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मैदानी इलाके में पहुंचने लगे गुजर बक्करवाल

गुज्जर बक्करवाल वेलफेयर कमेटी के ब्लॉक प्रधान जालिद मोहम्मद ने प्रशासन से घाटी से लौटने वाले गुजर बक्करवाल समुदाय के लोगों को मैदानी इलाके में हर संभव सहायता उपलब्ध कराने की मांग की है। छह माह घाटी में गुजारने के बाद गुज्जर बक्करवालों का अपने माल मवेशियों के साथ क्षेत्र में आना शुरू हो गया है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 21 Oct 2020 02:31 AM (IST)Updated: Wed, 21 Oct 2020 05:17 AM (IST)
मैदानी इलाके में पहुंचने लगे गुजर बक्करवाल
मैदानी इलाके में पहुंचने लगे गुजर बक्करवाल

संवाद सहयोगी, पौनी : गुज्जर बक्करवाल वेलफेयर कमेटी के ब्लॉक प्रधान जालिद मोहम्मद ने प्रशासन से घाटी से लौटने वाले गुजर बक्करवाल समुदाय के लोगों को मैदानी इलाके में हर संभव सहायता उपलब्ध कराने की मांग की है। छह माह घाटी में गुजारने के बाद गुज्जर बक्करवालों का अपने माल मवेशियों के साथ क्षेत्र में आना शुरू हो गया है। बियुलियां, रनसू, भारख, सुदीनी, पुरेआ आदि गांव में रहने वाले गुज्जर बक्करवाल समुदाय के लोगों ने बताया वह गर्मियों में छह माह तक घाटी के किसी

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स्थान पर रहते हैं। जब घाटी में सर्दियों का मौसम शुरू हो जाता है, तो वे मैदानी इलाके का रुख कर लेते हैं। मोहम्मद रफीक, मोहम्मद सलीम, गुलाम दीन, कराम अली, गफूर मोहम्मद आदि का कहना है कि कोरोना के कारण कई लोग भेड़ -बकरियां को घाटी से पैदल ही अपने पुराने ठिकाने तक लाए हैं। अब वह छह माह तक मैदानी इलाके में रहने के बाद फिर घाटी में लौट जाएंगे, जिससे उनका सारा जीवन इसी तरह से आने-जाने में गुजर जाता है। इलाके में आने वाले गुज्जर बक्करवालों ने स्थानीय प्रशासन से सुविधाएं मुहैया करवाने की मांग की है। ताकि उन्हें छह माह तक मैदानी इलाके में रहने पर किसी प्रकार की कोई परेशानियों का सामना न करना पड़े।


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