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पाक सेना अपनी चौकियों से घुसपैठ करवा रही : पीके मिश्रा

राज्य ब्यूरो, श्रीनगर : टंगडार (कुपवाड़ा) स्थित सैन्य ब्रिगेड के कमांडर ब्रिगेडियर पीके मिश्

By JagranEdited By: Published: Sun, 27 May 2018 08:40 PM (IST)Updated: Sun, 27 May 2018 08:40 PM (IST)
पाक सेना अपनी चौकियों से घुसपैठ करवा रही : पीके मिश्रा

राज्य ब्यूरो, श्रीनगर : टंगडार (कुपवाड़ा) स्थित सैन्य ब्रिगेड के कमांडर ब्रिगेडियर पीके मिश्रा ने रविवार को निकट भविष्य में नियंत्रण रेखा पर गुलाम कश्मीर की तरफ से घुसपैठ के प्रयासों में तेजी की आशंका जताई है। उन्होंने कहा कि शनिवार को मारे गए घुसपैठियों से जो हथियार और अत्याधुनिक संचार उपकरण मिले हैं, वह जम्मू कश्मीर में जारी आतंकी ¨हसा में पाकिस्तानी सेना की संलिप्तता को और पुख्ता करते हैं। पीके मिश्रा ने कहा कि पाकिस्तानी सेना अब आतंकियों को अपनी चौकियों से ही भारतीय इलाके में घुसपैठ के लिए लांच कर रही है।

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गौरतलब है कि नियंत्रण रेखा के पार गुलाम कश्मीर से जम्मू कश्मीर में घुसपैठ के लिए भेजे जाने वाले आतंकियों के लां¨चग पैड पहले पाकिस्तानी चौकियों से दूर बनाए जाते थे। इन लां¨चग पैड का कमांडर भी किसी आतंकी सरगना को ही बनाया जाता है, लेकिन पिछले दिनों टंगडार में मारे गए आतंकी नियंत्रण रेखा पार स्थित एक पाकिस्तानी चौकी से ही इस तरफ भेजे गए थे।

टंगडार में ब्रिगेडियर पीके मिश्रा ने टंगडार के अग्रिम इलाके में जाट रेजिमेंट के जवानों द्वारा मारे गए पांच घुसपैठियों से बरामद हथियारों और अन्य साजोसामान का जिक्र करते हुए कहा कि सारा सामान पाकिस्तान में बना है। जो हथियार मिले हैं, उसके आधार पर कहा जा सकता है कि यह आतंकी किसी विशेष हमले को अंजाम देने के लिए आए थे। इनके पास से जम्मू कश्मीर से संबंधित कुछ नक्शे भी मिले हैं। इसके अलावा उर्दू में लिखी कोड पुस्तिका भी मिली है। उसके कोड भंग कर उसमें लिखे संदेशों का पता लगाया जा रहा है।

उन्होंने मारे गए पांचों आतंकियों के लश्कर-ए-तैयबा से संबंधित होने की संभावना जताते हुए कहा कि यह सभी नियंत्रण रेखा पार स्थित एक पाकिस्तानी चौकी से ही इस तरफ लांच किए गए हैं। इन आतंकियों की गतिविधयों को एक पाकिस्तानी चौकी के पास ही सबसे पहले देखा गया था। यह हमारे लिए कुछ नया था, क्योंकि पहले घुसपैठ करने वाले आतंकी पाकिस्तानी चौकी से लांच नहीं होते रहे हैं। उनका अलग लां¨चग पैड रहा है।

उन्होंने बताया कि हमारे पास अपने तंत्र से पहले ही सूचना थी कि आतंकियों द्वारा टंगडार में घुसपैठ की कोशिश होने वाली है। इसके आधार पर पूरे इलाके में विशेष नाके लगाए गए थे। 23-24 मई की मध्यरात्रि को भी टंगडार में घुसपैठ का प्रयास हुआ था, जिसे हमारे जवानों ने नाकाम बना दिया था। इसके बाद 25-26 की मध्यरात्रि को फिर घुसपैठ हुई। घुसपैठियों ने जवानों से बचने के लिए दो अलग-अलग गुट बना लिए, लेकिन घेराबंदी तोड़ने में नाकाम रहे और मारे गए। पांचों आतंकी गुरिल्ला युद्ध में पूरी तरह प्रशिक्षित थे।

