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कुत्ते के काटने पर चिकित्सक की सलाह व उपचार जरूरी

संवाद सहयोगी, पौनी : प्राइमरी हेल्थ सेंटर पौनी में व‌र्ल्ड रेबीज डे पर कार्यक्रम आयोजित किया ग

By JagranEdited By: Published: Fri, 28 Sep 2018 06:39 PM (IST)Updated: Fri, 28 Sep 2018 06:39 PM (IST)
कुत्ते के काटने पर चिकित्सक की सलाह व उपचार जरूरी
कुत्ते के काटने पर चिकित्सक की सलाह व उपचार जरूरी

संवाद सहयोगी, पौनी : प्राइमरी हेल्थ सेंटर पौनी में व‌र्ल्ड रेबीज डे पर कार्यक्रम आयोजित किया गया। जिसमें स्वास्थ्य कर्मियों ने मरीजों को एंटी रेबीज वैक्सीन के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी दी। इसके अलावा स्वास्थ्य कर्मियों ने कस्बे की झुग्गी झोंपड़ी में रह रहे लोगों को भी एंटी रेबीज वैक्सीन के बारे में विस्तार से जानकारी दी।

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मलेरिया इंस्पेक्टर सतपाल शर्मा, हेल्थ एजुकेटर बोध राज शर्मा, बेसिक हेल्थ वर्कर तिलक राज शर्मा ने लोगों को जागरूक करते हुए कहा पागल कुत्ते के काटने पर ही एंटी रैबीज वैक्सीन लगती है। जानकारी के अभाव और जांच की सुविधा न होने से कुत्ते का पंजा लगने पर भी लोग वैक्सीन लगवाने आ जाते हैं। हालांकि वैक्सीन के साइड इफेक्ट नहीं हैं। अगर पागल कुत्ता काटे तो इसका असर तीन दिन, तीन सप्ताह, तीन महीने और तीन साल बाद भी हो सकता है। रैबीज का असर होने के बाद कोई इलाज नहीं होता।

उन्होंने कहा लोग पालतू कुत्तों को एंटी रैबीज वैक्सीन लगवा लेते हैं। आवारा कुत्तों को नगर निकाय और ग्राम पंचायत के पकड़ने पर पशु पालन विभाग एंटी रैबीज इंजेक्शन लगा सकता है, लेकिन निकायों या पंचायतों ने अब तक कभी ऐसा किया नहीं है। स्वास्थ्य कर्मियों ने कुत्ते के काटने पर तुरंत चिकित्सक की सलाह लेने व स्वास्थ्य केंद्र पर पहुंचकर प्राथमिक उपचार करने की सलाह दी है। कुत्ते के काटने का बचाव

1. कुत्ते के काटने पर जब घाव हो जाए तो उसे 15 मिनट तक पानी की धार से धोएं।

2. घाव को कॉस्टिक सोडा वाले साबुन से भी धोएं। बीटाडिन व डिटॉल से धो सकते हैं।

3. रैबीज का वायरस लार छोड़ता है, धोने से 80 प्रतिशत तक रैबीज से बचाव हो जाता है।

4. घाव पर न तो कोई पट्टी बांधे और न ही कपड़ा। घाव को खुला ही छोड़ देना चाहिए।

5. तुरंत डॉक्टर के पास जाएं और 24 घंटे के भीतर पहली एंटी रैबीज की डोज लगवा लें।

6. फिर तीसरे, सातवें, 14वें और 28वें दिन एंटी रैबीज का डोज लगवाना होगा।

7. जादू, टोना और घरेलू उपचार के चक्कर में न पड़ें। इससे नुकसान मरीज को होगा।


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