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भूकंप प्रभावित इमारत में फंसे लोगों को निकालने का किया प्रदर्शन

जिला प्रशासन की ओर से एनडीआरएफ की 13 वाहिनी और एसडीआरएफ व विभिन्न विभागों के सहयोग से ऊधमपुर के सुभाष स्टेडियम में बुधवार को भूकंप को लेकर मॉक ड्रिल की गई। इसमें पेवेलियन की इमारत को एक भूकंप का शिकार हुई एक बहुमंजिला इमारत के रूप में प्रयोग कर मॉक ड्रिल में राहत बचाव व प्राथमिक उपचार का प्रदर्शन किया गया।

By JagranEdited By: Published: Thu, 09 Sep 2021 06:27 AM (IST)Updated: Thu, 09 Sep 2021 06:27 AM (IST)
भूकंप प्रभावित इमारत में फंसे लोगों को निकालने का किया प्रदर्शन

जागरण संवाददाता, ऊधमपुर : जिला प्रशासन की ओर से एनडीआरएफ की 13 वाहिनी और एसडीआरएफ व विभिन्न विभागों के सहयोग से ऊधमपुर के सुभाष स्टेडियम में बुधवार को भूकंप को लेकर मॉक ड्रिल की गई। इसमें पेवेलियन की इमारत को एक भूकंप का शिकार हुई एक बहुमंजिला इमारत के रूप में प्रयोग कर मॉक ड्रिल में राहत, बचाव व प्राथमिक उपचार का प्रदर्शन किया गया।

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जिला उपायुक्त ऊधमपुर इंदु कंवल चिब की निगरानी में आयोजित मॉक ड्रिल में एडीसी ऊधमपुर मोहम्मद सईद खान बतौर मुख्य मेहमान शामिल हुए। उनकी मौजूदगी में मॉक ड्रिल शुरू की गई। इस अवसर पर एडीसी मोहम्मद सैयद खान ने कहा कि किे में भूस्खलन के काफी मामले आते हैं। बादल फटने और बाढ़ जैसी घटनाएं भी होती हैं। दो माह पहले भी एनडीआरएफ ने शिविर आयोजित किया गया था और एसडीआरएफ को भी प्रशिक्षित किया। उन्होंने कहा कि ऊधमपुर सेसमिक जोन 4-5 में आता है। ऐसे में भूकंप के साथ अन्य आपात स्थिति से निपटने की तैयारी करना समय की मांग है। आज की मॉक ड्रिल भी इसी का हिस्सा है। उन्होंने कहा कि एनडीआरएफ को जिला में इमारत उपलब्ध कराने का प्रयास किया जा रहा है, ताकि यहां पर स्थायी यूनिट स्थापित की जा सके और यहां पर सभी आवश्यक बचाव और राहत उपकरण व साजो सामान उपलब्ध हो सके। ईश्वर न करे, यदि कोई आपदा आए तो उस समय वा जल्द व बेहतर तरीके से राहत और बचाव कार्य कर जानमाल का नुकसान कम किया जा सके।

मॉक ड्रिल के दौरान सुभाष स्टेडियम मे अधूरी पेवेलियन की इमारत को एक बहुमंजिला इमारत दर्शाया गया। भूकंप की वजह से इस इमारत के क्षतिग्रस्त होने से कुछ लोगों के इमारत के मलबे में दब जाने और कुछ के उपर फंस जाना दर्शाया गया। घटना की सूचना मिलने पर मौके पर पहुंची एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, सेना, अर्धसैनिक बल, पुलिस,और स्वास्थ्य विभाग सहित विभिन्न विभागों के मौके पर आना दर्शाया गया।

मौक पर पहुंचने के बाद सभी ने आपसी तालमेल से काम करना शुरू किया। इसमें एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, सेना, अर्धसैनिक बल, फायर एंड इमरजेंसी इमारत में फंसे लोगों को बचाने के लिए राहत और बचाव कार्य संचालित करते हैं, जिसमें लोहा और कंक्रीट काटने वाले उपकरणों का प्रयोग कर कंक्रीट और लोहे को काटने का प्रदर्शन किया गया। इसके बाद एनडीआरएफ और एसडीआरएफ ने रस्सियों की मदद से भूकंप प्रभावित इमारत पर पहुंच कर घायलों को नीचे पहुंचने का प्रदर्शन किया। इसके साथ ही मलबे में दबे लोगों का पता लगाने के लिए उपकरणों का प्रयोग कर जीवित लोगों का पता लगा कर उनको निकाला गया। मॉक ड्रिल के दौरान घायलों को मौके पर ही प्राथमिक उपचार देने का प्रदर्शन किया किया।

मॉक ड्रिल सुबह 11 बजे निर्धारित थी, लेकिन बारिश की वजह से डेढ़ घंटा देरी से शुरू की गई और सारी मॉक ड्रिल बारिश के बीच संचालित की गई। दोपहर ढाई बजे तक मॉक ड्रिल का संचालन किया गया। मॉक ड्रिल के दौरान बड़ी संख्या में स्थानीय लोग मौजूद थे। मॉक ड्रिल का संचालन एनडीआरएफ की 13 बटालियन के असिस्टेंट कमांडेंट राणाजीत सिंह की देखरेख में किया गया। जिसमें एसडीआरएफ और सिविल डिफेंस के डिप्टी कंट्रोलर डीएसपी विद्या सागर के अलावा एएसपी ऊधमपुर, एसएचओ ऊधमपुर के अलावा कई पुलिस व प्रशासनिक अधिकारी मौजूद थे। इसके अलावा मॉक ड्रिल में सेना, सीआररपीएफ, आइटीबीपी, बीएसएफ, एसएसबी, स्वास्थ्य विभाग, बाढ़ नियंत्रण, पुलिस, फायर एंड इमरजेंसी सर्विसेज, फूड एंड सप्लाई, बिजली, जल शक्ति विभाग, परिवहन सहित 28 संबंधित विभागों ने हिस्सा लिया।


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