प्रतिदिन 13 से अधिक बार गोलाबारी कर रहा पाक
मौजूदा वर्ष के पहले सात माह के दौरान ही पाकिस्तानी सैनिकों ने अंतरराष्ट्रीय सीमा (आइबी) से लेकर नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर 2952 बार संघर्ष विराम का उल्लंघन किया यानी भारतीय सैन्य व नागरिक ठिकानों पर रोजाना औसत 13 से ज्यादा बार गोलाबारी की गई। इसमें आठ सुरक्षाकर्मियों समेत 23 लोगों की जान चली गई और 100 से ज्यादा जख्मी हुए हैं।
राज्य ब्यूरो, श्रीनगर : पाकिस्तान दुनियाभर में बेशक दावा करता फिरे कि वह जम्मू कश्मीर के नागरिकों का हमदर्द है, लेकिन सरहदी इलाकों पर की जाने वाली गोलाबारी उसकी हमदर्दी की पोल खोल देती है। मौजूदा वर्ष के पहले सात माह के दौरान ही पाकिस्तानी सैनिकों ने अंतरराष्ट्रीय सीमा (आइबी) से लेकर नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर 2952 बार संघर्ष विराम का उल्लंघन किया यानी भारतीय सैन्य व नागरिक ठिकानों पर रोजाना औसत 13 से ज्यादा बार गोलाबारी की गई। इसमें आठ सुरक्षाकर्मियों समेत 23 लोगों की जान चली गई और 100 से ज्यादा जख्मी हुए हैं।
पिछले दो वर्षो और सात माह के दौरान पाकिस्तान ने 8571 बार संघर्ष विराम का उल्लंघन किया है। इनमें 56 सुरक्षाकर्मियों समेत 119 लोगों की जान गई और 608 लोग जख्मी हुए हैं। घायलों में करीब 300 सुरक्षाकर्मी हैं।
आरटीआइ कार्यकर्ता रमन शर्मा ने केंद्रीय गृह मंत्रालय से आरटीआइ के जरिए जुटाए गए संघर्ष विराम उल्लंघन के आंकड़ों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इस साल जुलाई तक पाकिस्तानी सैनिकों ने 2952 बाद गोलाबारी की। इसमें 15 नागरिकों की मौत और आठ सुरक्षाकर्मी बलिदान हुए हैं। गोलाबारी में 62 सुरक्षाकर्मी और 38 नागरिक जख्मी भी हुए हैं।
गृह मंत्रालय में निदेशक सुलेखा द्वारा उपलब्ध कराई गई जानकारी के मुताबिक, बीते तीन सालों के दौरान जम्मू कश्मीर में आइबी और एलओसी पर रोजाना औसतन नौ बार संघर्ष विराम का उल्लंघन हुआ है। इस साल के पहले सात माह के दौरान रोजाना औसतन 13.89 बार पाकिस्तानी सैनिकों ने गोलाबारी की है। वर्ष 2018 में 2140 और 2019 में 3479 बार हुआ संघर्ष विराम का उल्लंघन :
वर्ष 2018 में पाकिस्तानी सैनिकों ने 2140 बार संघर्ष विराम का उल्लंघन किया था, जिसमें 30 नागरिकों और 29 सुरक्षाकर्मियों समेत 59 लोग मारे गए थे। इनके अलावा 143 नागरिकों समेत 259 लोग जख्मी हुए थे। वर्ष 2019 में पाकिस्तानी सेना ने रोजाना औसतन नौ बार गोलाबारी की। बीते साल पाक ने 3479 बार संघर्ष विराम का उल्लंघन किया था। इसमें 19 सुरक्षाकर्मियों समेत 37 लोग मारे गए और 249 लोग जख्मी हुए। इनमें 122 सुरक्षाकर्मी थे। वर्ष 2010 की तुलना में 2019 में गोलाबारी में तेजी आई :
गृह मंत्रालय ने अपने जवाब में बताया कि वर्ष 2010 की तुलना में 2019 में संघर्ष विराम के उल्लंघन की घटनाओं में करीब 50 गुना तेजी आई है। वर्ष 2010 में पाकिस्तानी सेना ने सिर्फ 70 बार संघर्ष विराम का उल्लंघन करते हुए भारतीय सैन्य व नागरिक ठिकानों को निशाना बनाया। इनमें दो नागरिकों की मौत और पांच सुरक्षाकर्मी बलिदान हुए थे। वर्ष 2019 में पाकिस्तानी सैनिकों ने भारतीय ठिकानों पर 3479 बार गोलाबारी की, जिसमें 18 नागरिकों की मौत और 19 सुरक्षाकर्मी शहीद हुए थे। वर्ष 2010 से जुलाई 2020 तक के 11,572 बार गोलाबारी :
आरटीआइ में गृह मंत्रालय ने बताया कि वर्ष 2010 से जुलाई 2020 के अंत तक पाकिस्तानी सेना ने 11,572 बार संघर्ष विराम तोड़ा, जिसमें 240 लोग मारे गए हैं। इनमें 122 नागरिक और 118 सुरक्षाकर्मी शहीद हैं। इस दौरान 673 नागरिक और 594 सुरक्षाकर्मी जख्मी भी हुए हैं।