सीट बेल्ट पहनकर यहां वाहन चलाना समझते है शान के खिलाफ
अमित माही ऊधमपुर यातायात नियमों का उल्लंघन करने वालों पर सख्ती के बाद बदलाव तो आया ह
अमित माही, ऊधमपुर
यातायात नियमों का उल्लंघन करने वालों पर सख्ती के बाद बदलाव तो आया है, लेकिन चारपहिया वाहन चालक अभी तक सीट बेल्ट पहनने के आदि नहीं हुए हैं। चारपहिया वाहन में अभी भी ज्यादातर वाहन बिना सीट बेल्ट के ही वाहन चलाते नजर आ रहे हैं। पुलिस की ओर से सीट बेल्ट न पहनने वालों पर कार्रवाई तो की जा रही है, लेकिन सीट बेल्ट न पहनने वालों के खिलाफ विशेष अभियान नहीं चलाया गया है।
एक सितंबर से मोटर व्हीकल एक्ट में बदलाव होने के बाद से सड़कों पर यातायात नियमों का उल्लंघन रुका तो नहीं है, लेकिन इसमें कमी जरूर आई है। 60 फीसद लोगों के सिर पर जहां हेलमेट नजर आने लगे हैं, वहीं ज्यादातर वाहन चालक आवश्यक दस्तावेज वाहन में रख कर ही घरों से निकल रहे हैं। पिछले करीब एक पखवाड़े से हो रही कार्रवाई का दोपहिया वाहन चालकों पर ज्यादा प्रभाव पड़ा है। क्योंकि पुलिस ने दोपहिया वाहन चालकों को केंद्रित कर विशेष अभियान भी चलाए।
मगर चारपहिया वाहनों के चालक अभी भी सीट बेल्ट को पहनना जरूरी नहीं समझ रहे। ऊधमपुर में चारपहिया वाहन में महज 20 फीसद वाहन चालक ही सीट बेल्ट पहन कर वाहन चलाते नजर आते हैं। 80 फीसद वाहन चालक अभी भी बिना सीट बेल्ट के वाहन चलाते हैं। ऊधमपुर में चार पहिया वाहन चालक शायद तब तक सीट बेल्ट पहन कर वाहन चलाना शुरू नहीं करेंगे, जब तक यातायात पुलिस उनके खिलाफ बिना हेलमेट पहन वाहन चलाने वालों की तरह विशेष व व्यापक अभियान शुरू नहीं करेगी।
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चालक के साथ बैठने वालों के लिए सीट बेल्ट पहनना जरूरी
चारपहिया वाहन में चालक के लिए तो सीट बेल्ट पहनना जरूरी है ही। चालक के साथ अगली सीट पर बैठ कर सफर करने वाले यात्री के लिए भी सीट बेल्ट पहनना अनिवार्य है। ऐसा न करने वाले मोटर व्हीकल एक्ट के तहत कार्रवाई के दायरे में आते हैं। मगर ऊधमपुर में 20 फीसद चालक तो सीट बेल्ट पहन कर वाहन चलाते हैं, मगर चालक के साथ अगली सीट पर बैठ कर बेल्ट लगाने वालों की संख्या 5 फीसद से भी कम है।
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यात्री वाहनों के चालक नहीं पहनते सीट बेल्ट
ऊधमपुर में ज्यादातर बस, मेटाडोर व मिनीबस व अन्य यात्री वाहनों के चालक बिना सीट बेल्ट के वाहन चलाते हैं। टैक्सी चलाने वाले तो कई चालक तो सीट बेल्ट पहन कर वाहन चलाते हैं, मगर बाकी के वाहन चालक बिना सीट बेल्ट के ही सड़कों पर वाहन दौड़ाते नजर आते हैं। मेटाडोर और बसों के चंद ही चालक होंगे जो सीट बेल्ट पहन कर वाहन चलाता दिखता होगा। ऐसा ही हाल स्कूलों के वाहन चलाने वाले चालकों का भी है। वैसे तो ज्यादातर स्कूलों के वाहन चलाने वाले चालक सीट बेल्ट पहने नजर आते हैं, मगर बिना सीट बेल्ट के स्कूल बस व वाहन चलाते नजर आने वाले चालकों की भी कमी नहीं है।
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यातायात पुलिस नियमित रूप से नाके लगा कर कार्रवाई कर रही है। नाकों पर बिना सीट बेल्ट के पकड़े जाने वाले चालकों के चालान करने से लेकर चेतावनी देकर छोड़ा जाता है। वाहन चालकों को मोटरव्हीकल एक्ट में हुए बदलाव के बाद लागू हुए भारी भरकम जुर्मानों की जानकारी देने के लिए जल्द ही यातायात पुलिस जागरूकता अभियान भी चलाएगी। जागरूकता अभियान खत्म होते ही यातायात नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ रवैया अपनाया जाएगा। इसमें कभी बिना हेलमेट, बिना प्रदूषण नियंत्रण प्रमाण पत्र, कभी सीट बेल्ट और कभी ओवरलोडिग सहित अन्य उल्लंघनों को विशेष तौर पर केंद्रित कर अभियान चला कर कार्रवाई की जाएगी।
लवकर्ण तनेजा, डीएसपी ट्रैफिक, ऊधमपुर