हताश पाक ने रची अब बैट हमले की साजिश
अंतरराष्ट्रीय सीमा से लेकर नियंत्रण रेखा तक आतंकियों के साथ बनाए कई दस्ते खेतीबाड़ी की आड़ में भी हो सकता है हमला खुफिया एजेंसियों ने अलर्ट किया -------
राज्य ब्यूरो, श्रीनगर: आतंकियों की घुसपैठ कराने में नाकामी और भारतीय जवानों की जवाबी कार्रवाई में भारी नुकसान झेलने से हताश पाकिस्तान ने अब बॉर्डर एक्शन टीम (बैट) हमलों बड़ी साजिश रची है। सबसे ज्यादा आशंका नियंत्रण रेखा पर राजौरी, पुंछ और कुपवाड़ा के अग्रिम इलाकों में है। अंतरराष्ट्रीय सीमा के अग्रिम इलाकों में जारी कृषि गतिविधियां की आड़ में भी बैट हमला हो सकता है। इन हमलों के लिए पाकिस्तानी सेना ने एसएसजी के कमांडो के साथ लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद और अल-बदर के आतंकियों को शामिल किया है। कई दस्ते बनाए हैं। प्रत्येक दस्ते में आठ से 10 सदस्य हैं। हर दस्ते में तीन से चार आतंकी हैं। इस साजिश पर खुफिया एजेंसियों के अलर्ट पर अंतरराष्ट्रीय सीमा और एलओसी पर अग्रिम इलाकों में नाका पार्टियों और गश्ती दलों को विशेष हिदायत दी गई है। स्पष्ट निर्देश है कि वह किसी भी संदिग्ध या असामान्य गतिविधि पर त्वरित कार्रवाई करें।
पाकिस्तानी सेना बीते दो माह आतंकियों की घुसपैठ कराने की कोशिश में है। इसलिए वह संघर्ष विराम उल्लंघन भी रही है, लेकिन हर बार उसे मुंह की खानी पड़ रही है। भारतीय सेना की जवाबी कार्रवाई में उसे अपने जवान तक खोने पड़े। चौकियां तबाह हुई। खुफिया सूत्रों ने बताया कि इससे ही हताश होकर पाकिस्तान ने अब बैट हमले की साजिश रची है। इसे अंजाम देने के लिए एक सप्ताह पहले ही पाकिस्तानी सेना और आइएसआइ के छह अधिकारियों ने सांबा और अखनूर सेक्टर की कुछ खास चौकियों का दौरा किया है। यह दौरा पाकिस्तानी सेना के अधिकारियों के अग्रिम इलाकों में दौरे की तरह सामान्य नहीं था। दरअसल, इस दौरे के एक ही दिन बाद रावलपिडी में पाकिस्तानी सेना के अधिकारियों की आइएसआइ के अधिकारियों की मौजूदगी में हिजबुल मुजाहिदीन और लश्कर के तीन कमांडरों के साथ बैठक हुई है। अब तीन दिन पहले ही पुंछ और कुपवाड़ा में पाकिस्तानी सेना की चौकियों पर आतंकियों की आमद भी बढ़ी है। इन इलाकों में जमा हैं बैट दस्ते
खुफिया सूत्रों ने बताया कि पाकिस्तान ने बैट दस्तों को जम्मू संभाग में अंतरराष्ट्रीय सीमा पर सांबा सेक्टर और परगवाल सब सेक्टर के अलावा नियंत्रण रेखा पर राजौरी व पुंछ जिले में भिबर, नौशहरा, उत्तरी कश्मीर के करनाह, टंगडार, केरन व गुरेज में जमा किया है। गश्त के समय मोबाइल न रखने की हिदायत
अग्रिम इलाकों में गश्त के दौरान और नाकों पर तैनात जवानों को अपने साथ मोबाइल न रखने के लिए कहा गया है। इसका पालन कराने के लिए वरिष्ठ सैन्य व बीएसएफ अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं। आला अधिकारियों को नियमित हालात बताए जाएं। गश्ती दलों और नाका पार्टियों में शामिल जवानों को नियमित आधार पर बदला जाए ताकि उनमें थकावट न हो। गोलाबारी कर भटकाया जाएगा ध्यान
बैट हमले से पहले पाकिस्तानी सेना या उसके रेंजर किसी क्षेत्र विशेष में भारतीय सैन्य व नागरिक ठिकानों पर गोलाबारी करेगी। इसकी आड़ में बैट भारतीय इलाके में घुसकर किसी नाका पार्टी, गश्तीदल या अग्रिम निगरानी चौकी को निशाना बना सकती है। ग्रामीण भी हैं निशाने पर
बैट दस्ते के हमले सिर्फ सैन्य चौकियों और नाकों तक ही सीमित नहीं रहेंगे। वह अग्रिम इलाकों में रहने वाले ग्रामीणों को भी निशाना बना सकते हैं। ऐसा इसी वर्ष जनवरी में पुंछ में हो चुका है। पुंछ में पाकिस्तान के बैट दस्ते ने ग्रामीण मोहम्मद असलम की हत्या कर उसका सिर धड़ से अलग कर दिया था।
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