कुपवाड़ा में पाकिस्तान कश्मीर छोड़ो आंदोलन का आगाज
कुपवाड़ा स्थित टाऊन हाल में जमा लोगों को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने कहा कि एलओसी कोई अंतरराष्ट्रीय सीमा नहीं बल्कि एक निशान है।
श्रीनगर, [राज्य ब्यूरो] । अंग्रेजो भारत छोड़ो आंदोलन के 75 साल पूरे होने पर मंगलवार को जब पूरे देश में समारोह मनाए जा रहे थे तो उस समय उत्तरी कश्मीर में एलओसी से सटे कुपवाड़ा में पाकिस्तान कश्मीर छोड़ो आंदोलन का शुभारंभ हुआ।
मुस्लिम राष्ट्रीय मंच द्वारा शुरू किए आंदोलन के तहत अगले एक सप्ताह के दौरान कश्मीर समेत देश के विभिन्न हिस्सों में 100 से ज्यादा स्थानों पर लोगों को जम्मू-कश्मीर में पाकिस्तान की साजिशों और पाकिस्तान के अनाधिकृत कब्जे वाले कश्मीर में जारी मानवाधिकारों के हनन से अवगत कराया जाएगा। कुपवाड़ा स्थित टाऊन हाल में जमा लोगों को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने कहा कि एलओसी कोई अंतरराष्ट्रीय सीमा नहीं बल्कि एक निशान है।
एलओसी के पार रहने वाले लोग भारतीय नागरिक हैं, हमारे भाई हैं। एलओसी के पार स्थित कश्मीर पर पाकिस्तान का अनाधिकृत कब्जा है। वह भी जम्मू कश्मीर का हिस्सा है। हमें इस एलओसी को खत्म करने के साथ ही पाकिस्तान को इस बात के लिए मनाना है कि वह अपने कब्जे वाले कश्मीर को भारत के सौंपे। पाकिस्तान को भारत के साथ दुश्मनी की भावना को त्याग एक अच्छे पड़ौसी की तरह रहना चाहिए तभी वह विकास के दौर पर आगे बढ़ सकेगा।
भारत के साथ दुश्मनी की भावना को रखते हुए ही वह हथियारों की अंधी दौड़ में शामिल हो चुका है, आतंकवाद को शह दे रहा हे जो अब उसके लिए भस्मासुर साबित हो रहा है। खुर्शीद राजका ने एक प्रस्ताव रखा। इस प्रस्ताव को सभी ने सर्वसम्मति से पारित करते हुए कहा कि गुलाम कश्मीर भारत का हिस्सा था, भारत का हिस्सा है और भारत का ही हिस्सा रहेगा। पाकिस्तान को इसे छोड़ना ही होगा।
मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के राष्ट्रीय संयोजक मुहम्मद अफजल ने कहा कि भारतीय मुस्लिम पूरी तरह हिंदोस्तानी है। यह मिटटी हमारी है, हम इसके लिए मर मिटने को तैयार हैं। हमारा मजहब हमें वतनपरस्ती और मजलूमों की मदद सिखाता है। हमें शांति,दया और प्रेम व हक के रास्ते पर चलना सिखाता है। लेकिन जो लोग पाकिस्तान के इशारे पर, इस्लाम का नाम लेकर मासूमों का कत्ल करते हैं, वह मुस्लिमों के ही नहीं इस्लाम और इस पूरी कायनात के दुश्मन हैं।
इस मौके पर गिरीश जूयाल सहित मोहम्मद अफजाल इस्लाम अब्बास, नज़ीर मीर, खुर्शीद राजका, एडवोकेट अल्ताफ लोन, डॉक्टर फारूक डार, मेराज उद्दीन, रियाज डार, मोहम्मद सुल्तान मागरे, आदिल ानदराबी, शाह रियाज अहमद, रियाज दीन शाह, विधान शेख जावेद अहमद, अरशद हुसैन मीर, तुफैल सुरशीद थे।