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Union Territory Ladakh: छठी अनुसूची पर आज गृह मंत्री से बात करेंगे लद्दाख के प्रतिनिधि

Union Territory Ladakh सामाजिक व विद्यार्थी संगठनों के प्रतिनिधि भी शामिल हैं। लद्दाख के भाजपा सांसद जामयांग सेरिंग नामग्याल पहले से दिल्ली में हैं। गृह मंत्री की बैठक में हिस्सा लेने के लिए कारगिल डेमोक्रेटिक एलायंस को निमंत्रण नहीं मिला था।

By Edited By: Published: Tue, 05 Jan 2021 01:49 AM (IST)Updated: Tue, 05 Jan 2021 07:30 AM (IST)
Union Territory Ladakh: छठी अनुसूची पर आज गृह मंत्री से बात करेंगे लद्दाख के प्रतिनिधि
कांग्रेस नौ सीटों के साथ दूसरे नंबर पर रही।

राज्य ब्यूरो, जम्मू: लद्दाख को संविधान की छठी अनुसूची के तहत आदिवासी राज्य का दर्जा देने की मांग के साथ केंद्र सरकार तक पहुंचाने के लिए लद्दाख का एक प्रतिनिधिमंडल सोमवार को नई दिल्ली पहुंच गया है। यह दल मंगलवार को गृहमंत्री अमित शाह से मिलेगा। प्रतिनिधिमंडल में 11 सदस्य शामिल हैं।

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छठी अनुसूची को लागू करने की मांग को लेकर आंदोलन चलाने वाले लद्दाख के पीपुल्स मूवमेंट फार सिक्सथ शेड्यूल ने गत दिनों गृहमंत्री के आश्वासन पर लेह हिल काउंसिल चुनाव के बहिष्कार का फैसला वापस ले लिया था। अब गृहमंत्री ने उन्हें बैठक के लिए बुलाया है। प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व धर्मगुरु एवं राज्यसभा के पूर्व सदस्य थिक्से रिनपौचे कर रहे हैं।

उनके साथ भाजपा के पूर्व सांसद थुप्सतन छिवांग, पूर्व मंत्री छी¨रग दोरजे, लेह हिल काउंसिल के चीफ एग्जीक्यूटिव काउंसिलर ताशी ग्यालसन मुख्य रूप से शामिल हैं। सामाजिक व विद्यार्थी संगठनों के प्रतिनिधि भी शामिल हैं। लद्दाख के भाजपा सांसद जामयांग सेरिंग नामग्याल पहले से दिल्ली में हैं। गृह मंत्री की बैठक में हिस्सा लेने के लिए कारगिल डेमोक्रेटिक एलायंस को निमंत्रण नहीं मिला था।

पूर्व सांसद थुप्सतन का कहना है कि केंद्र सरकार लद्दाख की आकांक्षाओं को पूरा करने के प्रति गंभीर है। उम्मीद है कि मांग पूरी हो जाएगी। लद्दाख में गत वर्ष लेह हिल काउंसिल चुनाव की तैयारियों के दौरान छठी अनुसूची को लागू करने की सियासत गर्मा गई थी। लद्दाख के सभी राजनीतिक, धार्मिक, सामाजिक, विद्यार्थी संगठनों ने इस मुद्दे पर चुनाव बहिष्कार की घोषणा कर दी थी।

तब गृह मंत्री ने आश्वासन दिया था कि लद्दाखियों के हितों का संरक्षण होगा। इसके बाद कांग्रेस व अन्य दल चुनाव मैदान में आ गए थे। इसके बाद भाजपा ने काउंसिल की 26 में से 15 सीटें जीत ली थी। कांग्रेस नौ सीटों के साथ दूसरे नंबर पर रही।


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