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वादी में बंद से जनजीवन प्रभावित, नजरबंद रहे अलगाववादी नेता

अलगाववादी संगठनों ने बुधवार को कश्मीर बंद का आह्वान किया है। आतंकवादियों के खिलाफ सुरक्षाबलों की कार्रवाई के दौरान हुई नागरिकों की मौतों को बनाया मुद्दा।

By Preeti jhaEdited By: Published: Wed, 20 Dec 2017 12:52 PM (IST)Updated: Wed, 20 Dec 2017 07:01 PM (IST)
वादी में बंद से जनजीवन प्रभावित, नजरबंद रहे अलगाववादी नेता
वादी में बंद से जनजीवन प्रभावित, नजरबंद रहे अलगाववादी नेता

श्रीनगर, राज्य ब्यूरो।कश्मीर घाटी में बुधवार को अलगाववादी प्रायोजित बंद और प्रशासनिक पाबंदियों के चलते सामान्य जनजीवन लगभग प्रभावित रहा। बनिहाल-बारामुला रेल सेवा स्थगित रही। हुर्रियत कांफ्रेंस के उदारवादी गुट के चेयरमैन मीरवाइज मौलवी उमर फारूक, पीपुल्स पॉलीटिकल पार्टी के चेयरमैन हिलाल अहमद वार समेत सभी प्रमुख अलगाववादी नेता अपने घरों में नजरबंद रहे। वहीं, पुलिस ने निर्दलीय विधायक इंजीनियर रशीद के शोपियां मार्च को नाकाम बनाते हुए उन्हें हिरासत में ले लिया। शोपियां और उससे सटे इलाकों में इंटरनेट सेवाएं ठप रहीं।

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गौरतलब है कि वादी में सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच मुठभेड के दौरान क्रॉस फायरिंग की चपेट में आकर नागरिकों की मौत के लिए हुर्रियत कांफ्रेंस समेत विभिन्न अलगाववादी संगठनों ने सुरक्षाबलों को जिम्मेदार ठहराते हुए बुधवार को कश्मीर बंद व राष्ट्रविरोधी प्रदर्शनों का आह्वान किया था। मंगलवार को शोपियां में एक महिला की क्रॉस फायरिंग में मौत हो गई थी।प्रशासन ने अलगाववादियों के बंद और प्रदर्शनों के आह्वान को देखते हुए श्रीनगर के सात थाना क्षेत्रों में निषेधाज्ञा को सख्ती से लागू करते हुए सभी संवेदनशील इलाकों में पुलिस व अर्धसैनिकबलों की टुकडि़यों को कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए तैनात किया था। इसके अलावा सभी प्रमुख अलगाववादी नेताओं को मंगलवार रात उनके घरों में नजरबंद कर दिया गया।

प्रशासनिक पाबंदियों और अलगाववादियों के बंद का असर सिर्फ श्रीनगर के डाउन-टाउन या शोपियां में मुठभेड़ के दौरान एक महिला की मौत हुई थी, में ही नजर आया। अन्यत्र बंद का आंशिक असर देखने को मिला। श्रीनगर के लालचौक में बेशक दुकानें बंद थीं, लेकिन रेहड़ी-फड़ी वाले डटे हुए थे। सार्वजनिक वाहनों की आवाजाही अपेक्षाकृत कम थी, लेकिन अंतर जिला सड़कों और श्रीनगर-जम्मू राष्ट्रीय राजमार्ग पर वाहनों की आवाजाही लगभग सामान्य रही। सरकारी कार्यालयों में बंद का असर नजर आया। कर्मचारियों की उपस्थिति नाममात्र रही।हालांकि बंद के दौरान श्रीनगर में कोई राष्ट्रविरोधी जुलूस नहीं निकला, लेकिन निर्दलीय विधायक इंजीनियर रशीद दो दर्जन समर्थकों संग नारेबाजी करते हुए श्रीनगर से शोपियां जाने का प्रयास किया।

उनका यह प्रयास श्रीनगर में राजबाग के इलाके में जीरो ब्रिज के पास पुलिस ने नाकाम बनाते हुए उन्हें और उनके साथियों को हिरासत में ले लिया। देर शाम तक विधायक राजबाग पुलिस स्टेशन की हवालात में बंद थे।श्रीनगर स्थित पुलिस नियंत्रण कक्ष में मौजूद एक अधिकारी ने बताया कि बंद का व्यापक असर नहीं था और न ही किसी जगह शाम चार बजे तक कोई हिंसक घटना हुई थी।
 


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