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युद्धविराम समाप्ति के एलान से राजनीतिक दल नाराज

-केंद्र सरकार के पास कश्मीर पर कोई स्पष्ट रोडमैप नहीं : जीए मीर -अमन की खातिर सभी ने किया

By JagranEdited By: Published: Sun, 17 Jun 2018 09:56 PM (IST)Updated: Sun, 17 Jun 2018 09:56 PM (IST)
युद्धविराम समाप्ति के एलान से राजनीतिक दल नाराज
युद्धविराम समाप्ति के एलान से राजनीतिक दल नाराज

-केंद्र सरकार के पास कश्मीर पर कोई स्पष्ट रोडमैप नहीं : जीए मीर

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-अमन की खातिर सभी ने किया था रमजान युद्धविराम का स्वागत, केंद्र ने बिना किसी को विश्वास में लिए कर दिया समाप्त

राज्य ब्यूरो, श्रीनगर : रमजान युद्धविराम को समाप्त किए जाने के केंद्र सरकार के एलान पर राज्य के विभिन्न राजनीतिक दलों ने नाराजगी जताई है। नेशनल कांफ्रेंस के उपाध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि सीजफायर केंद्र सरकार द्वारा की गई पहल थी। फिर भी ये लोग इस नाकामी पर ऐसे खुश हैं जैसे इसे हमारे दुश्मनों ने लागू किया था। उनकी पार्टी के प्रवक्ता जुनैद मट्टू ने कहा कहा कि केंद्र सरकार को इसे कामयाब बनाने के लिए बैक चैनल पर काम करना चाहिए था। जब इसे लागू किया गया था तो हमें लगा था कि सरकार ने पूरी तैयारी के बाद फैसला किया है। लेकिन बाद में जो हुआ, उससे पता चला कि बिना तैयारी के ही यह कदम उठाया गया है। हाल ही में आतंकी गतिविधियों में आई तेजी और पत्रकार शुजात बुखारी की हत्या के बाद इसे समाप्त किया जाना तय हो गया था। यह राज्य व केंद्र सरकार की नाकामी है।

जम्मू-कश्मीर प्रदेश कांग्रेस समिति के अध्यक्ष जीए मीर ने कहा कि केंद्र में सत्तासीन भाजपा सरकार के पास कश्मीर पर कोई स्पष्ट रोडमैप नहीं है। उन्होंने कहा कि राज्य में मुख्य धारा के सभी राजनीतिक दलों ने रमजान महीने में अमन की खातिर रमजान युद्धविराम का स्वागत किया था लेकिन केंद्र ने इसे बिना किसी को विश्वास में लिए समाप्त करने का एलान किया है जो सही नहीं है। उन्होंने कहा कि आतंकियों के खिलाफ अभियान तेज होने के साथ ¨हसक प्रदर्शनों की आशंका भी बढ़ गई है। अब हालात किस करवट बैठते हैं यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और महबूबा मुफ्ती की जिम्मेदारी है।

मा‌र्क्सवादी कम्यूनिस्ट पार्टी के नेता और विधायक मोहम्मद युसुफ तारीगामी ने कहा कि आम आदमी रमजान युद्धविराम से कुछ राहत महसूस कर रहा था। केंद्र व राज्य सरकार को सभी संबधित पक्षों से बातचीत का माहौल बनाना चाहिए था। लेकिन केंद्र सरकार ने जिस तरह से रमजान युद्धविराम को समाप्त करने का एलान किया है, वह कश्मीर में उसकी नाकामी ही साबित करता है।


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