रियासी में डेयरी के विस्तार पर दिया बल
संवाद सहयोगी रियासी जिले में डेरी फॉर्म को विस्तार देने के लिए पशुपालन विभाग के मुख्य अधि
संवाद सहयोगी, रियासी : जिले में डेरी फॉर्म को विस्तार देने के लिए पशुपालन विभाग के मुख्य अधिकारी डॉ. रमेश राजदान ने बुधवार को रियासी में प्रेस वार्ता की। जिसमें उन्होंने डेयरी कोऑपरेटिव के लिए सरकार द्वारा चलाई गई योजनाओं के बारे में जानकारी दी।
डॉ. रमेश राजदान ने कहा कि जम्मू-कश्मीर राज्य में दूध उत्पादन की स्थिति इतनी अच्छी नहीं है। जबकि इसके उत्पादन की तुलना में मांग व खपत अधिक है। सरकार तथा विभाग का प्रयास है कि डेयरी कोऑपरेटिव ग्रुप तैयार किए जाए जिससे यह काम अपनाने वालों को भी काफी लाभ होगा। उन्होंने कहा कि गुजरात में बनने वाला मक्खन आज देश के प्रत्येक कोने में उपलब्ध है तो फिर क्यों न रियासी जिला में दूध उत्पादन कर उसे अन्य जगहों पर उपलब्ध कराया जाए। उन्होंने कहा कि रियासी से कुछ ही दूर कटड़ा विश्वस्तरीय स्थान है। यहां नारायणा अस्पताल और श्रीमाता वैष्णो देवी यूनिवर्सिटी भी है। सिर्फ इसी स्थान पर ही दूध और इससे तैयार होने वाले पनीर खोया व अन्य उत्पाद की काफी खपत हो सकती है। विभाग चाहता है कि 10 से 20 लोग मिलकर डेयरी कोऑपरेटिव का पंजीकरण करवाएं। विभाग द्वारा पंजीकरण से लेकर डेयरी खोलने और उत्पादन के रखरखाव व सप्लाई तक हरसंभव मदद की जाएगी। जिसमें उत्पाद को ठंडा रखने वाली मशीन और उसे सप्लाई करने के लिए रेफ्रिजरेटर बैन की सुविधा सरकार की तरफ से उपलब्ध कराई जाएगी। डेयरी में रखे जाने वाले मवेशियों के सही प्रजनन उनके उपचार में भी हरसंभव मदद होगी। उन्होंने कहा कि कलाड़ी को बेहद पसंद किया जाता है, लेकिन वह यहां लगभग गायब हो चुकी है। वह चाहते हैं कि रियासी जिला में कलाड़ी भी तैयार की जाए। इसे रियासी से बाहर भी सप्लाई किया जा सके। उन्होंने कहा कि लोगों को आगे आने की जरूरत है। विभाग और सरकार उनकी हर कदम पर मदद करेगे। उन्होंने कहा कि विभाग द्वारा पंचायत स्तर तक लोगों को इस बारे में जागरूक किया जा रहा है। यह काम इसे अपनाने वालों की आर्थिक दशा को मजबूत बनाने में काफी कारगर सिद्ध हो सकता है।