कश्मीर में अलगाववादियों की 'दुकानों' पर लगेगा ताला
strictly on separatists in Kashmir. जम्मू-कश्मीर में कई नामी अलगाववादी संगठनों पर पाबंदी की तैयारी है।
नवीन नवाज, श्रीनगर। जमात-ए-इस्लामी (जेएंडके) और जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जेकेएलएफ) पर लगी पाबंदी ने कश्मीर के अलगाववादी खेमे में खलबली मचा दी है। वहीं, आने वाले दिनों में आसिया अंद्राबी के संगठन दुख्तरान-ए-मिल्लत, मसर्रत आलम के नेतृत्व वाली मुस्लिम लीग, कट्टरपंथी गिलानी द्वारा बनाई गई तहरीक-ए-हुर्रियत कश्मीर के साथ-साथ मुस्लिम लीग, पीपुल्स लीग और मुस्लिम ख्वातीन मरकज समेत सभी नामी अलगाववादी संगठनों पर पाबंदी की तैयारी है। इसके साथ सभी प्रमुख अलगाववादियों को उनके खिलाफ पहले से दर्ज मामलों के आधार पर जन सुरक्षा अधिनियम (पीएसए) के तहत जेल भेजने के लिए आवश्यक कार्रवाई को भी अंतिम रूप दिया जा रहा है।
अलगाववादी संगठनों को प्रतिबंधित करने के बाद विभिन्न मुल्कों को दिल्ली स्थित उनके दूतावासों और उच्चायोग के जरिए अपने-अपने मुल्क में कश्मीर के नाम पर होने वाली भारत विरोधी गतिविधियों पर अंकुश लगाने को कहा जाएगा। इसके अलावा अलगाववादी नेताओं का पासपोर्ट भी जब्त किया जा सकता है। इसके बाद हुर्रियत कॉन्फ्रेंस की सियासी दुकान पर भी ताला लगाया जाएगा।
संबंधित अधिकारियों ने बताया कि केंद्र सरकार ने जम्मू कश्मीर में आतंकवाद और अलगाववाद के खिलाफ लड़ाई को उसके अंजाम तक पहुंचाने का फैसला कर लिया है। इसके लिए केंद्र सरकार वह सभी कदम उठा रही है, जिनका असर कश्मीर के जमीनी हालात पर निकट भविष्य में नजर आए। जमात-ए-इस्लामी (जेएंडके) और उसके बाद जेकेएलएफ पर पाबंदी इसी रणनीति के तहत लगाई गई है।
राज्य गृह विभाग से संबंधित एक अधिकारी ने बताया कि जिन संगठनों को प्रतिबंधित किया गया है या किया जाना है, उनमें से कइयों के वरिष्ठ नेता पहले से ही टेरर फंडिंग या आतंकी गतिविधियों के सिलसिले में जेल में हैं।
बेनामी संपत्ति जब्त करने के लिए होगी कार्रवाई
अलगाववादी संगठनों को उनकी गतिविधियों के आधार पर अलग-अलग वर्गो में वर्गीकृत किया जा रहा है। उनके कैडर की संख्या, उनके वित्तीय स्रोतों और उनके प्रभाव का आकलन किया जा रहा है। इसके अलावा इन संगठनों और इनके नेताओं की बेनामी संपत्तियों की सूची भी तैयार की जा रही है। इन्हें जल्द जब्त करने की कार्रवाई की जा सकती है। इसके अलावा कुछ एनजीओ और मजहबी संगठन भी निशाने पर हैं। इन सभी के वित्तीय स्त्रोतों और इन्हें मिलने वाली वित्तीय मदद की भी पूरी छानबीन की जा रही है।
अलगाववादियों ने रिश्तेदारों के नाम पर कर रखा है भारी निवेश
केंद्रीय खुफिया एजेंसी से संबंधित एक अधिकारी ने बताया कि वरिष्ठ अलगाववादी नेताओं ने होटल इंडस्ट्री, रियल इस्टेट, दवा कारोबार, क्रॉस एलओसी ट्रेड के अलावा थोक व्यापार में अपने दोस्तों और रिश्तेदारों के नाम पर भारी निवेश कर रखा है। इन लोगों की भी सूची तैयार की गई है।
पाकिस्तानी एजेंडे को हवा देने वाले भी नपेंगे
बरसों से गुलाम कश्मीर में सक्रिय आतंकियों के कश्मीर में बसे परिजनों पर नजर रखी जा रही है। इसके अलावा इंग्लैंड, अमेरिका, पुर्तगाल, इटली, डेनमार्क, थाईलैंड और खाड़ी देशों में बैठकर पाकिस्तानी एजेंडे को प्रोत्साहित करने वालों पर भी कार्रवाई की जाएगी।