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Pulwama Attack effect: यासीन मलिक सहित कई अलगाववादियों के ठिकानों पर NIA की छापेमारी, सीमा पर हाई अलर्ट

Pulwama Attack effect पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर हुए आतंकी हमले के बाद से सख्‍त कार्रवाई जारी है। NIA ने यासीन मिलक नईम खान और जफर भट के ठिकानों पर छापा मारा है।

By Preeti jhaEdited By: Published: Tue, 26 Feb 2019 09:02 AM (IST)Updated: Wed, 27 Feb 2019 10:25 AM (IST)
Pulwama Attack effect: यासीन मलिक सहित कई अलगाववादियों के ठिकानों पर NIA की छापेमारी, सीमा पर हाई अलर्ट
Pulwama Attack effect: यासीन मलिक सहित कई अलगाववादियों के ठिकानों पर NIA की छापेमारी, सीमा पर हाई अलर्ट

श्रीनगर,एजेंसी। जेकेएलएफ प्रमुख यासीन मलिक के आवास पर आज सुुुुबह एनआईए ने छापेमारी की है।  पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर हमले के बाद पहले तो भारत सरकार ने कार्रवाई करते हुए सभी अलगाववादियों की सुरक्षा वापस ले ली थी लेकिन अब जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जेकेएलएफ) के प्रमुख यासीन मलिक को पुलिस ने हिरासत में भी ले लिया है, उधर, पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर हमले के बाद के देशभर में पाकिस्तान के खिलाफ गुस्सा चरम पर है। हर तरफ से पाकिस्तान को सबक सिखाने की मांग उठ रही है। इस बीच ऐसी खबरें हैं, जो कुछ हद तक लोगों को खुश कर सकती हैं। कुछ मीडिया रिपोर्ट के अनुसार भारतीय सेना ने पाकिस्तान में आतंकी संगठन जैश ए मुहम्मद के ठिकानों को निशाना भी बनाया है। जम्मू कश्मीर से लगती पाकिस्तानी सीमा पर हाई अलर्ट जारी है ।

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पुलवामा हमले के बाद सरकार ने कश्मीर में सख्त कार्रवाई का सिलसिला जारी रखा है। मंगलवार तड़के श्रीनगर में यासीन  मलिक सहित कई अलगवावादी नेताओं के ठिकानों पर NIA ने छापेमारी की है। पुलवामा हमले के बाद जम्मू-कश्मीर में सख्त कार्रवाई का सिलसिला जारी है। मंगलवार सुबह नेशनल इनवेस्टीगेशन एजेंसी (NIA) ने अलगाववादी नेता यासीन मलिक, नईम खान और जफर भट के श्रीनगर स्थ‍ित कई ठिकानों पर छापे मारे हैं। जम्मू-कश्मीर में अलगाववाद को हवा देने वाले बड़े नेताओं में शुमार यासीन मलिक को गत शुक्रवार को गिरफ्तार कर लिया गया था। यासीन मलिक जम्मू-कश्मीर लिब्रेशन फ्रंट का मुखिया है। घाटी में पुलिस एवं अर्द्धसैनिक बलों को हाई अलर्ट पर रखा गया है।

इससे पहले गृह मंत्रालय के निर्देश पर जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने 22 अलगाववादी नेताओं की सुरक्षा और सरकारी सुविधाएं वापस ले ली थी। इसके अलावा जम्मू-कश्मीर के 155 राजनीतिक शख्सियतों को दी गई सुरक्षा में बदलाव किया था। इस सूची में यासीन मलिक का भी नाम था। गृह मंत्रालय से मिली जानकारी के मुताबिक इन अलगाववादी नेताओं और राजनीतिक व्यक्तियों की सुरक्षा में 1000 से ज्यादा पुलिसकर्मी और 100 के करीब सरकारी गाड़ियां लगी हुई थीं, इन्हें अब वापस ले लिया गया है। सरकार के इस कदम पर प्रतिक्रिया देते हुए यासीन मलिक ने कहा था कि सरकार ने उसे कोई सुरक्षा दी ही नहीं थी।

गौरतलब है कि पिछले दिनों सरकार ने यासीन मलिक और कट्टरपंथी हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के कुछ नेताओं की सुरक्षा वापस ले ली थी। बाद में मलिक ने कहा था कि उन्हें राज्य से कभी कोई सुरक्षा नहीं मिली। मलिक ने कहा था, 'मेरे पास पिछले 30 सालों से कोई सुरक्षा नहीं है। ऐसे में जब सुरक्षा मिली ही नहीं तो वे किस वापसी की बात कर रहे हैं। ये सरकार की तरफ से बिल्कुल बेईमानी है। मलिक ने संबंधित सरकारी अधिसूचना को ‘झूठ' करार दिया।सरकार ने बुधवार को कहा था कि मलिक और गिलानी समेत 18 अलगाववादी नेताओं की सुरक्षा वापस ले ली गई है।

बता दें कि पुलवामा हमले के बाद अंतरराष्ट्रीय समुदाय की नाराजगी झेल रहे पाकिस्तान में गहमागहमी बढ़ गई है। इसी के चलते पाकिस्तान ने आतंकवादी संगठनों पर कार्रवाई भी कर दी है। 

उधर, वायुसेना के सूत्रों के अनुसार गुलाम कश्मीर में 1000 किलो बम गिराए। इस स्ट्राइक में 12 मिराज 2000 जेट ने हिस्सा लिया। दूसरी तरफ भारत की इस कार्रवाई की तस्दीक सीमा पार से भी हुई है। पाकिस्तान ने भारतीय वायुसेना पर एयर स्पेस के उल्लंघन का आरोप लगाया है। पाकिस्तान ने आरोप लगाया है कि भारतीय विमानों ने मुजफ्फराबाद सेक्टर में घुसपैठ की है। पाकिस्तान की तरफ से कार्रवाई हुई तो भारतीय विमानों ने जल्दबाजी में बालाकोट में बम गिरा दिया। पाकिस्तान ने फिलहाल किसी तरह के नुकसान की पुष्टि नहीं की है।

गौरतलब है कि गुरुवार 14 फरवरी को पाकिस्तानी आतंकवादी संगठन जैश ए मुहम्मद ने Pulwama Terror Attack को अंजाम दिया था। आतंकवादियों की इस कायराना हरकत में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे। आतंकवादियों ने CRPF के काफिले को निशाना बनाकर आत्मघाती हमला किया था। इसके बाद देशभर में गुस्सा है। हर तरफ से पाकिस्तान को सबक सिखाने की मांग उठ रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस आतंकी घटना के बाद सेना को फ्री हैंड देने की बात कही थी। मुश्किल की इस घड़ी में तमाम विपक्षी पार्टियों ने भी सरकार का समर्थन किया था। हमले के कई दिन बाद पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान सामने आए थे और उन्होंने भारत से Pulwama Terror Attack के सुबूत मांगे थे। हालांकि, उन्होंने किसी भी तरह के हमले का पूरी ताकत के साथ जवाब देने की बात कहकर भारत को गीदड़भभकी भी दी थी।


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