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दो अधिकारियों के निलंबन को लेकर चीफ इंजीनियर को सहना पड़ा विरोध

संवाद सहयोगी, किश्तवाड़ : किश्तवाड़ आए पावर डेवलपमेंट डिपार्टमेंट (पीडीडी) के चीफ इंजीि

By JagranEdited By: Published: Thu, 22 Mar 2018 02:32 AM (IST)Updated: Thu, 22 Mar 2018 02:32 AM (IST)
दो अधिकारियों के निलंबन को लेकर चीफ इंजीनियर को सहना पड़ा विरोध
दो अधिकारियों के निलंबन को लेकर चीफ इंजीनियर को सहना पड़ा विरोध

संवाद सहयोगी, किश्तवाड़ : किश्तवाड़ आए पावर डेवलपमेंट डिपार्टमेंट (पीडीडी) के चीफ इंजीनियर को इंजीनियर्स के गुस्से का सामना करना पड़ा और किश्तवाड़ से ही वापस लौटना पड़ा।

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बता दें कि गत दिनों जम्मू में एक बैठक के दौरान राज्य के बिजली मंत्री एवं उप मुख्यमंत्री डॉ. निर्मल ¨सह ने किश्तवाड़ के सुपरिटेंडेंट इंजीनियर (एसई) और एक्सईएन को निलंबित करने के आदेश जारी किए थे। इस बात को लेकर पीडीडी कर्मचारियों व अधिकारियों में खासा रोष व्याप्त है और वे दोनों अधिकारियों के निलंबन वापस लेने की मांग कर रहे हैं।

बुधवार को जब पीडीडी के चीफ इंजीनियर अश्विनी गुप्ता जम्मू से किश्तवाड़ पीडीडी दफ्तर पहुंचे तो वहां पर इंजीनियर्स एसोसिएशन के पदाधिकारियों व सदस्यों ने घेर लिया। इनमें डिग्री व डिप्लोमा होल्डर्स इंजीनियर्स एसोसिएशन के पदाधिकारी व सदस्य भी थे। सभी ने चीफ इंजीनियर से कहा कि जब मंत्री ने उक्त दोनों अधिकारियों को निलंबित किया तो उन्होंने सही तरह से मंत्री को क्यों नहीं समझाया।

इंजीनियर्स ने कहा कि यह इलाका दूरदराज का होने की वजह से यहां पर काम खासी मुश्किल से किया जाता है। इसी तरह की अन्य कई मांगों को लेकर भी एसोसिएशन के लोगों ने चीफ इंजीनियर से बात की। उन्होंने कहा कि एसई व एक्सईएन को बिना उचित कारण के निलंबित किया गया है। इलाका दूरदराज का होने की वजह से सामान पहुंचाना बेहद कठिन होता है। जम्मू में बैठकर गूगल मैप से यह अंदाजा नहीं लगाया जा सकता कि कौन सा गांव कितनी दूर है और वहां सामान कैसे और कितनी देर में पहुंचाया जा सकता है।

एसोसिएशन के प्रधान राजकुमार बडयाल ने चीफ इंजीनियर से कहा कि दोनों अधिकारियों को बहाल न करने तक इंजीनियर चुप नहीं बैठेंगे। उन्होंने 48 घंटों का अल्टीमेटम देते हुए इस दौरान एसई और एक्सईएन का निलंबन रद न करने पर आंदोलन तेज करने की चेतावनी दी। उन्होंने कहा कि सभी विभागों के इंजीनियर्स काम छोड़ हड़ताल करेंगे। इसमें पीएचई, पीडब्ल्यूडी, ¨सचाई सहित अन्य सभी विभागों के इंजीनियर शामिल रहेंगे। एसोसिएशन की ओर से चीफ इंजीनियर को सरकार को सौंपने के लिए इस संबंध में एक ज्ञापन भी सौंपा गया। उन्होंने कहा कि 48 घंटों में मांग पूरी न होने पर हड़ताल होगी, जिसकी जिम्मेदारी सरकार की होगी। इसके साथ ही ज्वाइंट इंप्लाइमेंट फेडरेशन के अध्यक्ष रफी किचलु ने भी चीफ इंजीनियर से बात की और कहा कि जो मांगें इंजीनियर्स एसोसिएशन ने रखी है, वह उनका समर्थन करते हैं। एसोसिएशन आगे जो भी रणनीति तय करेगी, वह उसका समर्थन करेंगे।

वहीं, पीडीडी के इंजीनियरों ने कहा कि चीफ इंजीनियर ने मंत्री को बैठक में गलत जानकारी दी कि किश्तवाड़ के एक्सईएन ने टारगेट पूरा नहीं किया। असल में इसके लिए चीफ इंजीनियर खुद जिम्मेदार हैं, क्योंकि फंड होने पर भी पैसा रिलीज नहीं किया गया। अब जब मार्च का महीना चल रहा है तो कुछ फंड जारी कर जल्द से जल्द 20 गांव में बिजली पहुंचाने के लिए दबाब बनाया जा रहा है। जबकि टारगेट पहले 10 गांव का था और इसमें से आठ में बिजली पहुंच चुकी है। दूरदराज के कई गांव ऐसे हैं जहां बिजली के खंभे पहुंच चुके हैं, लेकिन सर्दियों के दिनों में काम नहीं हो पाता, जिस वजह से दो गांवों में बिजली नहीं पहुंची है।


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