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यात्रा शुरू होने से पूर्व सैनिटाइज किए जाएं धार्मिक स्थल

जुगल मंगोत्रा पौनी आठ जून से सभी धार्मिक स्थलों को खोलने के फैसले से लोग काफी खुश हैं। अगर सरकार द्वारा खासकर कटड़ा माता वैष्णो देवी और आधार शिविर रनसू शिवखोड़ी के धार्मिक स्थलों को दर्शनों के लिए खोला जाता है तो यहां आने वाले भक्तों के लिए इससे बड़ी खुशी कोई और नहीं हो सकती है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 03 Jun 2020 12:53 AM (IST)Updated: Wed, 03 Jun 2020 06:20 AM (IST)
यात्रा शुरू होने से पूर्व सैनिटाइज किए जाएं धार्मिक स्थल
यात्रा शुरू होने से पूर्व सैनिटाइज किए जाएं धार्मिक स्थल

जुगल मंगोत्रा, पौनी

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आठ जून से सभी धार्मिक स्थलों को खोलने के फैसले से लोग काफी खुश हैं। अगर सरकार द्वारा खासकर कटड़ा माता वैष्णो देवी और आधार शिविर रनसू शिवखोड़ी के धार्मिक स्थलों को दर्शनों के लिए खोला जाता है तो यहां आने वाले भक्तों के लिए इससे बड़ी खुशी कोई और नहीं हो सकती है। फिलहाल लोगों ने धार्मिक स्थलों को खोलने से पहले यात्रा मार्ग व गुफाओं पर सैनिटाइजर का छिड़काव करने और शारीरिक दूरी बनाए रखने के लिए ठोस उपाय करने कि अपील की है। कटड़ा माता वैष्णो देवी के दर्शन करने के बाद बड़ी संख्या में श्रद्धालु शिवखोड़ी भोले बाबा के दर्शन करने के लिए भी पहुंचते हैं, लेकिन 30 जून तक लॉकडाउन के चलते अन्य राज्यों के श्रद्धालुओं के इन धार्मिक स्थलों पर आना मनाही रहेगी। जब तक कोविड-19 महामारी को लेकर हालात सामान्य नहीं हो जाते तब तक सरकार द्वारा इन धार्मिक स्थलों पर स्थानीय श्रद्धालुओं के आने-जाने की अनुमति दी जा सकती है। अगर आठ जून को इन धार्मिक स्थलों को दर्शनों के लिए खोला जाता है तो स्थानीय श्रद्धालु सुबह से लेकर शाम तक कटड़ा और शिवखोड़ी में दर्शन करने के लिए काफी संख्या में पहुंच सकते हैं।

19 मार्च से है शिवखोड़ी की यात्रा

ऐतिहासिक धार्मिक तीर्थ स्थल शिवखोड़ी में सरकार द्वारा कोविड-19 को लेकर 19 मार्च को यात्रा बंद कर दी गई थी। यात्रा बंद होने के बाद गुफा में पं. अरुण शस्त्री, पं. सुभाष चंद्र, पं. शारदा आनंद और दीपक आचार्य द्वारा सुबह और शाम शिवलिग की पूजा की जाती है। जिसमें दूध, जल, और बेल पत्र आदि चढ़ाए जाते हैं। शिवलिग पर बाजार से मिलने वाली कोई भी वस्तु नहीं चढ़ाई जाती है। अगर कुछ दिन में यात्रा आरंभ की जाती है तो उसके बाद वह सब सामग्री शिवलिग पर चढ़ाई जाएगी जो इससे पहले पूजा में प्रयोग की जाती थी।

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सैकड़ों श्रद्धालु प्रतिदिन करते थे दर्शन

शिवखोड़ी में यात्रा बंद होने से पहले प्रतिदिन आठ से दस हजार श्रद्धालु भोले बाबा के दर्शन करने के लिए पहुंचते थे। श्राइन बोर्ड के मुताबिक शिवखोड़ी में सप्ताह में करीब पांच से छह लाख रुपये चढ़ावा चढ़ता था, जो कोविड 19 महामारी के चलते बंद होने पर बोर्ड प्रशासन को काफी नुकसान भी झेलना पड़ा है। इसके अलावा शिवखोड़ी में प्रतिदिन मेहनत मजदूरी करने वाले घोड़ा, पीट्ठू और पालकी मजदूरों के अलावा व्यापारिक प्रतिष्ठानों को भी काफी नुकसान हुआ है। शिवखोड़ी में वर्ष 2020 में जनवरी से लेकर 19 मार्च तक 4,98,800 करीब श्रद्धालुओं ने भोले बाबा के दर्शन किए थे। उम्मीद है आठ जून से यात्रा आरंभ होने के बाद फिर से रनसू शिवखोड़ी का यात्रा मार्ग बम भोले के जयघोष से गूंजेगा।

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शिवखोड़ी में जनवरी से लेकर 19 मार्च तक यात्रा बंद होने तक पांच लाख के करीब श्रद्धालुओं ने भोले बाबा के दर्शन कर लिए थे।

अगर आठ जून से यात्रा फिर से आरंभ की जाती है तो उम्मीद है यात्रियों की संख्या साल के अंत तक और अधिक बढ़ जाएगी। प्रशासन की तरफ से यात्रा आरंभ करने से पहले प्रत्येक प्रबंध किए जाएंगे। कोविड-19 बीमारी के बचाव को लेकर जिला प्रशासन की तरफ से श्रद्धालुओं को प्रत्येक सुविधा मुहैया कराई जाएगी।

- इंदु कंवल चिब, डीसी एवं शिवखोड़ी श्राइन बोर्ड रनसू की वाइस चैयरपर्सन


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