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यात्री वाहन ओवरलोड, जान जोखिम में डाल सफर कर रहे लोग

संवाद सहयोगी किश्तवाड़ आए दिन बसों में ओवरलोडिंग से हादसे हो रहे हैं। हादसों के बाद कुछ दि

By JagranEdited By: Published: Tue, 14 May 2019 08:12 AM (IST)Updated: Wed, 15 May 2019 06:40 AM (IST)
यात्री वाहन ओवरलोड, जान जोखिम में डाल सफर कर रहे लोग
यात्री वाहन ओवरलोड, जान जोखिम में डाल सफर कर रहे लोग

संवाद सहयोगी, किश्तवाड़ : आए दिन बसों में ओवरलोडिंग से हादसे हो रहे हैं। हादसों के बाद कुछ दिन तक तो प्रशासन और यातायात पुलिस हरकत में आते हुए ओवरलोड वाहन चालकों पर लगाम कसते हुए कार्रवाई भी करते हैं लेकिन बाद में स्थिति वही ढाक के तीन पात वाली हो जाती है।

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बात की जाए किश्तवाड़ व इसके आसपास के इलाके की तो यहां धड़ल्ले से ओवरलोड वाहन चल रहे हैं। आलम यह है कि वाहनों में क्षमता से अधिक सवारियां बैठाई जा रही हैं लेकिन यातायात पुलिस इन पर कोई लगाम नहीं कस रही है। यहां तक कि किश्तवाड़ में एआरटीओ विभाग आंखें मूंदकर बैठा है। अगर यही हाल रहा तो ओवरलोडिग से कोई बड़ी दुर्घटना हो सकती है और बेकसूर लोगों की जान जा सकती है। लोगों की मांग है कि यहां पर एसआरटीसी की बसों को लगाया जाए ताकि सुबह शाम बच्चों को और कर्मचारियों को आसानी हो सके।

सुबह अधिक होती है ओवरलोडिंग

ओवरलोडिग खासकर सुबह के समय होती है क्योंकि बहुत सारे इलाके ऐसे हैं जहां पर वाहनों की कमी होती है खासकर पाडर गुलाबगढ़ शात्रु, सरथल, ठाकुराई, और ठाठरी किश्तवाड़ आदि इलाकों में सुबह के समय बच्चों को स्कूल-कॉलेज जाने के लिए वाहनों की जरूरत होती है और सरकारी कर्मचारी भी अपने समय पर अपने अपने दफ्तरों में पहुंचने की कोशिश में लगे रहते हैं।

वाहनों की कमी भी है मजबूरी

वाहनों की कमी भी ओवरलोडिंग का कारण है। कुछ रूटों पर वाहनों की कमी होती है जिसके चलते यह लोग मजबूरन उन वाहनों में बैठ जाते हैं जिसकी क्षमता कम होती है और चालक वाहन के अंदर जितनी सवारियां ठुस सकता है ठुस लेता है उसके बाद लोग छतों पर भी सवार हो जाते हैं खासकर स्कूली बच्चे।


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