जाकिर मूसा ने दी हुर्रियत नेताओं को गला काटने की धमकी
जारी किया नया आडियो संदेश कहा: हमारी जंग इस्लामिक है, जाकिर ने कहा कि हुर्रियत नेता सिर्फ सियासी नेता हैं और वह हमारे लीडर नहीं हो सकते।
श्रीनगर, [ राज्य ब्यूरो]। हिजबुल मुजाहिदीन ने शुक्रवार को कश्मीर में जारी आतंकवाद को छिपाने के लिए अलगाववादियों द्वारा लगाए गए आजादी के मुखौटे को पूरी तरह उतारते हुए हुर्रियत कांफ्रेंस समेत सभी अलगाववादियों को जिहाद की राह में रोड़ा न बनने की ताकीद करते हुए कहा सुधर जाओ, नहीं तो कुफार से लडऩे से पहले हम लोग पहले आपका ही गला काट लालचौक में लटकाएंगे।
हुर्रियत नेताओं को यह धमकी कश्मीर में हिज्ब का नया चेहरा बने जाकिर मूसा ने सोशल मीडिया पर एक नया आडियो संदेश जारी कर दी है।
यहां यह बताना असंगत नहीं होगा कि तीन दिन पहले कटटरपंथी सईद अली शाह गिलानी, उदारवादी हुर्रियत प्रमुख मीरवाईज मौलवी उमर फारुक और यासीन मलिक ने संयुक्त बयान जारी कर कहा था कि कश्मीर में सिर्फ आजादी की जंग चल रही है। इसका दुनिया में जारी इस्लामिक आतंकवाद से कोई सरोकार नहीं है। भारतीय सुरक्षा एजेंसियां कश्मीरियों की आवाज को दबाने के लिए ही यहां जारी आजादी के आंदेालन को आईएसआईएस, अल कायदा व इस्लामिक कटटरवाद से जोड़ रही है।
अलबत्ता, जाकिर मूसा ने एक बार फिर अपने आडियो संदेश में साफ कर दिया कि वह या उसके साथी जो भी बंदूक लेकर कश्मीर में लड़ रहे हैं,वह कश्मीर की आजादी के लिए नहीं बल्कि कश्मीर में इस्लामिक राज और शरिया की बहाली के लिए लड़ रहे हैं।
जाकिर मूसा ने अलगाववादी नेताओं से सवाल किया है कि अगर यह इस्लामिक जंग नहीं है तो फिर यह नारा क्यों लगाया जाता है कि पाकिस्तान से हमारा नाता क्या: ला इल्लाह-इल-लल्लाह, आजादी का मतलब क्या: ला इल्लाह-इल-लल्लाह। हम लोग बचपन से यही नारा सुनते आए हैं और इसी नारे की दुहाई देकर आप लोगों ने हमें बंदूक उठाने को कहा। अगर यह इस्लामिक जंग नहीं है तो फिर आप मस्जिदों का इस्तेमाल क्यों कर रहे हैं। अगर यह इस्लामिक जंग नहीं तो फिर भारतीय फौज से कुफार से जंग में शहीद होने वालों केा आप मुजाहिदीन ए इस्लाम क्यों कहते हो।
हिज्ब कमांडर ने कहा अलगाववादी खेमे से लोगों को सावधान रहते की ताकीद करते हुए कहा कि यह सियासी लीडर हैं, यह बेशक अपनी सियासत करतें, लेकिन हमारे मामलों में दखल न दें और न हमारी जंग को सियासी या कश्मीर की आजादी की जंग बताएं। हमारी जंग इस्लामिक है और शरियाबहाली की जंग है। जाकिर ने अपने आडियो संदेश में हुर्रियत नेताओं को धमकाते हुए कहा कि अगर उन्होंने अपनी गंदी सियासत को बंद नहीं किया तो हम उनके सिर काट, लालचौक में लटका देंगे। हम कुफपार को छोड़ पहले आपको लटकाएंगे, लालचौक मेें गले काटेंगे।
अपने आडियो संदेश में जाकिर कह रहा है: मैं कोई उलेमा नहीं हूं,लेकिन यहां जो उलेमा और मजहबी नेता हैं,वह भ्रष्टï हैं, वह ताबूत से डरते हैं, जेल जाने से खौफ खाते हैं और इसलिए हमें आगे आकर लोगों को सच बताना पड़ रहा है। कुरान की एक आयत का जिक्र करते हुए जाकिर ने कहा कि हुर्रियत नेता सिर्फ सियासी नेता हैं और वह हमारे लीडर नहीं हो सकते।
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