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नौ दिन बाद मलबे में दबे तीनों शव बरामद

अमित माही, ऊधमपुर नौ दिन बाद आखिरकार बैट्री चश्मा क्षेत्र में भारी भूस्खलन की चपेट में आक

By JagranEdited By: Published: Thu, 15 Nov 2018 02:50 AM (IST)Updated: Thu, 15 Nov 2018 02:50 AM (IST)
नौ दिन बाद मलबे में  दबे तीनों शव बरामद
नौ दिन बाद मलबे में दबे तीनों शव बरामद

अमित माही, ऊधमपुर

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नौ दिन बाद आखिरकार बैट्री चश्मा क्षेत्र में भारी भूस्खलन की चपेट में आकर ट्रक सहित दबे तीनों लोगों के शव बुधवार मशक्कत के बाद मलबे से बरामद कर लिए गए। वीरवार पोस्टमार्टम करने के बाद तीन शव परिजनों को सौंप दिए जाएंगे। पांच नवंबर को सोमवार कश्मीर से पंजाब जाते समय बैट्री चश्मा क्षेत्र में भारी भूस्खलन होने से ट्रक सहित तीन लोग मलबे में दब गए थे। हालांकि, ट्रक की चेसीज पुलिस ने 13 नवंबर को मलबे में बरामद कर ली थी। बुधवार सुबह पुलिस, राष्ट्रीय आपदा अनुक्रिया बल (एनडीआरएफ) सहित विभिन्न एजेंसियों ने संयुक्त अभियान चलाया जोकि रात तक जारी रहा।

पहला शव दोपहर को ट्रक चालक कर्ज ¨सह(26) पुत्र मंजीत ¨सह निवासी नवा¨पड मिल्खीवाल गुरदासपुर का मिला और उसके बाद शाम को कुछ दूरी पर क्लीनर जो¨गद्र लाल(45) पुत्र गुरबचन लाल निवासी मलेयाखुर्द और उसके 21 साल के बेटे कश्मीरी लाल केशव बरामद किए गए। तीनों शवों को खाई में से निकाल रामबन जिला अस्पताल के शव गृह में रखवाया। सोमवार को निकले थे कश्मीर से

गत सोमवार को पंजाब नंबर का एक ट्रक नंबर पीबी06एके4045 सेब लाद कर श्रीनगर से पंजाब के लिए निकला। ट्रक में सवार तीन लोगों ने पांच नवंबर सोमवार को परिजनों से फोन कर काजीगुंड से रवाना होने और शाम तक जम्मू पहुंचने की जानकारी दी थी। इसके बाद वह न तो जम्मू पहुंचे और न उनके फोन लगे। हादसे की जानकारी रामबन पुलिस को आठ नवंबर को तब मिली जब ट्रक का मालिक और चालक व क्लीनर के परिजन रामबन पहुंचे। उन्होंने रामबन पुलिस को सभी के लापता होने की जानकारी दी। रामबन पुलिस ने तीनों के मोबाइल सर्विलांस पर डाले। उनकी अंतिम लोकेशन रामसू आई। चिनैनी नाशरी टनल के सीसीटीवी कैमरों की जांच में भी पाया गया कि ट्रक ने सुरंग पार नहीं की। पुलिस को ट्रक लापता होने और बैट्री चश्मा के मलबे में दबे होने की जानकारी मिली। तलाश के दौरान पुर्जे मिलने से ट्रक के मलबे में होने की पुष्टि हुई। खोजने के लिए ड्रोन की भी ली गई थी मदद

दुर्गम भूस्खलन संभावित इलाके में गहरी खाई में उतरना बेहद मुश्किल था। इसलिए पुलिस ने शुरू में ड्रोन कैमरे से पूरे इलाके की वीडियो ग्राफी की, मगर कुछ खास पता नहीं चला। बाद में जान जोखिम में जाल कर सेना और पुलिस के जवानों के साथ ट्रक के मालिक और परिजनों ने खाई में उतर कर तलाश की जिसमें ट्रक का ऑयल टैंक कुछ अन्य पुर्जे मिले जिसकी पहचान मालिक ने की। ट्रक और लोगों के मिलने की नहीं थी उम्मीद

शुरू में भारी मलबे में दबे ट्रक व लापता लोगों को खोज निकालने को हर कोई असंभव मान रहा था। नाले के रास्ते मशीन को बैट्री चश्मा तक पहुंचना जोखिम से भरा था। पोकेलेन के चालक ने असंभव बताया। मशीन के बिना मलबा हटा पाना नामुमकिन था। रामबन पुलिस हार मानने को तैयार नहीं था। एसएसपी अनीता शर्मा लगातार इस मामले में रिपोर्ट लेती रहीं। पुलिस ने पोकलेन चालक को डिगडोल के रास्ते मशीन भूस्खलन के मलबे तक पहुंचाने को राजी किया। अभियान को संचालित करने में एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, सेना, पुलिस और स्थानीय लोगों ने हर संभव प्रयास किया। सड़क से नीचे पोकलेन को उतार पाना असंभव था। शनिवार को डिगडोल से बैट्री चश्मा के लिए रवाना हुई मशीन सोमवार शाम मलबे वाली जगह पर पहुंची। मंगलवार को पहले दिन खोदाई में मशीन ने चैसीज खोज निकाली और बुधवार को तीन दबे लोगों के शव भी। सप्ताह लंबे अभियान में शामिल थे 200 लोग

अभियान में एनडीआरएफ, सेना, एसडीआरएफ, सिविल डिफेंस, रेडक्रॉस व स्थानीय लोगों को मिला कर 200 लोग शामिल थे। जो बारी-बारी से 25-30 लोगों के समूह में नीचे उतर कर खोज अभियान में सक्रिय भागीदारी निभा रहे थे। शवों को सड़क तक पहुंचाना भी मशक्कत भरा

रामबन के बैट्री चश्मा में मलबे के नीचे दफन शवों को बरामद करना तो मशक्कत का काम था ही। शवों को खाई से निकाल सड़क तक पहुंचने के लिए अभियान दल को मशक्कत करनी पड़ी। शव को सीधे 600 फीट की खड़ी ढलान वाली चढ़ाई पर लेकर चढ़ पाना संभव नहीं था। एक शव को सड़क तक पहुंचने में करीबन तीन घंटों तक का समय लग रहा था। दल को डेढ़ किलोमीटर तक का पहाड़ी चढ़ाई वाला रास्ता तय करना पड़ा। खराब मौसम ने भी इसमें कई अड़चनें डाली। अंतिम शव पहुंचाने में और भी ज्यादा मेहनत हो गई। सर्दी बढ़ने के साथ अंधेरा भी हो गया। बचाव दल ट्रार्च और मोबाइल की लाइटों की मदद से शव को उपर लाया। कोट::::

एक हफ्ते से ट्रक और लापता लोगों को तलाश के लिए जो अभियान चलाया जा रहा था। वह पूरा होने से संतोष तो है, मगर दुख इसका है कि तीन ¨जदगियों का दुखद अंत हुआ है। इस अभियान के सफलता को लेकर लगभग सभी लोग आशंकित थे। पुलिस बिना प्रयास किए नहीं रहना चाहती थी। जो प्रयास किए उसके परिणाम सफलता के रूप में सबके सामने हैं। कम से कम जान गंवाने वालों के अंतिम संस्कार उनके परिवार कर सकेंगे। इन परिवारों के साथ पुलिस की संवेदनाएं हैं।

अनीता शर्मा, एसएसपी रामबन


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