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सर्वशक्ति सेवा संस्था ने मचैल यात्रा प्रबंधों पर की चर्चा

संवाद सहयोगी, किश्तवाड़ : सर्वशक्ति सेवा संस्था के प्रदेश प्रधान नेक राम मन्हास की अध्यक्षता में मच

By JagranEdited By: Published: Mon, 16 Apr 2018 07:41 PM (IST)Updated: Mon, 16 Apr 2018 07:41 PM (IST)
सर्वशक्ति सेवा संस्था ने मचैल यात्रा प्रबंधों पर की चर्चा
सर्वशक्ति सेवा संस्था ने मचैल यात्रा प्रबंधों पर की चर्चा

संवाद सहयोगी, किश्तवाड़ :

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सर्वशक्ति सेवा संस्था के प्रदेश प्रधान नेक राम मन्हास की अध्यक्षता में मचैल माता चंडी के दरबार में संस्था के कार्यकर्ताओं की बैठक हुई, जिसमें आगामी मचैल यात्रा के प्रबंधों पर विस्तृत चर्चा की गई। इसके साथ ही मचैल गांव में यात्रियों की सुविधा के लिए कराए जाने वाले विकास कार्यों पर विचार-विमर्श किया गया।

बैठक में कार्यकर्ताओं ने प्रधान से कहा कि मचैल गांव में यात्रियों के ठहरने के लिए ठोस प्रबंध किए जाने चाहिए, क्योंकि मचैल गांव एक छोटा सा गांव है। जब यात्रा ज्यादा हो जाती है तो भक्तों के रहने की व्यवस्था अपर्याप्त हो जाती है। साथ ही मचैल में शौचालयों की कमी भी है, जिससे भक्तों को शौचालय के लिए भी परेशान रहना पड़ता है। उन्होंने कहा कि आने वाली यात्रा के पहले यहां पर मोबाइल टावर, बिजली की व्यवस्था होनी चाहिए। इसके साथ ही गुलाबगढ़ से लेकर मचैल तक रास्ते को अच्छी तरह ठीक करवाया जाए, ताकि यात्रियों को कोई परेशानी न हो। इसी तरह से अन्य कार्यकर्ताओं ने अपने सुझाव दिए।

संस्था के प्रधान ने कहा कि हम पिछले तीन महीनों से जम्मू में बैठकर सरकार के नुमाइंदों, अधिकारियों से सलाह मशवरा कर रहे थे, जिनमें कई स्कीमें हमने अलग-अलग विभाग के मंत्रियों से मनवाई हैं। उन्होंने कहा कि यात्रा से पहले मचैल गांव में बिजली व मोबाइल टॉवर शुरू हो जाएगा। यात्रियों के लिए कुछ सरायों का भी निर्माण किया जा रहा है और शौचालय भी बनाने की योजना है। इसीलिए मचैल गांव में इस बैठक का आयोजन किया गया है, ताकि यहां पर स्थानीय लोगों के विचारों को सुना जाए और उनके सुझाव लेकर आने यात्रा के प्रबंध किए जाएं।

उन्होंने सभी कार्यकर्ताओं से अनुरोध किया कि वे यात्रियों की सुविधा के लिए प्रबंध करवाने में संस्था का सहयोग करें। इस यात्रा के लिए इस बार किश्तवाड़ प्रशासन के भी संपर्क में हैं। कई मामलों में उनसे विचार-विमर्श किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि बैसाखी वाले दिन से मंदिर खुल गया है और अब यात्री चलते रहेंगे, इसलिए मचैल गांव में संस्था की तरफ से एक कैंटीन खोली जानी चाहिए, ताकि बाहर से आने वाले यात्रियों को खाने-पीने में की कोई परेशानी न हो।


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