एमबीबीएस की सीटें बेचकर उगाही रकम से कश्मीर में आतंकी हिसा
पाकिस्तान में एमबीबीएस पाठयक्रम में कश्मीरी छात्रों को दाखिला दिलाने के बदले उनसे मोटी रकम वसूलकर उसे आतंकी और अलगाववादी गतिविधियों में इस्तेमाल करने के मामले में प्रदेश जांच एजेंसी (एसआइए) ने वीरवार को नौ आरोपितों के खिलाफ अदालत में आरोप पत्र दायर कर दिया है। आरोपितों में हुर्रियत नेता मोहम्मद अकबर बट भी शामिल है।
राज्य ब्यूरो, श्रीनगर : पाकिस्तान में एमबीबीएस पाठयक्रम में कश्मीरी छात्रों को दाखिला दिलाने के बदले उनसे मोटी रकम वसूलकर उसे आतंकी और अलगाववादी गतिविधियों में इस्तेमाल करने के मामले में प्रदेश जांच एजेंसी (एसआइए) ने वीरवार को नौ आरोपितों के खिलाफ अदालत में आरोप पत्र दायर कर दिया है। आरोपितों में हुर्रियत नेता मोहम्मद अकबर बट भी शामिल है। अकबर बट हिजबुल मुजाहिदीन के उन कमांडरों में एक था, जिसने वर्ष 2000 में बंदूक छोड़ने का एलान करते हुए कश्मीर में अमन बहाली के लिए केंद्र सरकार के साथ वार्ता में हिस्सा लिया था। पांच आरोपितों को अदालत में पेश भी किया गया और उन्हें अदालत के निर्देश पर सेंट्रल जेल भेजा गया। चार आरोपित फरार हैं और उनमें से एक ने पाकिस्तान में ठिकाना बना रखा है।
जांच में पता चला है कि वर्ष 2016 में आतंकी बुरहान की मौत के बाद वादी में सिलसिलेवार हिसक प्रदर्शनों और उसके बाद पांच अगस्त 2019 को अनुच्छेद 370 की समाप्ति के बाद कश्मीर में हिसक प्रदर्शनों को भड़काने के लिए इस पैसे का इस्तेमाल हुआ है। जांच में यह भी पता चला है कि पाकिस्तान आतंकियों और अलगाववादियों के बच्चों के लिए एमबीबीएस, इंजीनियरिग की सीटों को आरक्षित कर एक तरह से उन्हें इनाम देता था और कश्मीर में अपने भारत विरोधी एजेंडे को आगे बढ़ाता था। सीटों का यह सालाना कारोबार लगभग चार करोड़ रुपये का था और प्रत्येक हुर्रियत नेता को करीब 40 सीटों का कोटा हर साल मिलता था।
नवंबर में गठित एसआइए का यह पहला आरोपपत्र :
एसआइए का गठन नवंबर में ही किया गया है। आतंक और अलगाववाद से संबंधित किसी मामले में एसआइए द्वारा अदालत में दायर किया गया यह पहला आरोपपत्र है। एमबीबीएस सीटों की बिक्री की कमाई से आतंकी फंडिग के संदर्भ में जम्मू कश्मीर पुलिस के काउंटर इंटेलीजेंस कश्मीर (सीआइके) ने बीते साल जुलाई में मामला दर्ज कर छानबीन शुरू की थी। सीआइके को शिकायत मिली थी कि हुर्रियत नेता पाकिस्तान के विभिन्न कालेजों में एमबीबीएस और इंजीनियरिग में कश्मीरी छात्रों को दाखिला दिलाते हुए उनसे 10-12 लाख रुपये वसूलते हैं। इनमें से कई सीटें कश्मीर में मारे गए आतंकियों के बच्चों के लिए निश्शुल्क भी होती हैं। इस कमाई का एक बड़ा हिस्सा कश्मीर में आतंकी व अलगाववादी गतिविधियों पर खर्च होता रहा है। एसआइए ने सभी आरोपितों के लिए दस्तावेजी और तकनीकी सुबूत जमा किए हैं। इसके अलावा कई गवाहों के बयान भी कलमबद्ध कर आरोपपत्र के साथ अदालत में जमा किए गए हैं। पांच आरोपित अदालत में पेश किए गए :
संबंधित अधिकारियों ने बताया कि सीआईके और सीआईजे व सीआइडी के अन्य विग एसआइए का हिस्सा हो चुके हैं। इसलिए एसआइए ने मामले की जांच को आगे बढ़ाते हुए अदालत में आरोपपत्र दायर किया है। उन्होंने बताया कि आरोपपत्र दायर किए जाने के समय अदालत में पांच आरोपित मोहम्मद अकबर बट, फातिमा शाह, मोहम्मद अब्दुल्ला शाह, सबजार अहमद शेख और मोहम्मद इकबाल मीर को भी पेश किया गया। अदालत के निर्देशानुसार, इन सभी को बाद में सेंट्रल जेल श्रीनगर भेज दिया गया। अन्य चार आरोपित अल्ताफ अहमद बट, काजी यासिर, मंजूर अहमद बट और शेख अब्दुल जब्बार फरार हैं। इनमें से एक मंजूर अहमद ने पाकिस्तान में ठिकाना बना रखा है।