ब्रिगेडियर मिश्रा ने रमजान युद्धविराम संबंधी सवाल के जवाब में कहा कि हम पूरा संयम बरत रहे हैं, लेकिन सरहद पार से घुसपैठ के प्रयास और जंगबंदी का उल्लंघन लगातार हो रहा है। इसलिए हम जवाबी कार्रवाई के लिए मजबूर हैं। एलओसी पार आतंकी ढांचे और पाकिस्तानी सेना से आतंकियों को मिल रहा संरक्षण समाप्त होने के बाद ही एलओसी पर हालात सामान्य हो सकते हैं।

उन्होंने गुलाम कश्मीर में घुसपैठ के लिए तैयार बैठे आतंकियों की संख्या के बारे में कुछ भी बोलने से इन्कार करते हुए कहा हमारे पास जो सूचनाएं हैं, उसके आधार पर इतना ही कहा जा सकता है कि पाकिस्तानी सेना के संरक्षण में आतंकियों की एक बड़ी तादाद अग्रिम इलाकों में घुसपैठ के लिए तैयार है। पहाड़ों पर बर्फ पिघल चुकी है और घुसपैठ के परंपरागत रास्ते खुल गए हैं। इसलिए आने वाले दिनों में घुसपैठ की कोशिशें बढ़ेंगी, लेकिन हमारे जवान पूरी तरह सतर्क हैं।

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आतंकियों से मिला साजोसामान

पांच एके-47 राइफलें, 24 एके मैगजीन, 546 एके कारतूस, आठ कारतूसों समेत एक पिस्तौल, छह यूबीजीएल ग्रेनेड व एक यूबीजीएल, नौ हथगोले, एक अत्याधुनिक लेजर प्रोडक्ट दूरबीन, एक कंपास, एक मोबाइल हैंडसेट एमआई-1, दो जीपीएस, एंटीना समेत एक रेडियो सेट, एक मोटरोला रेडियो सेट, पांच नक्शे, 54 लिथियम बैटरी और एक बैटरी चार्जर, एक वाइएसएमएस रेडियो सेट, तीन मोटरोला रेडियो सेट, तीन डायरियां, एक चाकू, दो वायर कटर, पांच पिटठु बैग, पांच पोंचू, तीन मोबाइल डाटा केबल, दो कलाई घड़ियां, तीन लाइटर, उर्दू भाषा में तैयार किए गए दो कोड टेबल, तीस हजार रुपये मूल्य की भारतीय करंसी, दो मोबाइल चार्जर, एक पेन, सात जोड़ी जुराब, 11 जोड़ी दस्तानें, चार लोअर वाटर प्रूफ, चार कंबल, 11 जोड़ी एलबो कैप, सुई धागा के दो किट, दर्द निवारक व एंटीबायोटिक दवा की गोलियों के 13 पत्ते, एंटीबायोटिक और एंटीसेप्टिक दवाओं की 10 बोतलें, इंजेक्शन व सि¨रज दो बोतल, दर्द निवारक तेल की पांच बोतल, दो लिप बॉम, पट्टियों के सात रोल, डेढ़ किलो बादाम व किशमिश, 80 टाफियां, आम के फलेवर में टैंग के 22 पैकेट, जूस के सात टेट्रा पैक, तीन पैकेट पावभाजी, तीन पैकेट चिकन व कबाब, दूध पाउडर के चार पैकेट, 17 पैकेट बिस्कुट, छह पैकेट आचार, दो पैकेट आलू भुजिया, चार पैकेट दाल मसाला, दो हैंड वार्मर और एक दर्जन से ज्यादा प्लास्टिक के बैग।

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