शहीदों के पार्थिव शरीर परिजनों के पास भेजे
सेना ने चिनार कोर मुख्यालय में बुधवार को आयोजित भावपूर्ण समारोह में समारोह के बाद तिरंगे में लिपटे शहीदों के पार्थिव शरीर पूरे सम्मान के साथ उनके परिजनों के पास ले जाए गए। इनमें से दो सैन्यकर्मी बीते दो दिनों में करीरी बारामुला में लश्कर के तीन दुर्दात आतंकियों को मार गिराते शहीद हुए थे जबकि एक अन्य जनवरी में गुलमर्ग सब सेक्टर में नियंत्रण रेखा पर गश्त के दौरान हिमस्खलन में लापता हो गया था।
राज्य ब्यूरो, श्रीनगर : सेना ने चिनार कोर मुख्यालय में बुधवार को आयोजित भावपूर्ण समारोह में अपने तीन शहीदों को अंतिम श्रद्धांजलि अर्पित की। समारोह के बाद तिरंगे में लिपटे शहीदों के पार्थिव शरीर पूरे सम्मान के साथ उनके परिजनों के पास ले जाए गए।
इनमें से दो सैन्यकर्मी बीते दो दिनों में करीरी, बारामुला में लश्कर के तीन दुर्दात आतंकियों को मार गिराते शहीद हुए थे, जबकि एक अन्य जनवरी में गुलमर्ग सब सेक्टर में नियंत्रण रेखा पर गश्त के दौरान हिमस्खलन में लापता हो गया था। श्रद्धांजलि समारोह में चिनार कोर के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल बीएस राजू, जम्मू कश्मीर पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह समेत सेना व पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों और जवानों ने शहीद सैन्यकर्मियों के पार्थिव शरीर पर पुष्पचक्र और फूल मालाएं भेंट कर उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित किए।
रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता ने बताया कि सेना की 29 आरआर के प्रशांत सिंह और रवि कुमार सिंह ने करीरी, बारामुला में सोमवार को एक नाका पार्टी पर आतंकी हमले के बाद शुरू हुई मु़ठभेड़ में अपना बलिदान दिया है। प्रवक्ता ने बताया कि शहीद ग्रेनेडियर रवि कुमार सिंह और शहीद ग्रेनेडियर प्रशांत सिंह सेना के उस अग्रिम दस्ते में शामिल थे, जो नाका पार्टी पर हमले के बाद आतंकियों को पकड़ने की कार्रवाई में शामिल थे। यह दस्ता जब सुचपोरा में एक बाग में पहुंचा तो वहां छिपे आतंकियों ने फायर कर दिया। मुठभेड़ में ग्रेनेडियर रवि कुमार सिंह और प्रशांत सिंह जख्मी हो गए। दोनों को सेना के 92 बेस अस्पताल ले जाया गया, जहां वह अपने जख्मों की ताव न सहते हुए चल बसे। रवि सिंह 2013 व प्रशांत सिंह 2014 को सेना में हुए थे भर्ती
प्रवक्ता ने बताया कि 26 वर्षीय शहीद ग्रेनेडियर रवि कुमार सिंह 20 जून 2013 को सेना में भर्ती हुए थे। वह उत्तर प्रदेश में जिला मिर्जापुर के अंतर्गत गौरा, सदर के रहने वाले थे। उनके परिवार में उनकी पत्नी प्रियंका सिंह और एक बेटी है। शहीद प्रशांत सिंह 23 जून 2014 को सेना में भर्ती हुए थे। वह हिमाचल प्रदेश में जिला सिरमौर के अंतर्गत गावना के रहने वाले थे। उत्तराखंड के रहने वाले राजेंद्र सिंह हिमस्खलन में लापता हो गए थे
प्रवक्ता ने बताया कि 39 वर्षीय शहीद हवलदार राजेंद्र सिंह आठ जनवरी 2020 को गुलमर्ग सब सेक्टर में नियंत्रण रेखा के अग्रिम छोर पर गश्त पर थे। इसी दौरान हिमस्खलन में वह लापता हो गए थे। उनका पार्थिव शरीर 15 अगस्त को बर्फ के नीचे से प्राप्त किया गया। उत्तराखंड में जिला देहरादून के अंबीवाला गांव के रहने वाले शहीद राजेंद्र सिंह 10 दिसंबर 2001 को गढ़वाल रेजिमेंटल सेंटर में भर्ती हुए थे और ट्रेनिग पूरी करने के बाद 11 गढ़वाल में शामिल हुए। वह अपने पीछे अपनी पत्नी, दो बेटियां और एक बेटा छोड़ गए हैं।