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पानी की बोतल खरीद प्यास बुझा रहे श्रद्धालु

पीएचई विभाग के अस्थायी कर्मियों की कामछोड़ों हड़ताल के कारण कटड़ा में पेयजल संकट गहरा गया है। इसके कारण स्थानीय लोगों के साथ ही देशभर से आए मां वैष्णो देवी के श्रद्धालुओं को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। श्रद्धालुओं को बोतलबंद पानी खरीद कर अपनी प्यास बुझानी पड़ रही है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 23 Feb 2020 01:07 AM (IST)Updated: Sun, 23 Feb 2020 01:07 AM (IST)
पानी की बोतल खरीद प्यास बुझा रहे श्रद्धालु
पानी की बोतल खरीद प्यास बुझा रहे श्रद्धालु

संवाद सहयोगी, कटड़ा : पीएचई विभाग के अस्थायी कर्मियों की कामछोड़ों हड़ताल के कारण कटड़ा में पेयजल संकट गहरा गया है। इसके कारण स्थानीय लोगों के साथ ही देशभर से आए मां वैष्णो देवी के श्रद्धालुओं को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। श्रद्धालुओं को बोतलबंद पानी खरीद कर अपनी प्यास बुझानी पड़ रही है।

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कस्बे के लोगों कहना है कि अगर पीएचई विभाग का रवैया इसी तरह रहा तो वे उग्र प्रदर्शन करने को मजबूर हो जाएंगे। इसकी जिम्मेदारी विभाग की होगी।

कस्बे के अधिकांश हिस्सों में कई दिनों से पानी की आपूर्ति नहीं हो रही है। ऐसे में कटड़ा में निजी पानी टैंकरों की चांदी हो गई है। वे मनमाने दाम वसूल रहे हैं। पीएचई विभाग पूरी तरह कोशिश कर रहा है कि पानी की सप्लाई सुचारु हो सके लेकिन वह विफल साबित हो रहा है। सबसे बुरा हाल कस्बे के मुख्य बाजार का है। यहां एक सप्ताह से पानी की सप्लाई ठप होकर रह गई है। हालात यह है कि श्रद्धालुओं को प्यास बुझाने के लिए भी पानी नसीब नहीं हो रहा है। इसका असर व्यापार पर भी पड़ रहा है। पानी की कमी के कारण श्रद्धालु होटलों के साथ ही गेस्ट हाउस, धर्मशाला आदि में ठहरने में आनाकानी कर रहे हैं। श्रद्धालुओं को पानी की जरूरत के लिए बाणगंगा नदी के साथ ही भूमिका मंदिर नदी की ओर रुख करना पड़ रहा है। कस्बे के लोगों को प्राकृतिक जलस्त्रोतों बावलियों से पानी लाकर काम चलाना पड़ रहा है। पीएचई विभाग के पास कटड़ा क्षेत्र के लिए मात्र आठ ही स्थायी कर्मचारी हैं, जबकि अस्थाई कर्मियों की संख्या करीब सौ है। हालांकि स्थायी कर्मचारी कस्बे में पानी की सप्लाई सुचारु करने में जुटे हुए हैं। इस संबंध में कटड़ा पीएचई विभाग के एईई राजीव ओगरा के अनुसार पीएचई विभाग के अस्थायी कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर काम छोड़ हड़ताल पर हैं। हड़ताली कर्मी आए दिन पाइप लाइनों को ब्लॉक कर देते हैं। इससे पानी की समस्या बढ़ गई है।


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