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हिजबुल मुजाहिद्दीन के आतंकी सहित दो गिरफ्तार

संवाद सहयोगी, किश्तवाड़ : किश्तवाड़ पुलिस ने हिजबुल मुजाहिद्दीन का नेटवर्क तोड़कर एक बड़ी कामयाब

By JagranEdited By: Published: Mon, 02 Jul 2018 02:08 AM (IST)Updated: Mon, 02 Jul 2018 02:08 AM (IST)
हिजबुल मुजाहिद्दीन के आतंकी सहित दो गिरफ्तार
हिजबुल मुजाहिद्दीन के आतंकी सहित दो गिरफ्तार

संवाद सहयोगी, किश्तवाड़ : किश्तवाड़ पुलिस ने हिजबुल मुजाहिद्दीन का नेटवर्क तोड़कर एक बड़ी कामयाबी हासिल की है। पुलिस ने गोला-बारूद सहित दो लोगों को हिरासत में लिया है, जिसमें एक हिजबुल मुजाहिद्दीन का आतंकी और दूसरा ओवर ग्राउंड वर्कर बताया गया है। एसएसपी किश्तवाड़ अबरार अहमद चौधरी ने एक प्रेसवार्ता करके इसकी जानकारी दी।

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एसएसपी ने बताया कि उन्हें पिछले कई दिनों से जानकारी मिल रही थी कि किश्तवाड़ के कुछ लोग हिजबुल मुजाहिद्दीन के आतंकी अमीन भट्ट उर्फ जहागीर सरुड़ी के इशारे पर काम कर रहे हैं और यहा पर युवाओं को पैसे का लालच देकर आतंकी संगठन में शामिल करने का काम कर रहे हैं। उसी सिलसिले में पुलिस ने एक जानकारी के अनुसार नाका लगाकर रमजान अहमद पुत्र मास्टर जावेद अहमद बानी निवासी टेंडर सोंदर को दबोच लिया और उसके कब्जे से एक चाइनीज पिस्टल, दो ग्रेनेड और पिस्टल की गोलिया बरामद की।

उन्होंने बताया कि पकड़े गए आतंकी ने पूछताछ के दौरान बताया कि किश्तवाड़ इलाके में एक मदरसा चला रहे निसार अहमद पुत्र बशीर अहमद गनेई निवासी अमृतगढ़ चिराला, जिला डोडा ने उसे यह सामान मुहैया करवाया था। पुलिस ने बिना समय गंवाए निसार अहमद को भी धर दबोचा और उसकी निशानदेही पर एके-47 की तीन मैगजीन, एके-47 की 90 गोलिया, बरामद की और उससे जब पूछताछ की गई तो उसने यह बताया कि इलाके का सक्रिय आतंकी जहागीर सरुड़ी उन्हें पैसे देता था और उसी पैसे से वे सामान खरीदते थे। वे यहा के युवाओं को भी आतंकी संगठन में शामिल होने का काम करते हैं। एसएसपी का कहना था कि जहागीर सरुड़ी पिछले कई वर्षो से इलाके में सक्रिय है, लेकिन वह इतना शातिर है कि एक जगह पर बैठकर काम नहीं करता। ज्यादातर समय वह गुफाओं में ही व्यतीत करता है और स्थानीय लोगों के साथ तालमेल बनाए रखता है। उन्हीं के जरिए अपने ओवर ग्राउंड वर्कर को पैसे भेजता है। एसएसपी ने कहा कि इलाके के आधा दर्जन के करीब लोग लापता हैं। जानकारी मिल रही है कि वे भी आतंकी संगठन के साथ काम कर रहे हैं, लेकिन हमारे पास इस बात का कोई पुख्ता सबूत नहीं है जिसके आधार पर हम उन्हें आतंकी घोषित कर सकें। इस पूरे मामले में 17 राष्ट्रीय राइफल ने भी पुलिस का साथ दिया और पूछताछ में मदद की।


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