किश्तवाड़ वाया संथन टाप होते श्रीनगर जाने वाले मार्ग पर जल्द दौड़ेंगे वाहन
किश्तवाड़ से वाया संथन टॉप से होते हुए अनंतनाग श्रीनगर जाने वाले पर्यटकों और आम लोगों के लिए अच्छी खबर है। सर्दियों के मौसम में पांच-छह माह बंद रहने वाली इस सड़क को खोलने की तैयारियां मुकम्मल हो गई हैं। ग्रेफ के कर्मचारी सड़क की साफ-सफाई के काम में जुटे हुए हैं। अगर सबकुछ ठीक रहा तो जल्द ही यह सड़क आम लोगों के लिए खोल दी जाएगी। इस सड़क को हमेशा मई के आखिर या जून के पहले सप्ताह में ही खोली जाती थी लेकिन इस बार मार्च महीने के पहले सप्ताह में ही खोली जा रही है।
बलवीर सिंह जम्वाल किश्तवाड़ :
किश्तवाड़ से वाया संथन टॉप से होते हुए अनंतनाग, श्रीनगर जाने वाले पर्यटकों और आम लोगों के लिए अच्छी खबर है। सर्दियों के मौसम में पांच-छह माह बंद रहने वाली इस सड़क को खोलने की तैयारियां मुकम्मल हो गई हैं। ग्रेफ के कर्मचारी सड़क की साफ-सफाई के काम में जुटे हुए हैं। अगर सबकुछ ठीक रहा तो जल्द ही यह सड़क आम लोगों के लिए खोल दी जाएगी। इस सड़क को हमेशा मई के आखिर या जून के पहले सप्ताह में ही खोली जाती थी, लेकिन इस बार मार्च महीने के पहले सप्ताह में ही खोली जा रही है।
किश्तवाड़-बाया संथन टॉप मार्ग का करीब 35 साल पहले निर्माण हुआ था। लेकिन सर्दियों के महीने में अधिकांश समय बंद ही रहती थी। शुरुआती दौर में इस सड़क का निर्माण पीडब्ल्यूडी कर रहा था। निर्माण कार्य में तेजी देने के लिए इस सड़क निर्माण की जिम्मेदारी बीकन (ग्रेफ) को सौंप दी गई। छह साल पहले इस सड़क का निर्माण की जिम्मेदारी फिर से पीडब्ल्यूडी को सौंप दी गई। पीडब्ल्यूडी ने इस सड़क को एनएचआइडीसीएल कंपनी के हवाले कर दिया। यह सड़क हमेशा मई के आखिर या जून के पहले सप्ताह में ही खोली जाती थी, लेकिन इस बार इस सड़क को मार्च महीने के पहले सप्ताह में ही खोला जा रहा है। यह बहुत बड़ी उपलब्धि है।
संथन टॉप तक पहुंची निर्माण कंपनी की गाड़िया
उपराज्यपाल प्रशासन की ओर से इस मार्ग को जल्द खोलने के लिए काफी दबाव है। इसलिए इस सड़क को खोलने के लिए जनवरी माह से ही काम शुरू हो गया था। पिछले कई दिनों से एनएचआइडीसीएल की मशीनें संथन टॉप तक पहुंच गई हैं और उनकी गाड़िया भी टाप तक पहुंच गई हैं सिर्फ साफ सफाई का काम चल रहा है, लेकिन अभी चार दिन पहले हुई बर्फबारी ने इस सड़क को फिर अपनी चपेट में ले लिया, जिससे सड़क को साफ करने में भी परेशानी हो रही है। लेकिन साफ-सफाई का काम जोरों पर है।
हाईवे का विकल्प होगा किश्तवाड़-संथन टाप मार्ग
रामबन और बनिहाल के बीच हाईवे पर पहाड़ों से मलबा गिरने की सूरत में किश्तवाड़-संथंन टाप मार्ग को विकल्प के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है। वह दिन दूर नहीं कि जब आम आदमी की गाड़ी इस सड़क से श्रीनगर के लिए जाएगी। इस सड़क को खोलने का सबसे बड़ा यह मकसद भी है कि जैसे रामबन और बनिहाल के बीच रोजाना पहाड़ों से मलबा गिरने के चलते हाईवे बंद हो जाता है और श्रीनगर जाने के लिए कोई रास्ता नहीं रहता। अगर यह सड़क साफ रहती तो रामबन-बनिहाल की सड़क बंद होने पर इस सड़क का इस्तेमाल किया जा सकता है। क्योंकि यह मार्ग बटोत से लेकर संथन टॉप तक डबल लेन है।
वर्ष 2014 में बाढ़ आने पर इस मार्ग का हुआ था इस्तेमाल
वर्ष 2014 में कश्मीर में बाढ़ आई थी तो किश्तवाड़ से संथन टॉप होते हुए श्रीनगर जाने वाले मार्ग काइस्तेमाल किया गया था। कश्मीर से फंसे हुए लोगों को इसी रास्ते से निकाला गया था। इतना ही नहीं पेट्रोल-डीजल- मिट्टी तेल, गैस के वाहन भी इसी मार्ग से कश्मीर जाते रहे। इस सड़क पर सिर्फ बर्फबारी होने की स्थिति में ही यातायात ठप होता है अन्यथा यह मार्ग पूरी तरह सुरक्षित है। कहीं भी पहाड़ों से कोई मलबा गिरने का डर नहीं है।
संथन टॉप के आगे अनंतनाग की तरफ इस मार्ग को भी साफ कर दिया गया है। बस अब कुछ ही दिनों में इस मार्ग पर वाहनों की आवाजाही शुरू हो जाएगी।
डोडा, भद्रवाह, किश्तवाड़ से श्रीनगर की दूरी होगी कम
जम्मू से अनंतनाग 387 किमी, बटोत से अनंतनाग 265 किमी, डोडा से अनंतनाग 215 किमी और किश्तवाड़ से अनंतनाग 155 किमी और अनंतनाग से श्रीनगर की दूरी 50 किमी है। इस सड़क के फायदे यह है कि जब यह खुल जाती है तो डोडा, भद्रवाह और किश्तवाड़ के लोगों को श्रीनगर जाने में आसानी होगी। इस मार्ग के बंद होने पर यहां के लोग बटोत से रामबन, बनिहाल होते हुए श्रीनगर पहुंचते हैं। आपातकालीन स्थिति में इस सड़क का इस्तेमाल किया जा सकता है। इस सड़क से सुरक्षाबलों के काफिले को भी निकाला जा सकता है। सड़क साफ होने पर पर्यटकों के लिए संथंन टॉप एक ऐसी जगह है, जहा पर आपको जून-जुलाई तक बर्फ जमी मिलेगी और पर्यटक इस का भरपूर आनंद ले सकते हैं।