सीईओ व पार्षदों में विवाद, शहर का विकास रुका
जागरण संवाददाता ऊधमपुर डंपिग स्टेशन को लेकर उपजे विवाद के बाद नगर परिषद की निर्वाचित
जागरण संवाददाता, ऊधमपुर : डंपिग स्टेशन को लेकर उपजे विवाद के बाद नगर परिषद की निर्वाचित टीम और नप सीईओ के बीच विवाद गहराता जा रहा है। नगर परिषद अध्यक्ष और उपाध्यक्ष सहित कई पार्षदों ने सीईओ पर विश्वास में लिए बिना मनमानी से काम करने तथा पार्षदों के बताए जाने वाले काम न करने के आरोप लगाए।
सीईओ की मनमानी पर नगर परिषद ने मंगलवार को बैठक बुलाई थी, मगर सभी पार्षदों तक जानकारी न पहुंचने के कारण अब यह बैठक बुधवार को रखी गई है। नगर परिषद के सीईओ संतोष कोतवाल और नगर परिषद की निर्वाचित टीम के बीच विवाद लगातार गहराता जा रहा है। ताजा विवाद सलाथिया चौक पर डंपिग स्टेशन को हटाने के बाद बाडयां पीएचई स्टेशन के बाहर नया डंपिग स्टेशन बनाने के बाद शुरू हुआ। जब पीएचई स्टेशन के बाहर नगर परिषद ने डंपिग स्टेशन बनाने का काम शुरू करवाया तो नप उपाध्यक्ष सुरिद्र सिंह खालसा व दो अन्य वार्डों के पार्षदों ने विरोध कर काम रुकवा दिया।
इतना ही नहीं, सलाथिया चौक पर गिराए गए डंपिग स्टेशन का मलबा और फैला कचरा साफ करने के दौरान भी विवाद हुआ। नप अध्यक्ष डॉ. जोगेश्वर गुप्ता और उपाध्यक्ष सुरिद्र सिंह खालसा को विश्वास में लिए बिना नप की टीम ने जब काम शुरू किया तो कार्रवाई के विरोध में अध्यक्ष व उपाध्यक्ष कुछ पार्षदों के साथ मौके पर पहुंच गए। उन्होंने वहां पर काम कर रही जेसीबी के चालक को काम करने से मना कर दिया। इस घटना से अध्यक्ष, उपाध्यक्ष के साथ ही सभी पार्षद भी नाखुश हैं।
बहरहाल, नप अध्यक्ष ने निर्वाचित टीम को चर्चा के लिए बुलाया है। यह चर्चा मंगलवार को प्रस्तावित थी, मगर सभी पार्षदों को जानकारी न मिल पाने की वजह से अब यह बुधवार को होगी, जिसकी सूचना सभी पार्षदों को दे दी गई है।
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सीईओ कर रहे हैं मनमानी: अध्यक्ष
नप अध्यक्ष डॉ. जोगेश्वर गुप्ता ने कहा कि सीईओ पहले दिन से ही मनमानी करते आ रहे हैं। वे कोई भी कार्रवाई करने से पहले न तो उनको, न ही निर्वाचित पार्षदों को विश्वास में लेते हैं। रेहड़ियां, अतिक्रमण हटाने के बाद अब डंपिग स्टेशन को लेकर मनमाने तरीके से काम कर रहे हैं। कोई भी काम लेकर जाने पर एक ही जवाब मिलता है, यह नहीं हो सकता। बाक्स--
निकाय विभाग के डायरेक्टर से मिले
पार्षदों की जरूरत के मुताबिक वार्डो में बल्ब तक नहीं लगाए जाते। 11 साल से नगर परिषद में निर्वाचित टीम के बिना काम करने से अधिकारियों की आदत बन गई है। वह निर्वाचित टीम से किसी भी चीज पर चर्चा करना या सुझाव लेना तक जरूरी नहीं समझते। निर्वाचित पार्षदों के साथ अध्यक्ष व उपाध्यक्ष के भी अधिकार होते हैं। इस तरह के माहौल में वह काम नहीं कर सकते, ऐसे में या तो सीईओ यहां पर रहेंगे या वह। मंगलवार को जम्मू में इस मुद्दे पर निकाय विभाग के डॉयरेक्टर से भी मिले हैं।
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लगाए जा रहे आरोप हैं बेबुनियाद
उन पर लगाए जा रहे आरोप बेबुनियाद हैं। डंपिग स्टेशन का काम डीसी ऊधमपुर के निर्देश पर किया जा रहा है। सलाथिया चौक पर डंपिग स्टेशन को डिस्ट्रक्ट सेशन जज ने गिराने के निर्देश दिए थे, तब बार के पदाधिकारी व सदस्य भी मौजूद थे। उलटा पार्षदों, उपाध्यक्ष व नप अध्यक्ष ने इस काम को रुकवा कर नियमों का उल्लंघन किया है। नप अध्यक्ष बताएं कि ऐसा कौन सा काम है, जो उन्होंने नहीं किया। जो काम नियमों के मुताबिक नहीं हो सकता, केवल उसी को नहीं किया जाता। उन पर मनमानी से काम करने के आरोप बेबुनियाद लगाए जा रहे हैं।
संतोष कोतवाल, सीईओ नगर परिषद