ऑपरेशन के बाद बाद पैदा हुई बच्ची, मांगा मुआवजा
जागरण संवाददाता ऊधमपुर विश्व जनसंख्या दिवस मनाए जाने के बीच ही परिवार नियोजन ऑपरेशन के
जागरण संवाददाता, ऊधमपुर:
विश्व जनसंख्या दिवस मनाए जाने के बीच ही परिवार नियोजन ऑपरेशन के विफल होने का मामला भी प्रकाश में आया है। परिवार नियोजन ऑपरेशन कराने वाली महिला ने तकरीबन डेढ़ साल बाद एक बच्ची को जन्म दिया है। अब बच्ची के परिजन स्वास्थ्य विभाग पर 20 लाख रुपये का मुआवजे के लिए केस करने की तैयारी में है। इसके लिए उन्होंने संबंधित दस्तावेज अपने वकील को दे दिए हैं। हालांकि, डिप्टी चीफ मेडिकल आफिसर डॉक्टर संतोष शर्मा का कहना है कि इस तरह की विफलता का दर पांच हजार में एक मामले होते हैं, जिस पर पीड़ित को 20 हजार मुआवजा देने का प्रावधान है।
उधर, बच्ची के परिजनों के वकील एवं आरटीआई कार्यकर्ता एडवोकेट संजीत बबोरिया ने बताया उनके मुवक्किल अमरनाथ निवासी अमारा, खून का 17 फरवरी 2017 को लेप्रोलाइगेशन ऑपरेशन किया गया था। उसकी पत्नी गर्भवति हो गई और उसने 23 जुलाई 2018 को एक बच्ची को जन्म दिया, जिसका मातृ एवं बाल सुरक्षा कार्ड की पहचान संख्या 101001758568 है। बीएमओ मजालता ने 17 फरवरी 2017 को लेप्रोलाइगेशन ऑपरेशन किए जाने की बात स्वीकार की है। उन्होंने कहा कि यह एक लापरवाही का मामला है। बबोरिया ने बताया कि मजदूरी करने वाले अमरनाथ के पहले ही दो लड़के और एक लड़की थी। उसने स्वास्थ्य विभाग के कहने पर पत्नी का नलबंदी आप्रेशन करवाया था, लेकिन डेढ़ साल बाद एक और बच्ची का जन्म हो गया। इसके लिए पूरी तरह से स्वास्थ्य विभाग जिम्मेदार है।