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भोले भक्तों के सुरक्षा कवच को मजबूत बनाएगा आपरेशन शिवा

नवीन नवाज श्रीनगर इस बार आतंकग्रस्त कश्मीर घाटी में पवित्र अमरनाथ गुफा की वाíषक तीर्थयात्रा पर

By JagranEdited By: Published: Sat, 08 Jun 2019 09:08 AM (IST)Updated: Sun, 09 Jun 2019 06:38 AM (IST)
भोले भक्तों के सुरक्षा कवच को मजबूत बनाएगा आपरेशन शिवा
भोले भक्तों के सुरक्षा कवच को मजबूत बनाएगा आपरेशन शिवा

नवीन नवाज, श्रीनगर

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इस बार आतंकग्रस्त कश्मीर घाटी में पवित्र अमरनाथ गुफा की वाíषक तीर्थयात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं को किसी से डरने की जरूरत नहीं है। उन्हें सुरक्षाबलों का 'आपरेशन शिवा' मजबूत सुरक्षा कवच प्रदान करेगा और उनकी जान-माल की सुरक्षा को यकीनी बनाएगा। इससे वादी में शांति व विश्वास का माहौल बनाने में भी मदद मिलेगी। आपरेशन शिवा को अंतिम रूप दे दिया गया है और अगले चंद दिनों में इस पर अमल शुरू हो जाएगा। आपरेशन शिवा महज यात्रा मार्ग तक सीमित नहीं है, यह यात्रा मार्ग से सटे आवासीय इलाकों, पहाड़ों व जंगलों तक विस्तृत है।

गौरतलब है कि समुद्रतल से करीब 3,888 मीटर की ऊंचाई पर स्थित भगवान अमरेश्वर की पवित्र गुफा, जहां भगवान शिव ने देवी पार्वती को अमरत्व की कथा सुनाई थी, की वाíषक तीर्थयात्रा पहली जुलाई से शुरू हो रही है। यह यात्रा 15 अगस्त 2019 को संपन्न होगी।

अधिकारिक तौर पर पुलिस और सीआरपीएफ के सभी वरिष्ठ अधिकारी अमरनाथ की वाíषक तीर्थयात्रा पर किसी तरह के आतंकी साए के प्रत्यक्ष खतरे से इंकार कर रहे हैं, लेकिन सूत्रों की मानें तो इस बार यात्रा पर आतंकी हमले की आशंका बीते वर्षो की तुलना में ज्यादा है। यात्रा के दौरान आतंकी श्रद्धालुओं को निशाना बनाने की फिराक में हैं। वे वर्ष 2000 की तरह किसी इलाके में एक समुदाय विशेष को निशाना बनाने या फिर किसी अन्य सनसनीखेज वारदात को अंजाम दे सकते हैं। आतंकियों की इस साजिश का पता बीते कुछ दिनों के दौरान जम्मू कश्मीर में सक्रिय आतंकियों और गुलाम कश्मीर स्थित उनके हैंडलरों के बीच हुई बातचीत के पकड़े जाने से हुआ है। इसके अलावा हाल ही में मारे गए आतंकियों से मिले कुछ दस्तावेज भी इस साजिश की तरफ संकेत दे रहे हैं।

सूत्रों के मुताबिक आतंकियों के मंसूबों को भांपते हुए और अतीत के अनुभवों को ध्यान में रखते हुए इस बार सेना, पुलिस, सीआरपीएफ व केंद्रीय खुफिया एजेंसियों ने यात्रा को पूरी तरह सुरक्षित और शांत वातावरण में संपन्न कराने के लिए जो रणनीति लागू करने का फैसला किया है, उसे आपरेशन शिवा का नाम दिया गया है। इस आपरेशन के तहत चलाए जाने वाले अन्य अभियानों को उनके स्थान विशेष व समय के मुताबिक नाम दिया गया है। आपरेशन शिवा के तहत अगले सप्ताह यात्रा के सुरक्षा कवच को तैयार करते हुए सेना व अर्धसैनिक बलों के जवानों की तैनाती की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। करीब 3000 जवान और अधिकारी सिर्फ यात्रा मार्ग की सुरक्षा का जिम्मा संभालेंगे। इनके अलावा करीब 1000 यात्रा शिविरों और पवित्र गुफा की सुरक्षा करेंगे। इन सबके बीच सेना के जवान आतंकरोधी अभियानों और यात्रा मार्ग के आसपास स्थित जंगलों, पहाड़ों को पूरी तरह खंगालते हुए सुरक्षित बनाने के अलावा यात्रा मार्ग के आसपास स्थित बस्तियों में भी तलाशी अभियान चलाएंगे।

