लोक कला के शहरों में जगह बनाने की दौड़ में श्रीनगर भी
राज्य ब्यूरो श्रीनगर यूनेस्को के क्रिएटिव सिटी नेटवर्क में शिल्प और लोककला शहरों की दौड़ में श्रीनगर भी शामिल है।
राज्य ब्यूरो, श्रीनगर : यूनेस्को के क्रिएटिव सिटी नेटवर्क में शिल्प और लोककला शहरों की सूची में स्थान पाने की दौड़ में ग्रीष्मकालीन राजधानी श्रीनगर भी शामिल है। इसके लिए जल्द ही डोजियर सौंपा जाएगा। आवेदन 30 जून तक किया जाना है। डोजियर को त्रुटिहीन और प्रभावशाली बनाने के लिए कश्मीर के नामी शिल्पकारों, लोक कला विशेषज्ञों, डिजायनरों समेत संबधित विभिन्न लोगों से मदद ली जा रही है।
राज्य प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि झेलम-तवी फ्लड रिकवरी परियोजना के तहत श्रीनगर व जम्मू शहर के विकास व संरक्षण के लिए जारी कार्यक्रम के तहत श्रीनगर को क्रिएटिव सिटी नेटवर्क में स्थान दिलाने की परियोजना पर काम शुरू किया गया है। इस परियोजना के तहत इंडियन नेशनल ट्रस्ट फार आर्ट्स एंड कल्चरल हेरिटेज इंटैक श्रीनगर को क्रिएटिव सिटी की सूची में सुनिश्चित बनाने के लिए यूनेस्को को एक डोजियर सौंपने जा रहा है।
इंटैक के जम्मू कश्मीर चैप्टर के संयोजक सलीम बेग के अनुसार यूनेस्को की क्रिएटिव सिटी नेटवर्क योजना में उन शहरों को शामिल किया जाता है जिनमें शिल्प, कला, सांस्कृतिक और संगीत की एक समृद्ध विरासत और परंपरा हो। तुर्की, मिस्त्र, दक्षिण अफ्रीका के कई शहर पहले ही इस नेटवर्क में शामिल हो चुके हैं। इस सूची में शामिल होने के लिए सात शर्ताें को पूरा करना पड़ता है। उन्होंने कहा कि हम श्रीनगर को शिल्प एवं लोक कला वर्ग में स्थान दिलाने के लिए प्रयासरत हैं।
यूनेस्को क्रिएटिव सिटी का एक ही मिशन है- संबधित शहरों के समावेशी, सुरक्षित और टिकाऊ विकास के लिए रचनात्मकता और सांस्कृतिक व परंपरागत उद्योगों को विकासात्मक रणनीति का मुख्य केंद्र बनाना। श्रीनगर का इतिहास लगभग 2200 साल पुराना है। कहा जाता है कि इसे सम्राट अशोक ने बसाया था। श्रीनगर शहर को गुप्त वंश के राजाओं द्वारा स्थापित किए जाने का उल्लेख मिलता है। उन्होंने बताया कि यूनेस्को ने क्रिएटिव सिटी नेटवर्क को वर्ष 2004 में शुरू किया था। मौजूदा समय में इस नेटवक में पूरी दुनिया के 72 मुल्कों के 180 शहरों को जोड़ा गया है।