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पाक ने सीमा पर फिर किया सीज़फायर का उल्लंघन, लाम और नौशहरा में भारी गोलीबारी

पाकिस्तान ने सीमा पर फिर से सीज़फायर का उल्लंघन किया है। पाकिस्तान की तरफ से लाम और नौशहरा में भारी गोलीबारी की जा रही है।

By Preeti jhaEdited By: Published: Thu, 01 Feb 2018 10:45 AM (IST)Updated: Thu, 01 Feb 2018 10:48 AM (IST)
पाक ने सीमा पर फिर किया सीज़फायर का उल्लंघन, लाम और नौशहरा में भारी गोलीबारी
पाक ने सीमा पर फिर किया सीज़फायर का उल्लंघन, लाम और नौशहरा में भारी गोलीबारी

श्रीनगर,जेएनएन।पाकिस्तान ने सीमा पर फिर से सीज़फायर का उल्लंघन किया है। पाकिस्तान की तरफ से  लाम और नौशहरा में भारी गोलीबारी की जा रही है। भारी गोलाबारी को देखते हुए लोकल प्रशासन ने  स्कूलों को बंद करने का आदेश दिया है। आम लोगो को सुरक्षित स्थानों पर भेजा जा रहा है। पिछले कुछ दिनों से पाकिस्तान लगातार फायरिंग कर रहा है। 

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पाक सेना ने आठ सेक्टरों में की गोलाबारी

पाक सेना ने बुधवार को एक बार फिर राजौरी व पुंछ जिले के आठ सेक्टरों में गोलाबारी शुरू कर दी। पाक सेना ने नियंत्रण रेखा पर भारतीय सैन्य चौकियों को निशाना बनाने के साथ रिहायशी क्षेत्रों पर भी मोर्टार दागे। भारतीय सेना भी पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब दे रही है। देर रात तक दोनों तरफ नुकसान की कोई सूचना नहीं थी।पाक सेना ने बुधवार शाम पहले उप जिला नौशहरा के लाम, कलाल, झंगड़, कलसियां, भवानी सेक्टर में गोलाबारी शुरू कर दी। कुछ ही देर बाद पाक सेना ने पुंछ के मनकोट, मेंढर व कृष्णा घाटी सेक्टर में भी गोले दागने शुरू कर दिए। भारत की जवाबी कार्रवाई से रात को धमाकों की आवाज दूर-दूर तक सुनाई देती रही।उल्लेखनीय है कि पाक सेना पिछले एक माह से भारतीय क्षेत्र में गोलाबारी कर तनाव बढ़ाने का काम कर रही है। इस दौरान कई बार घुसपैठ की भी कोशिश की गई, लेकिन उसे नाकामी हाथ लगी।

शोपियां फायरिंग मामले में सेना ने भी दर्ज करवाई जवाबी एफआइआर

शोपियां में 27 जनवरी को फायरिंग में दो पत्थरबाजों की मौत को लेकर शुरू हुई सियासत में रविवार को नया मोड़ आ गया, जब सेना ने भी जवाबी एफआइआर दर्ज कराई। सेना ने अपनी एफआइआर में किसी का नाम नहीं लिया है। हालांकि पुलिस ने अभी सेना की ओर से एफआइआर दर्ज होने की पुष्टि नहीं की है। इस बीच, सेना की उत्तरी कमान प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल डी अनबु ने सेना के खिलाफ पुलिस एफआइआर को जल्दबाजी में उठाया गया एक अपरिपक्व कदम बताया है।गौरतलब है कि 27 जनवरी को शोपियां के गनवनपोरा में सेना की 10 गढ़वाल रेजिमेंट से संबंधित जवानों का एक दल 30 ट्रकों के काफिले में जा रहा था। पत्थरबाजों के एक दल ने सैन्य काफिले को चारों तरफ से घेरते हुए उस पर पथराव कर दिया था। इसमें 11 वाहन क्षतिग्रस्त हो गए थे और भीड़ ने चार वाहनों को आग लगाने का भी कोशिश की। इस दौरान सात सैन्यकर्मी जख्मी हो गए थे। भीड़ को शांत करने के लिए एक जेसीओ जब वाहन से नीचे आया तो वह भी पत्थर लगने से अचेत होकर गिर पड़ा। इस पर भीड़ ने उसे चारों तरफ से घेरते हुए पीट-पीट कर मारने का प्रयास किया। यह देख अन्य जवानों ने चेतावनी देते हुए गोली चलाई। बताया जा रहा है कि फायरिंग में दो पत्थरबाज मौके पर ही मारे गए और जबकि तीसरे ने बुधवार को दम तोड़ दिया।शोपियां में पत्थरबाजों की मौत के बाद राज्य की सियासत एकदम गरमा गई। अलगाववादी खेमे ने जहां इसके खिलाफ गत रविवार को कश्मीर बंद का आयोजन किया, उसके बाद अब शुक्रवार को शोपियां मार्च का एलान किया है। वहीं नेशनल कांफ्रेंस, कांग्रेस ने इस पर राज्य विधानसभा में हंगामा किया। सत्ताधारी पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी ने स्थानीय सियासी समीकरणों को ध्यान में रखते हुए संबंधित सैन्य यूनिट के खिलाफ कार्रवाई का आदेश दिया। पुलिस ने इस मामले में सेना के खिलाफ हत्या व हत्या के प्रयास के मामले दर्ज करते हुए 10 गढ़वाल के मेजर आदित्य व उनके अधीनस्थ जवानों को नामजद कर दिया। राज्य सरकार ने न्यायिक जांच के भी आदेश दिए हैं।

अलबत्ता, बुधवार को सेना ने भी शोपियां में 27 जनवरी की घटना के संदर्भ में एक जवाबी एफआइआर दर्ज कराते हुए बताया कि उसके काफिले पर शरारती तत्वों ने हमला किया था। हमलावरों ने सैन्य वाहनों को आग लगाने के अलावा एक जेसीओ समेत सात सैन्यकर्मियों की जान लेने का भी प्रयास किया। अपनी एफआइआर में सेना ने किसी भी हमलावर को चिन्हित नहीं किया है। इस बीच, सेना की उत्तरी कमान प्रमुख डी अनबु ने शोपियां घटना को लेकर पुलिस द्वारा सेना के खिलाफ एफआइआर दर्ज किए जाने को दुर्भाग्यपूर्ण बताया और कहा कि अंत में सत्य की जीत होगी। उन्होंने कहा कि यह तो शुरुआती कदम है, पुलिस एफआइआर दर्ज की है। जांच के दौरान सबकुछ सामने आएगा। हमने जो जांच की है, उसमे साबित होता है कि हमारे लोगों ने अत्यंत उत्तेजना की स्थिति में कोई और विकल्प न देख, आत्मरक्षा में गोली चलाई है। पुलिस को एक सामान्य एफआइआर दर्ज करनी चाहिए। मेरे ख्याल से पुलिस ने जल्दबाजी में एक अपरिपक्व कदम उठाते हुए एक अधिकारी विशेष को नामजद किया है। मुझे पूरा यकीन है कि जब पुलिस जांच करेगी तो सच बाहर आ जाएगा।


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