लॉकडाउन के चलते मिट्टी के बर्तन बनाने वालों का काम प्रभावित
संवाद सहयोगी ऊधमपुर कोरोना महामारी के कारण पूरे देश में व्यापार व काम-धंधे प्रभावित हुए हैं।
संवाद सहयोगी, ऊधमपुर : कोरोना महामारी के कारण पूरे देश में व्यापार व काम-धंधे प्रभावित हुए हैं। लॉकडाउन के चलते मिट्टी का घड़ा बनाने का काम करने वाले लोगों का भी व्यवसाय काफी प्रभावित हुआ है।
शहर के बीचोबीच धार रोड पर स्थित वीनस चौक पर पिछले 50 साल से मिट्टी के घड़े व अन्य सामान बनाकर अपने परिवार का पालन पोषण करने वाले तरसेम लाल ने बताया कि कोरोना के चलते अचानक लॉकडाउन लग गया था। उसी के चलते उनके द्वारा बनाए गए मिट्टी के घड़े, सुराही, मिट्टी का कैंपर व अन्य सामान उनके पास डंप हो गया है। हालाकि कुछ दिनों से शहर में लॉकडाउन में दी गई ढील के दौरान उनका कुछ सामान तो बिक रहा है, लेकिन मिनीबसें न चलने के कारण ग्रामीण क्षेत्रों से उनके पास आने वाले ग्राहक नहीं पहुंच पा रहे हैं। जिसके चलते मौजूदा समय में उनके पास काफी तैयार किया गया सामान डंप पड़ा हुआ है। उन्होंने बताया कि पहले उनके पिता इस व्यापार को चलाते थे। अब वह इस व्यापार को कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि आज के इस आधुनिक युग में भी कई लोग घडे़ का ही पानी पीते हैं। उन्होंने बताया कि घड़े के दाम 50 रुपये से शुरू होकर 100 व 150 के करीब है। ऐसे ही सुराही का दाम 150 रुपये है, जबकि मिट्टी का कैंपर जिसके आगे एक नल लगाया गया है, उसकी कीमत 250 रुपये के बीच है। उन्होंने कहा मौजूदा समय में उनका व्यापार इतना ठीक भी नहीं, लेकिन चल रहा है। उन्होंने बताया कि वह मिट्टी से तैयार होने वाली कई चीजों को बनाते हैं, जिसमें कई प्रकार के दीये, गड़वी, भुगनी, मट, तंदूर व अन्य सामान तैयार करते हैं। उन्होंने बताया कि इन चीजों को तैयार करने के लिए चिकनी मिट्टी की जरूरत पड़ती है, जोकि वह जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित रठियान, गरनई, बट्टलबालिया व माड से लाते हैं।