अनुच्छेद 370 हटने से हताश आतंकी व अलगाववादी कश्मीर में चला रहें पोस्टर वॉर
कश्मीर में इन दिनों पोस्टर वॉर चल रही है। अनुच्छेद 370 हटने से हताश आतंकी व अलगाववादी लोगों दुकानदारों और व्यापारियों को धमकाने के लिए पोस्टर जारी कर रहे हैं।
श्रीनगर, नवीन नवाज। कश्मीर में इन दिनों पोस्टर वॉर चल रही है। अनुच्छेद 370 हटने से हताश आतंकी व अलगाववादी लोगों, दुकानदारों और व्यापारियों को धमकाने के लिए पोस्टर जारी कर रहे हैं। वहीं, राज्य प्रशासन भी इन धमकी भरे पोस्टरों का जवाब पोस्टर से ही दे रहा है।
दरअसल, सरकारी पोस्टर विज्ञापनों की शक्ल में स्थानीय अखबारों में प्रकाशित किए जा रहे हैं। इन विज्ञापनों के जरिए राज्य प्रशासन लोगों में सुरक्षा और विश्वास की भावना पैदा करने का प्रयास करते हुए उन्हें उनके सुखद भविष्य व खुशहाली के लिए अपनी सामान्य दिनचर्या को पूरी तरह बहाल करने के लिए कह रहा है। प्रशासन द्वारा घाटी से प्रकाशित होने वाले विभिन्न समाचार पत्रों में छपवाए जा रहे विज्ञापनों में लोगों से कहा गया है कि वह आतंकियों से न डरें।
विज्ञापन में लिखा गया है, क्या हम आतंकियों से डर गए हैं? बीते 70 साल से जम्मू कश्मीर के लोगों को गुमराह किया गया है। उन्हें एक सुनियोजित दुष्प्रचार का शिकार बनाते हुए कभी न खत्म होने वाले आतंकवाद, हिंसा, तबाही और गरीबी के दुष्चक्र में फंसाया गया। इन विज्ञापनों में कहा गया है कि आतंकियों की धमकियों, जबरदस्ती और दुष्प्रचार के जरिए आम लोगों को मुख्यधारा से दूर रखने का प्रयास करते हुए उन्हें गरीबी और पिछड़ेपन की तरफ धकेला गया। आज एक बार फिर आतंकी पुराने तौर तरीकों को इस्तेमाल करते हुए धमकियां देकर जबरन बंद लागू करा रहे हैं। क्या हम यह सब लगातार सहन करते रहेंगे।
राज्य सरकार द्वारा छपवाए गए विज्ञापनों में आम जनता को संबोधित करते हुए लिखा गया है, क्या हम कुछ धमकियों और पोस्टरों से डर कर अपनी दुकानें, कारोबार बंद रखकर अपने बच्चों को सही शिक्षा से वंचित कर उन्हें उनके सुखद भविष्य से दूर रखेंगे। क्या हम इन धमकियों से डर कर कश्मीर में विकास की बहार को नहीं खिलने देंगे। इन विज्ञापनों में सरकार ने कहा है कि कश्मीर की बेहतरी के बारे में सोचना कश्मीरियों की जिम्मेदारी है। यह हमारा अपना घर है। यह हम सभी की जिम्मेदारी है कि हम इसकी बेहतरी और खुशहाली के लिए सोचें और काम करें। हम क्यों डरें और किससे डरें।
विज्ञापनों का हो रहा असर :
प्रशासन के विज्ञापनों का असर भी देखने को मिल रहा है। श्रीनगर में कई बाजार खुल रहे हैं। सड़कों पर यातायात भी बढ़ गया है, जिससे जाम की स्थिति उत्पन्न हो रही है। स्कूल-कॉलेज सहित सभी शिक्षण संस्थान खुल चुके हैं। सरकारी कार्यालयों में कर्मचारी आ रहे हैं और सुचारू रूप से कामकाज चल रहा है। प्रशासन ने पर्यटकों के लिए कश्मीर छोड़ने की एडवाइजरी भी वापस ले ली है। श्रीनगर में डल झील के आसपास पर्यटक दिखने लगे हैं। लैंड लाइन फोन पहले ही पूरी वादी में बहाल किए जा चुके हैं, अब मोबाइल शुरू करने की तैयारी है।