गर्मी महसूस कर रहे हैं तो करें कुंड खनेयाडी का रुख
जुगल मंगोत्रा पौनी छोटा कश्मीर कहे जाना वाला पौनी से मात्र पांच किमी की दूरी पर बसे कुंड
जुगल मंगोत्रा, पौनी
छोटा कश्मीर कहे जाना वाला पौनी से मात्र पांच किमी की दूरी पर बसे कुंड खनेयाडी गांव की क्षेत्र में अलग ही पहचान है। चारों तरफ पहाड़ियों से गिरे व तवी नदी के किनारे बसा यह गांव प्रत्येक वर्ष खूबसूरती की ऐसी छटा बिखरता है कि मानों जन्नत कि वादियों का सारा नजारा यहीं पर है। गांव में सात वर्ष पहले पीडब्ल्यूडी की तरफ से सड़क बनाई गई। तब गांव के लिए छोटे मोटे वाहनों के आवाजाही तो शुरू हो गई, लेकिन विभाग की तरफ से उसके बाद न सड़क की मरम्मत की और न ही तारकोल बिछाने के लिए कोई ठोस कदम उठाया। गांव की सुंदरता को देखने के लिए अगर किसी की गाड़ी छूट भी जाए तो वह अपने निजी वाहन के जरिए पहुंचने में देर नहीं करते हैं। इन दिनों अगर आप गर्मी महसूस कर रहे हैं, तो अपनी तपिश को बुझाने के लिए कुंड खनेयाडी की और रुख करें। पर्यटकों को लुभाने के लिए अपनी सुंदरता की महक छोड़ रहे कुंड खनेयाडी इलाके की हरियाली को देखकर ऐसा लगता है जैसे कि सारे यहां की जन्नत यहीं पर है।
सैकड़ों एकड़ सब्जी उगाते हैं किसान
इलाके के लोगों का कहना है गांव में पहले विकास शून्य था अब गांव में सड़क, पानी, बिजली आदि पहुंचने पर इलाके का रूप ही बदल गया है। ताजा सब्जी की सैकड़ों एकड़ फसल लगाना भी कुंड खनेयाडी के किसानों का ही काम है। किसानों द्वारा फसल को तैयार करने के बाद पौनी में स्थित मंडी में बेचा जाता है।
सरकार गांव को पर्यटन के मानचित्र पर लाए
कुंड खनेयाडी के सरपंच सूरज प्रकाश का कहना है अगर सरकार कुंड खनेयाडी क्षेत्र को पर्यटन मानचित्र में लाती है तो क्षेत्र में विकास होने के साथ-साथ आने वाले पर्यटक यहां की सुंदरता का लुत्फ में भी उठा सकते हैं। हरियाली व सुंदरता को देखकर यहां स्कूली बच्चों की पिकनिक भी आना शुरू हो गई हैं। ग्रामीणों ने सरकार को कुंड खनेयाडी क्षेत्र को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की मांग की है, ताकि यहां आकर राज्य भर के पर्यटक खूबसूरती का आनंद उठा सकें।
फल व सब्जी की होती अधिक पैदावार
गांव कुंड खनेयाडी में अधिकतर किसान फलों और सब्जियों की खेतीबाड़ी करते हैं। विभिन्न प्रकार की सब्जियां और फलों की पैदावार करने के बाद किसान अपने परिवार का भरण पोषण चलाते हैं। गांव में सरकारी मुलाजिमों की संख्या कम है, लेकिन खेतीबाड़ी करने के बाद गांव के किसान अपनी बेरोजगारी को दूर करने में सबसे आगे हैं। गांव में स्कूल चिकित्सा की सुविधा भी मुहैया कराई गई है। अगर पर्यटन मानचित्र में गांव को लाया जाता है तो लोगों के लिए खुशी होगी।
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कुंड खनेयाडी गांव में पिछले काफी समय से तवी नदी से टिप्पर ट्राली वाले सड़कों, दुकानों और घरों के निर्माण के लिए निर्माण सामग्री ले जा रहे थे। ग्रामीणों ने गांव के अस्तिव को नुकसान पहुंचने व नदी नालों की गहराई और अधिक होने के डर से स्थानीय प्रशासन से नवी नदी से मैटेरियल ले जाने पर पाबंदी लगाने की मांग की थी। लोगों की मांग को ध्यान में रखते हुए कुंड खनेयाडी तवी से बिना अनुमति की मैटेरियल ले जाने पर पाबंदी लगा दी है। गांव को पर्यटन मानचित्र में लाने के लिए भी सरकार से बात की जाएगी।
राजेंद्र कुमार शर्मा, एडीसी रियासी ----
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