बुरहान की बरसी पर शांत रही घाटी
राज्य ब्यूरो श्रीनगर आतंकी बुरहान वानी की तीसरी बरसी पर कश्मीर घाटी पूरी तरह शांत रही।
राज्य ब्यूरो, श्रीनगर : आतंकी बुरहान वानी की तीसरी बरसी पर कश्मीर घाटी पूरी तरह शांत रही। कहीं कोई हिसक प्रदर्शन नहीं हुए। कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए पूरी वादी में सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए गए थे। प्रशासन ने सभी प्रमुख अलगाववादियों को उनके घरों में नजरबंद कर रखा था। अफवाहों पर काबू पाने के लिए दक्षिण कश्मीर में मोबाइल इंटरनेट सेवाएं बंद थीं। अलबत्ता, अलगाववादियों के बंद के आह्वान के चलते जनजीवन पर असर पड़ा। बनिहाल-बारामुला रेल सेवा ठप रही।
प्रशासन ने डाउन-टाउन समेत श्रीनगर के विभिन्न हिस्सों में निषेधाज्ञा लागू कर रखी थी। त्राल में आतंकी बुरहान की कब्र और उसके घर शरीफाबाद की तरफ आने जाने वाली सड़कों को भी आम आवाजाही के लिए बंद कर दिया गया था। हालांकि वादी में दुकानें, निजी प्रतिष्ठान, बैंक व अन्य वित्तीय प्रतिष्ठान के अलावा शिक्षण संस्थान भी नहीं खुले। देर शाम तक वादी में किसी जगह हिसक प्रदर्शन होने की कोई सूचना नहीं थी। इस दौरान अलगाववादी मीरवाइज मौलवी उमर फारूक, कट्टरपंथी सैयद अली शाह गिलानी, इंजीनियर हिलाल वार, मुख्तार वाजा, जावेद मीर, जफर अकबर फतेह, बिलाल लोन, प्रो. अब्दुल गनी बट समेत सभी प्रमुख अलगाववादी नेताओं को उनके घरों में नजरबंद रखा गया।
गौरतलब है कि ऑल पार्टी हुíरयत कांफ्रेंस समेत विभिन्न अलगाववादी गुटों के साझा मंच ज्वाइंट रजिस्टेंस लीडरशिप (जेआरएल) ने आतंकी बुरहान वानी की तीसरी बरसी पर कश्मीर बंद का आह्वान किया है। आतंकी संगठनों ने भी बंद का समर्थन किया है। आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन बुरहान वानी को आठ जुलाई 2016 को दक्षिण कश्मीर के बमडूरा इलाके में सुरक्षाबलों ने मार गिराया था। उसकी मौत के बाद वादी में छह माह तक हिसक प्रदर्शन जारी रहे।