मां मचाती रही शोर, बच्चे को ले गया नरभक्षी तेंदुआ
राजेश डोगरा, रियासी रियासी जिला के माहौर तहसील के जमलान इलाके में सोमवार शाम को
राजेश डोगरा, रियासी
रियासी जिला के माहौर तहसील के जमलान इलाके में सोमवार शाम को आदमखोर तेंदुए ने चार साल के बच्चे को अपना निवाला बना लिया। दूसरे दिन बालक का जंगल से शत-विक्षत शव बरामद हुआ। इलाके में तेंदुए द्वारा डेढ़ सप्ताह में बच्चे को अपना शिकार बनाने की यह दूसरी घटना है। ताजा घटना सोमवार शाम जमलान इलाके में घटी जब चार वर्षीय बालक वसीम पुत्र नूरानी घर में ही अपनी मां के साथ खेल रहा था। इसी बीच मां घर के कामों में व्यस्त हो गई तो घर के समीप घात लगाए तेंदुआ अचानक बालक पर झपटा और पलक झपकते ही उसे मुंह म दबोच कर जंगल में भाग गया। यह देख में ने शोर मचाया तो परिवार के सदस्यों के अलावा आस पड़ोस के लोग भी इकट्ठा हो गए। सभी ने तुरंत जंगल में तलाश शुरू कर दी। इस घटना की जानकारी मिलने पर माहौर से प्रशासनिक अधिकारी, पुलिस और सेना के जवान भी वहां पहुंच गए। सभी ने रात भर जंगल में तलाश जारी रखी। लेकिन अंधेरे में कोई सफलता नहीं मिली। दूसरे दिन मंगलवार को घटनास्थल से लगभग डेढ़ किलोमीटर दूर एक नदी के पार जंगल में बालक का शत विक्षत शव बरामद हुआ। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर उसे माहौर अस्पताल पहुंचाया। यहां जरूरी औपचारिकताएं पूरी कर शव परिजनों के हवाले कर दिया गया।
विभाग को इंसानों की बजाय तेंदुए की फिक्र
क्षेत्र में आए दिन नरभक्षी तेंदुए द्वारा इंसानों को अपना निवाला बनाने की घटनाओं से स्थानीय लोगों में वन्य जीव संरक्षण विभाग के प्रति जबरदस्त रोष है। लोगों का कहना है कि विभाग को इंसानों की जान से ज्यादा आदमखोर तेंदुए की फिक्र है। इलाके में तेंदुए के हमले पहले तो पालतू जानवर तक ही सीमित थे। लेकिन पिछले कुछ वर्षों से आदमखोर तेंदुए के हमले इंसानों पर होने लगे हैं। जिसमें कई लोगों की जान चली गई तो कई गंभीर रूप से घायल हो गए। किसी भी घटना के बाद वन्य जीव संरक्षण विभाग तेंदुए को पकड़ने के अभियान का दिखावा करता रहा है। दो-चार दिन अपनी सक्रियता दिखा कर विभाग फिर से आंखें मूंद कर सो जाता है फिर इतनी देर में दूसरी घटना घट जाती है। आखिर ऐसा कब तक चलता रहेगा। जमलान के सरपंच हाजी बशीर अहमद ने कहा कि नरभक्षी तेंदुए के हमले से इंसानों की जाने जा रही है। उन्होंने कहा कि आदमखोर तेंदुए को मार गिराने के लिए शीघ्र निर्देश जारी किया जाए। अगर सरकारी तंत्र नरभक्षी तेंदुए को मार गिराने में असमर्थ है तो फिर ग्रामीणों को इजाजत दी जाए।
तेंदुए के हमले के आंकड़े
रियासी जिला के विभिन्न क्षेत्रों में तेंदुए द्वारा लोगों पर हमला कर इंसानों को अपना निवाला बनाने तथा घायल करने के कई मामले हुए हैं। विशेषकर माहौर क्षेत्र में पिछले कुछ वर्षों में दर्जन से भी अधिक लोग तेंदुए के हमलों में मारे जा चुके हैं। जिनमें अधिकतर बच्चे शामिल हैं। ज्यादातर घटनाओं में तेंदुआ इंसानों को उनके घरों व जंगल में बनाई ढोक से उठा ले गया। फिर बाद में उनके शत विक्षत शव ही बरामद हुए। इनमें साल स्थान तेंदुए का शिकार
2 दिसंबर 2013 शिवरास रहमति (5)
31 अगस्त 2015 लाड मोहम्मद इकबाल (7)
15 सितंबर 2015 भदर शाहीन (6)
10 नवंबर 2015 बगोदास शहबाज अहमद (13)
23 जनवरी 2016 अंगराला नसीम बानो (3)
9 सितंबर 2016 लोहनगली अजीजा बेगम (55)
12 अक्टूबर 2016 हसौत नूर हुसैन (12)
31 नवंबर 2016 अंगराला न•ाकत अली (15)
15 जनवरी 2017 टुकसन जैतून बानो (8)
6 अगस्त 2017 बठोई शाहिदा परवीन (13)
7 दिसंबर 2018 कंसोली रकमत अली (8)