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मीरवाइज ने नशे के खिलाफ उठाई आवाज

कश्मीर में लगातार बढ़ रहे नशे के कारोबार के खिलाफ बुधवार को मीरवाइज मौलवी उमर फारूक ने सभी मजहबी संगठनों और सिविल सोसायटी को एकजुट होने की अपील की है। उन्होंने कहा कि नशे का कारोबार और नशा गैर-इस्लामिक है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 10 Jul 2019 11:40 PM (IST)Updated: Fri, 12 Jul 2019 06:41 AM (IST)
मीरवाइज ने नशे के खिलाफ उठाई आवाज
मीरवाइज ने नशे के खिलाफ उठाई आवाज

राज्य ब्यूरो, श्रीनगर : कश्मीर में लगातार बढ़ रहे नशे के कारोबार के खिलाफ बुधवार को मीरवाइज मौलवी उमर फारुक ने सभी मजहबी संगठनों और सिविल सोसायटी के एक प्रतिनिधयों का सम्मेलन बुलाया। मुतहिदा मजलिस-ए-उलेमा के बैनर तले हुए सम्मेलन में सभी मजहबी नेताओं ने नशाखोरी और नशीले पदार्थो के कारोबार को इस्लाम के खिलाफ बताया और इसे रोकने के लिए मिलकर प्रयास करने पर जोर दिया।

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मीरवाइज ने कहा कश्मीर घाटी अब उड़ता पंजाब बन रही है। इससे बड़ा दुर्भाग्य क्या होगा कि नौजवान लड़के ही नहीं, बड़ी संख्या में माताएं-बहनें भी इसका शिकार हैं। पूरे कश्मीर में कहीं भी चले जाएं, नशीली दवाएं और पदार्थ प्रतिबंध के बावजूद आसानी से मिल रहे हैं। नशाखोरी व नशीले पदार्थो का कारोबार समाज, आने वाली पीढ़ी को खत्म कर रहा है। नशा गैर-इस्लामिक है। हमारे मजहब में शराब, चरस, गांजा सहित किसी भी नशे की कोई जगह नहीं है। यह हराम हैं। उन्होंने कहा कि सभी उलेमाओं, मौलवियों, खतीबों और सिविल सोसायटी के प्रतिनिधियों की जिम्मेदारी है कि हम कश्मीर को नशाखोरी से आजाद बनाएं।


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