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दुनिया के सबसे ऊंचे रेलवे ब्रिज पर ट्रेन का ट्रायल हुआ सफल! रेलगाड़ी से कश्मीर पहुंचने की राह हुई आसान

विश्व के सबसे उंचे रेलवे आर्च पुल पर ट्रेन का सफल ट्रायल किया गया और इस माह में इस रेलखंड पर परिचालन शुरू हो जाएगा। काफी समय से लोगों का इसका बेसब्री से इंतजार था और अब लोगों का इंतजार भी खत्म हो रहा है। इसको लेकर रियासी रेलवे स्टेशन पर सभी तैयारी पूरी हो चुकी हैं और इंटीग्रेटेड वॉइस रिस्पांस सिस्टम व सिग्नल जांच प्रक्रिया भी चल रही है।

By Rajesh Dogra Edited By: Shoyeb Ahmed Updated: Tue, 09 Jul 2024 10:48 PM (IST)
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चिनाब ब्रिज पर इस माह से शुरू होगा रेल परिचालन (फाइल फोटो)
जागरण संवाददाता, रियासी। Chenab Bridge Trial विश्व के सबसे उंचे रेलवे आर्च पुल से होकर रियासी से कश्मीर तक ट्रेन के सफर का वह बड़ा तोहफा इसी माह लोगों को मिल सकता है जिसके लिए काफी बेताबी से इंतजार हो रहा है।

उम्मीद जताई जा रही है कि 22 जुलाई को रियासी से कश्मीर खंड पर रेल परिचालन को हरी झंडी मिल सकती है। रियासी रेलवे स्टेशन पर स्टेशन मास्टर के अलावा रेलवे स्टाफ और पुलिस व सुरक्षा कर्मियों की तैनाती कर दी गई है।

जल्द खत्म होगा ये कार्य

टिकट काउंटर और अन्य प्रकार की मशीनरी व उपकरण भी स्थापित कर दिए गए हैं। इंटीग्रेटेड वॉइस रिस्पांस सिस्टम(आइवीआरएस) व सिग्नल जांच प्रक्रिया भी चल रही है।

मौजूदा समय सुरंगों के भीतर साफ-सफाई के अलावा उन सुरक्षा उपायों पर काम हो रहा है। जिनमें सुधार के लिए रेलवे सुरक्षा आयुक्त सीआरएतीन दिवसीय दौर में की गई जांच के बाद रेलवे अधिकारियों को जारी किए थे।

इस दिन से परिचालन होगा शुरू

उन निर्देशों के पालन के लिए 20 जुलाई तक की समय अवधि निर्धारित की गई है ऐसे में पूरी उम्मीद की जा रही है कि इस अवधि में सभी तैयारी और सुधार कार्य निपटा लिए जाने के बाद 22 जुलाई को आम लोगों के लिए रेल परिचालन शुरू हो जाएगा।

रेल चलाने से पहले की जरूरी तैयारियां और अन्य प्रक्रियाओं के चलते अब आम लोगों के रियासी रेलवे स्टेशन पर जाने और फोटोग्राफी पर भी पाबंदी लगा दी है जबकि कुछ दिन पहले तक आम लोग रियासी रेलवे स्टेशन देखने पहुंच रहे थे और वहां फोटो और वीडियो भी बना रहे थे।

28 जून को किया गया था ट्रेन का ट्रायल

रेलवे सुरक्षा आयुक्त के तीन दिवसीय दौरे के अंतिम दिन 28 जून को रेलवे सुरक्षा आयुक्त की मौजूदगी में रियासी संगलदान खंड पर तेज गति के ट्रायल में 110 किलोमीटर प्रति घंटा की गति से ट्रेन चलाने का ट्रायल भी किया गया था जिसमें सुरंग के भीतर धूल और मिट्टी की समस्या उभर कर सामने आई।

उस ट्रायल के दौरान सुरंग के बीच से गुजरते समय काफी धूल और मिट्टी के गूब्बार उड़ने लगे थे जिसस ट्रेन के ऑपरेटर के लिए आगे की दृश्यता बहुत कम हो गई थी।

धूल उड़ाती हुई सुंरग से बाहर आई ट्रेन

तेज गति के उस ट्रायल के दौरान ट्रेन के साथ ही काफी धूल और मिट्टी के गुब्बार तथा पॉलीथिन और प्लास्टिक के टुकड़े उड़कर ट्रेन के साथ सुरंग से बाहर आ गए थे। जहां तक कि खुले गेट और खिड़कियों से ट्रेन के डिब्बो में भी धूल और मिट्टी उड़ने लगी थी। इस बात को भी रेलवे सुरक्षा आयुक्त द्वारा नोटिस किया गया था और सुरंग के भीतर साफ-सफाई के निर्देश दिए थे।

बता दे कि उधमपुर से कटड़ा तो दूसरी तरफ घाटी से संगल दान तक रेल सेवा पहले से जारी है। अब संगलदान से रियासी के बीच 46 किलोमीटर खंड में रेल सेवा शुरू करने की तैयारी है।

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