पैंथर्स व कांग्रेस ने कुछ नहीं किया इसलिए यह हालात : गुप्ता
जागरण संवाददाता ऊधमपुर जनता ने पार्षदों को शहर की बेहतरी के लिए मिलकर काम करने क
जागरण संवाददाता, ऊधमपुर : जनता ने पार्षदों को शहर की बेहतरी के लिए मिलकर काम करने के लिए चुना है। इसलिए नहीं कि वे ओछी राजनीति करें। ओछी राजनीति से नहीं, बल्कि मिलकर प्रयास करने से बदलाव संभव है। यह बात पूर्व विधायक पवन गुप्ता ने प्रेसवार्ता में कही।
एनजीटी द्वारा नगर परिषद ऊधमपुर को 1.39 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाने के बाद यह राजनीतिक का बड़ा मुद्दा बन गया है। इस जुर्माने को लेकर जहां पैंथर्स और कांग्रेस नप अध्यक्ष को घेर रहे हैं। इसी बीच पूर्व विधायक पवन गुप्ता ने प्रेसवार्ता में कहा कि केंद्र सरकार ने वर्ष 2010 में ऊधमपुर में ठोस कचरा प्रबंधन संयंत्र बनाने के लिए 15 करोड़ रुपये दिए गए थे। तत्कालीन राज्य सरकार और विधायक इस फंड का कोई उपयोग नहीं कर पाए। जिसके चलते बाद में वर्ष 2014 में यह फंड सरेंडर करना पड़ा।
गुप्ता ने कहा कि आज जिस जगह पर तवी किनारे कचरा फेंका जा रहा है, साल 2012 में तत्कालीन विधायक बलवंत सिंह मनकोटिया की सहमति से फेंकना शुरू हुआ था। गुप्ता ने कहा लोगों को इस समस्या से निजात दिलाने के लिए अपने कार्यकाल के दौरान इस समस्या से निजात दिलाने के लिए ठोस कचरा प्रबंधन प्रोजेक्ट के लिए जमीन की मंजूरी कैबिनेट से दिलाई। ऊधमपुर शहर की सीमा से बाहर तकरीबन 97 कनाल जमीन पर ठोस कचरा प्रबंधन प्रोजेक्ट का निर्माण होगा। वन और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड जैसे विभागों ने परियोजना को आगे बढ़ाने की अनुमति दे दी है। शहरी, आवास विकास के कमिश्नर सेक्रेटरी भी प्रोजेक्ट साइट का दौरा कर चुके हैं। उन्होंने भी ऊधमपुर के लोगों की इस समस्या को दूर करने के लिए तेजी से काम करने का आश्वासन दिया है।
गुप्ता ने कहा कि इस प्रोजेक्ट को पूरा होने में अभी कुछ साल लग सकते हैं। इसलिए शहर की इस समस्या को हल करने के लिए डीसी के प्रयासों से अनुमानित 60 लाख रुपये की लागत से एक मिनी सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट का निर्माण किया गया है। मगर कुछ पार्षदों ने इसके निर्माण को लेकर नप अध्यक्ष व उपाध्यक्ष की खुली आलोचना की। गुप्ता ने कहा कि आलोचना करने वाले कांग्रेस और पैंथर्स पार्टी के पार्षदों को पहले अपनी पार्टी के नेताओं से सवाल करने चाहिए कि आखिर केंद्र सरकारी की गठित विशेष टास्क फोर्स द्वारा प्रदान की गई धनराशि क्यों सरेंडर की गई। जब यह हुआ तो उनकी पाíटयां सत्ता में थीं और मंत्रालय में प्रमुख भूमिका निभा रही थीं।
गुप्ता ने कहा कि लोगों ने पार्षदों को मिलकर शहर की बेहतरी के लिए चुना है, न कि ओछी राजनीति करने के लिए। उन्होंने शहर के सभी नागरिकों को स्वच्छ भारत अभियान के लिए अपनी भूमिका जिम्मेदारी से निभाने की अपील की है, ताकि स्वच्छ भारत का सपना साकार हो सके। गुप्ता ने दावा किया अपने तीन साल के अल्प कार्यकाल के दौरान जितना संभव हो सका, ऊधमपुर में विकास को पटरी पर लाने के लिए हर संभव प्रयास किया है। उन्होंने कहा कि विकास का जो बीज उन्होंने बोया था, उसका फल जल्द ही दिखाई देने लगेगा।