मोबाइल इंटरनेट बंद होने पर फिर याद आया ब्रॉडबैंड
अमित माही ऊधमपुर धारा 370 और 35ए हटाने के बाद सुरक्षा कारणों से बंद हुई मोबाइल इंटर
अमित माही, ऊधमपुर
धारा 370 और 35ए हटाने के बाद सुरक्षा कारणों से बंद हुई मोबाइल इंटरनेट सेवा के कारण बीएसएनएल का ब्रॉडबैंड लगाने के लिए लोगों में होड़ मची है। कुछ जिलों में जहां मोबाईल पर वॉयस भी बंद थी, वहां पर लोग अपनों से बात करने और कारोबार चलाने के लिए लैंडलाइन टेलीफोन फिर से लगवा रहे हैं। जहां पर मोबाइल फोन नहीं चल रहे आलम यह है कि दूरसंचार जिला ऊधमपुर में पिछले एक माह में 1500 के करीब लैंडलाइन और ब्रॉडबैंड के नये कनेक्शन लग चुके हैं।
एक समय था जब इंटरनेट के लिए बीएसएनएल का ब्रॉडबैंड लोगों की पहली पसंद था। इंटरनेट से जुड़े काम करने वालों से लेकर पढ़ाई करने वाले ब्रॉडबैंड इंटरनेट पर ही काम करते थे। क्योंकि टू जी और थ्री जी मोबाइल इंटरनेट की तुलना में ब्रॉडबैंड काफी अच्छी थी। मगर जियो के फोरजी मोबाइल इंटरनेट के आते ही लोगों को मोबाइल पर अच्छी खासी स्पीड में इंटरनेट सर्फिंग मिलने लगी। सस्ती होने के कारण लोगों ने ब्रॉडबैंड कनेक्शनों को बंद करवा कर जियो फोर जी को अपनाना शुरू कर दिया। इसके चलते फोर जी आने के बाद बीएसएनएल के ब्रॉडबैंड कनेक्शन की मांग कम होती चली गई। एक समय था जब प्रतिमाह दो से तीन सौ तक बीएसएनएल ब्रॉडबैंड कनेक्शन लगते थे। मगर फोरजी आने के बाद दूरसंचार जिले में इन कनेक्शनों का लगना लगभग बंद हो गया। मगर इसके बावजूद ऊधमपुर शहर व आसपास के इलाकों में फिर भी 40 से 50 ब्रॉडबैंड कनेक्शन लगते रहे।
इसी साल फरवरी में कुछ पांच से छह दिन के लिए मोबाइल इंटरनेट सेवा बंद रखे जाने के दौरान भी लोगों के इंटरनेट से जुड़े काम प्रभावित होने पर लोगों ने फिर से ब्रॉडबैंड कनेक्शन लगवाने शुरू किए। इससे तकरीबन एक सप्ताह में 150 से ज्यादा ब्रॉडबैंड कनेक्शन लगे थे।
अब धारा 370 समाप्ति के बाद राज्य में सुरक्षा कारणों से बंद की गई मोबाइल इंटरनेट सेवा ने लोगों को फिर से बीएसएनएल की ब्रॉडबैंड की मदद लेने को मजबूर किया है। मोबाइल इंटरनेट बंद होने के दौरान बीएसएनएल की ब्रॉडबैंड सेवा काम कर रही है। जिस वजह से ऑनलाइन व इंटरनेट से जुड़े अन्य कामकाज करने वालों ने बीएसएनएल के ब्रॉडबैंड कनेक्शन लगवाना शुरू कर दिया है। जिन जिलों में मोबाइल पर वॉयस कॉलिग तक बंद थी, वहां पर लोगों ने लैंडलाइन फोन भी लगवाए हैं, जिससे वह अपनों से बात कर सकें।
बीएसएनएल अधिकारियों के मुताबिक पिछले एक माह के दौरान मोबाइल इंटरनेट बंद होने की वजह से बीएसएनएल के तकरीबन 1500 के करीब लैंडलाइन और ब्रॉडबैंड कनेक्शन लग चुके हैं। ब्रॉडबैंड कनेक्शनों और लैंडलाइन के लिए लगातार लोगों के आवेदन मिल रहे हैं।
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जहां पेयर नहीं वहां वायरलेस ब्रॉडबैंड की सुविधा
बीएसएनएल अधिकारियों ने बताया कि ब्रॉडबैंड की बढ़ी मांग स्थायी नहीं है। जिस वजह से कोई भी नई केबल नहीं बिछाई जा रही। बिछाई गई केबल में जितने कनेक्शन देने की सुविधा है, उतने कनेक्शन लोगों को दिए जा रहे हैं। शिव नगर, गोल मार्केट सहित कई ऐसे इलाके हैं जहां पर पेयर उपलब्ध नहीं है। जहां पर पेयर उपलब्ध है, वहां पर दो से तीन दिन में ब्रॉडबैंड लगा दिया जा रहा है। जहां पर कोई गुंजाइश होती है, वहां पर पेयर बनाने के लिए कुछ और समय लगता है। जहां पर कोई पेयर उपलब्ध ही नहीं वहां पर लोगों को वायरलेस उपकरण लगा कर ब्रॉडबैंड की सुविधा दी जा रही है। जिसमें एक डिश लगा कर उसे एक्सचेंज से जोड़ कर लोगों को ब्रॉडबैंड सुविधा दी जा रही है। यह केबल वाले ब्रॉडबैंड से थोड़ी महंगी है। मगर जिन लोगों को जरूरत होती है, वह लगवा रहे हैं। जिन लोगों के लैंडलाइन नंबर पहले से चल रहे हैं, वहां पर 24 घंटे के भीतर ब्रॉडबैंड की सुविधा दी जा रही है।
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कहां पर कितने लगे ब्रॉडबैंड और लैंडलाइन
जिला ब्रॉडबैंड लैंडलाइन
ऊधमपुर 500 300
किश्तवाड़ 25 100
डोडा 40 200
रियासी 60 60
रामबन 85 110
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कुल 710 770
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