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कश्मीर में अलगाववादी शब्बीर शाह की संपत्ति अटैच

राज्य ब्यूरो श्रीनगर टेरर फंडिंग मामले में पौने दो साल से तिहाड़ जेल में बंद अलगाववादी नेता श्

By JagranEdited By: Published: Sat, 30 Mar 2019 06:48 AM (IST)Updated: Sat, 30 Mar 2019 06:51 AM (IST)
कश्मीर में अलगाववादी शब्बीर शाह की संपत्ति अटैच
कश्मीर में अलगाववादी शब्बीर शाह की संपत्ति अटैच

राज्य ब्यूरो, श्रीनगर : टेरर फंडिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शुक्रवार को अलगाववादी नेता शब्बीर अहमद शाह की दो करोड़ से ज्यादा की संपत्ति अटैच कर ली है। यह संपत्ति शाह की पत्नी और बेटियों के नाम पर है। इन्हें कथित तौर पर उनके ससुर ने खरीदा था। ईडी ने यह कार्रवाई वर्ष 2005 में दर्ज टेरर फंडिग और हवाला मामले में की है। बता दें कि शाह करीब पौने दो साल से तिहाड़ जेल में बंद हैं।

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ईडी के मुताबिक, जम्मू कश्मीर डेमोक्त्रेटिक फ्रीडम पार्टी के चेयरमैन शब्बीर शाह से जुड़ी सभी संपत्तिया मनी लाड्रिंग एक्ट के तहत अटैच की गई। 1999 में इनकी कीमत 25 लाख रुपये थी। जब्त संपत्तिया श्रीनगर के रावलपोरा और इफंदीबाग में हैं। बताया जाता है कि शब्बीर से जब उनकी आय के बारे में पूछा तो उन्होंने आय के किसी स्त्रोत से इन्कार किया। वह अपने परिजनों के नाम जमीन-जायदाद को लेकर कोई संतोषजनक जवाब देने में असमर्थ रहे हैं। बताया जाता है कि संपत्तियों को शब्बीर शाह के सुसर ने 1999 में खरीदा था। उसने यह सपंत्ति कथित तौर पर छोटी बेटियों के नाम पर ली थी। बाद में उन्होंने यह संपत्ति बड़ी बहन डॉ. बिलकिस जोकि शब्बीर शाह की पत्‍‌नी हैं और उनकी बेटी को उपहार में दी थी। ईडी ने शाह के ससुर और अन्य रिश्तेदारों से बात की, लेकिन वह भी स्पष्ट जवाब नहीं दे पाए। ईडी के मुताबिक, सभी संपत्तिया शब्बीर शाह की बेनामी संपत्तिया ही हैं।

ईडी की ओर से कहा गया है कि शब्बीर का लश्कर-ए-तैयबा के संस्थापक हाफिज सईद और जैश-ए-मोहम्मद के कमाडर और हवाला कूरियर असलम वानी द्वारा कश्मीर में अलगाववादी और आतंकी गतिविधियों के लिए विभिन्न माध्यमों से श्रीनगर में भेजे पैसे को प्राप्त करते रहे हैं। शाह और वानी को 2017 में ईडी ने 14 साल पुराने टेरर फंडिंग मामले में गिरफ्तार किया था। वानी को अदालत ने जनवरी में जमानत पर रिहा किया है। शब्बीर ने भी जमानत के लिए याचिका दायर की थी, लेकिन उनकी याचिका मंजूर नहीं हुई। संबंधित अधिकारियों ने बताया कि यह मामला 26 अगस्त 2005 में दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल द्वारा असलम वानी को पकड़े जाने के साथ शुरू हुआ था।

वानी ने दावा किया था कि वह शाह तक हवाला के जरिए 2.25 करोड़ की राशि पहुंचा चुका है। वानी से गिरफ्तारी के समय 63 लाख रुपये बरामद हुए थे जो मध्यपूर्व के देशों से आए थे। इसके अलावा उसके पास से हथियारों का भी एक जखीरा पकड़ा था। पूछताछ में वानी ने बताया था कि बरामद 63 लाख रुपये में से 50 लाख शब्बीर शाह की पत्‍‌नी के लिए हैं और 10 लाख श्रीनगर में सक्रिय जैश कमाडर अबु बकर को दिए जाने हैं। तीन लाख रुपये उसकी कमीशन के हैं।

-------- शब्बीर शाह की पत्नी डा बिलकीस शाह ने कहा कि मुझे कोई नोटिस नहीं मिला है। मुझे भी मीडिया के जरिए ही पता चला है किसी संपत्ति को अटैच किया गया है। रावलपोरा की जिस संपत्ति की बात हो रही है,उसकी असली मालिक मैं हूं और यह सपंत्ति मेरे पिता ने वर्ष 1999 में खरीदी थी। यह संपत्ति मेरे परिवार ने वर्ष 2005 के दौरान मुझे उपहार में दी थी। यह सपत्ति मेरी है। हमने इस संपत्ति से संबधित सभी आवश्यक दस्तावेज अंग्रेजी व उर्दू भाषा में ईडी को उपलब्ध कराए। मैंने ही इस जमीन पर अपनी आय से इमारत खड़ी की, मैने बैंक से 20 लाख रुपये आवासीय ऋण भी लिया है। हालांकि मुझे अभी तक इस संपत्ति को अटैच करने का कोई नोटिस नहीं मिलाहै। अगर ऐसा कुछ हुआ तो मैं अदालत का दरवाजा खटखटाऊंगी।


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