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ड्रोन से होगी निगरानी

आपरेशन शिवा के दौरान श्रद्धालुओं की निगरानी के लिए ही नहीं, आतंकवादियों का पता लगाने के लिए सेना द्वारा संबंधित इलाकों में ड्रोन की मदद ली जाएगी। यात्रा मार्ग को अलग अलग सेक्टर व जोन में बांटा गया है। इसके अलावा इन क्षेत्रों में सक्रिय आतंकियों व उनके ओवरग्राउंड वर्करों की प्रोफाइलिग कर उसके आधार पर उनके खिलाफ अभियान चलाए जाएंगे।

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हाईवे किनारे पहाड़ों पर होंगी अस्थायी सैन्य चौकियां

आपरेशन शिवा, हालांकि जवाहर सुरंग से लेकर अनंतनाग, पहलगाम और बाल्टाल के इलाके में मुख्य रूप से केंद्रित रखा गया है, लेकिन इसे जम्मू संभाग के रामबन जिले से शुरू किया जाएगा। इस अभियान के तहत रामबन-बनिहाल-जवाहर सुरंग तक यात्रा मार्ग के साथ सटे सभी जंगलों में विशेष तलाशी अभियान चलाया जाएगा। इसके अलावा हाईवे पर स्थित सभी पहाड़यिों पर सेना के जवानों की अस्थायी चौकियां भी स्थापित की जाएंगी। इसके अलावा गूल, डोडा और किश्तवाड़ में इस दौरान अल्पसंख्यकों की बस्तियों के लिए विशेष सुरक्षा प्रबंध रहेंगे। इन इलाकों में ग्राम सु़रक्षा समितियों के सदस्यों को भी यात्रा के दौरान पूरी तरह से सक्रिय किया जाएगा।

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यात्रा मार्ग पर तैनात होंगे बमरोधी और क्यूआरटी दस्ते

जवाहर सुरंग से अनंतनाग, काजीगुंड, खन्नाबल, बिजबेहाड़ा, पांपोर, श्रीनगर, गांदरबल, कंगन, सोनमर्ग तक हाईवे पर और उसके साथ सटी आवासीय बस्तियों और जंगलों में भी सेना द्वारा विशेष अभियान चलाए जाएंगे। इसके अलावा बिजबेहाड़ा से पहलगाम और खन्नाबल-पहलगाम, कंगन-सोनमर्ग-बालटाल और बालटाल से आगे पवित्र गुफा के आसपास भी सेना के जवान मौजूद रहेंगे। सेना इन इलाकों में तलाशी अभियान चलाएगी। इसके अलावा यात्रा मार्ग पर सेना के बमरोधी दस्ते और किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए क्यूआरटी दस्ते भी तैनात रहेंगे। ये दस्ते सीआरपीएफ और पुलिस के दस्तों के अलावा होंगे।

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यात्रियों के लिए बॉरकोड यात्रा पर्ची की व्यवस्था

राज्य पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि यात्रियों के लिए इस बार बॉरकोड यात्रा पर्ची की व्यवस्था की गई है। इसके अलावा बीते साल की तरह इस साल भी श्रद्धालुओं के वाहनों की निगरानी के लिए आरईएफडी तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा। यह काम सीआरपीएफ अंजाम देगी। उन्होंने बताया कि साधुओं, मजदूरों या किसी अन्य वेष में आतंकी यात्रा मार्ग पर यात्रा शिविर में दाखिल न हों, इसके लिए विभिन्न जगहों पर स्पाटर भी तैनात किए जा रहे हैं।


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