जुर्माने के डर से दोपहिया वाहन चालक पहनने लगे हेलमेट
08यूडीएम12- उधमपुर में दुकान से हैल्मेट खरीदता युवक। 08यूडीएम13- अजय सिंह जमवाल 08यूडीएम
08यूडीएम12- उधमपुर में दुकान से हैल्मेट खरीदता युवक।
08यूडीएम13- अजय सिंह जमवाल
08यूडीएम14- रोहित शर्मा
08यूडीएम15- कन्हैया लाल शर्मा
08यूडीएम16- रवि कुमार संवाद सहयोगी, ऊधमपुर : यातायात नियमों का पाठ जिन लोगो को समझ में नहीं आया, उन्हें मोटर व्हीकल एक्ट में संशोधन के बाद भारी भरकम जुर्माना ने नियमों की बारीकियां तक सिखा दी। यातायात नियमों की खुलेआम धज्जियां उड़ाने वाले दोपहिया वाहन चालक अब यातायात नियमों को अपनी आदत बनाने लगे हैं। बिना हेलमेट के दोपहिया वाहन दौड़ाने वाले लोग मौजूदा समय में अब भारी भरकम जुर्माने से बचने के लिए सिर पर हेलमेट पहनकर ही घर से बाहर निकल रहे हैं। नए नियम लागू होने तथा पुलिस की सख्ती की वजह से हेलमेट की बिक्री में भी इजाफा हुआ है। पिछले एक हफ्ते में ही हेलमेट की बिक्री छह से सात गुना बढ़ गई है।
नए नियम और जुर्माना लागू होने के बाद जो लोग अब तक हेलमेट पहनना शान और फैशन के खिलाफ समझते थे, वो हेलमेट पहन कर वाहन चलाना ही बेहतर समझ रहे हैं। क्योंकि एक बार बिना हेलमेट के पकड़े जाने का जितना चालान हो रहा है, उतने में तो अच्छी कंपनी की आइएसआइ हेलमेट आ जाता है। यही कारण है कि बाजार में हेलमेट की बिक्री भी बढ़ गई है। हेलमेट विक्रेता राजेश पचियाला, संजीव कुमार व राकेश कुमार ने बताया कि पहले तकरीबन चार से पांच छह हेलमेट रोज बिकता थे। इसमें से भी ज्यादातर खरीदार सैन्यकर्मी होते थे। मगर एक सितंबर के बाद मोटर व्हीकल एक्ट में संशोधन के बाद लागू नए जुर्मानों की वजह से हेलमेट की बिक्री में अचानक बढ़ोतरी हुई है। पहले की तुलना में हेलमेटों की बिक्री छह से सात गुना तक बढ़ गई है। किसी दिन तो दस गुना बढ़ जाती है।
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बिना आइएसआइ मार्क वाली हेलमेट हैं सस्ता
बाजार में हर किस्म के हेलमेट उपलब्ध है। जिसमें से अन ब्रैंडेड कंपनी के सस्ते हेलमेट 250 रुपये से 500 रुपये तक में बिक रहे हैं। मगर यह बिना आइएसआइ मार्क वाले हेलमेट हैं। वहीं स्टड्स, स्टीलबर्ड और वेगा कंपनी के हेलमेट की रेंज 800 रुपये लेकर ढाई से तीन हजार रुपये तक है। बाजार में इससे भी ज्यादा कीमत के हेलमेट बिक्री के लिए उपलब्ध हैं, जिनकी कीमत पांच हजार रुपये तक है। मगर इनके खरीदार न के बराबर है। ज्यादातर लोग हेलमेट की खरीद पुलिस की कार्रवाई से बचने के लिए कर रहे हैं। इसलिए वह बाजार में सस्ते हेलमेट ज्यादा खरीद रहे हैं। दुकानदारों के मुताबिक ज्यादातर 500 रुपये से लेकर हजार रुपये के आसपास की हेलमेट की खरीदारी हो रही है। इसके बाद 11 सौ रुपये से लेकर दो हजार रुपये की कीमत के हेलमेटों की बिक्री हो रही है।
------------------------ ग्राहकों का कहना था कि पहले सख्ती न होने से लोग हेलमेट नहीं पहनते थे। अब जम्मू कश्मीर पुलिस द्वारा यातायात नियमों का उल्लंघन करने वाले चालकों के खिलाफ छेड़े गए अभियान को लेकर लोग हेलमेट पहन रहे हैं। उन्होंने कहा कि कई बार पुलिस द्वारा यातायात नियमों का उल्लंघन करने वाले चालकों के लिए अभियान छेड़े जाते थे, लेकिन कुछ ही दिनों बाद अभियान बंद हो जाते थे। जिस वजह से लोग बिना किसी डर के हेलमेट नहीं पहनते थे।
- अजय सिंह जमवाल, वाहन चालक अभी भी दोपहिया वाहन चालक अपनी सुरक्षा नहीं बल्कि पुलिस की सख्ती से हेलमेट पहन रहे हैं। उन्होंने कहा कि कई बार दोपहिया वाहन चालक सस्ती हेलमेट पहन कर भी सड़क हादसे में अपनी जान गवा चुके हैं, क्योंकि वाहन चालक दुकानों में सस्ती हेलमेट देखकर हेलमेट खरीद रहे है जोकि प्लास्टिक के बने होते हैं।
- रोहित शर्मा
इस तरह का कानून बहुत पहले बनना चाहिए था। जिससे सड़क दुर्घटनाओं में अपनी बेशकीमती जान गंवाने वाले युवा बच जाते। उसने बताया कि मौजूदा समय में यातायात के नियमों का उल्लंघन करने वाले लोगों पर सख्त कार्रवाई की जा रही है। जिस कारण अब नाबालिग युवा भी दोपहिया वाहन चलाने से कतरा रहे है। अगर हम अब शहर में अपनी नजर दौड़ाए तो ज्यादातर दोपहिया वाहन चलाने वाले लोग हेलमेट में ही दिखाई दे रहे हैं।
- कन्हैया लाल शर्मा यातायात नियमों को लेकर सख्त हुए कानून के चलते उसे हेलमेट लेना पड़ा, क्योंकि पहले ट्रैफिक पुलिस की ओर से हेलमेट का चालान सौ रुपये होता था। लेकिन जब से नया कानून लागू हुआ है तो हेलमेट न पहनने पर एक हजार रुपये का चालान मौके पर ही किया जा रहा है। जिसके कारण ज्यादातर लोग हेलमेट ले रहे हैं। उसका कहना था कि जहां एक तरफ हेलमेट पहने से यातायात कानून का उल्लंघन भी नहीं होगा वहीं हमारी जान को भी कोई खतरा नहीं होगा।
- रवि कुमार