधिकारी गांव में जाकर लोगों से जंगल में आग लगने की घटना को रोकने के लिए जागरूक कर रहें हैं। फिर भी अगर किसी स्थान पर आग लग जाती है तो लोगों को वन-विभाग के कर्मचारियों को आग बुझाने के लिए हर तरह की मदद करनी चाहिए, ताकि समय रहते आग पर काबू पाया जा सके।
नाइम नायक, रेंज ऑफिसर ठाकराकोट, पौनी