हाकूरा में मारे गए आतंकियों में एक हैदराबाद का भी शामिल
राज्य ब्यूरो, श्रीनगर : कश्मीर में धीरे-धीरे अपनी जड़ें जमा रहे अलकायदा से संबंधित आतंकी
राज्य ब्यूरो, श्रीनगर : कश्मीर में धीरे-धीरे अपनी जड़ें जमा रहे अलकायदा से संबंधित आतंकी संगठन अंसार उल गजवा ए हिंद ने मंगलवार को दावा किया कि हाकूरा मुठभेड़ में सोमवार को मारे गए तीन आतंकियों में से एक हैदराबाद का मोहम्मद तौफीक भी शामिल था। अगर गजवा ए हिंद का दावा सही माना जाए तो कश्मीर में देश के किसी अन्य भाग से अलकायदा या फिर आइएसआइएस से संबंधित किसी आतंकी के मारे जाने का यह पहला मामला है।
गौरतलब है कि पिछले दिनों हाकूरा अनंतनाग में हुई मुठभेड़ में सुरक्षाबलों ने तीन आतंकियों को मार गिराया था। इनमें दो स्थानीय आतंकी इसा फाजली और उवैस थे। यह दोनों तहरीक उल मुजाहिदीन से संबंधित थे। उन्होंने कश्मीर में अलकायदा व आइएस के साथ उनके एजेंडे के मुताबिक जिहादी गतिविधियों को अंजाम दे रहे थे। इन दोनों के साथ मारे गए तीसरे आतंकी को सुरक्षा एजेंसियां विदेशी बता रही थी, जबकि दैनिक जागरण ने पहले ही खुलासा किया था कि वह हैदराबाद या फिर पूर्वी भारत का हो सकता है। यह भी बताया गया था कि वह पिछले साल ही कश्मीर में आइएस की गतिविधियों को बढ़ाने के लिए आया था। आतंकी संगठन ने उसका नाम अबु जरार अल हिंदी रखा था।
अबु जरार अल हिंदी तीन से चार माह पहले ही कश्मीर में आया था। आइएस की गतिविधियों पर नजर रखने वालों के मुताबिक, हिंदोस्तान के विभिन्न हिस्सों से अपने संगठन में शामिल होने वाले युवकों के नाम के पीछे आइएस द्वारा अल हिंदी जोड़ा जाता है।
आज अंसार उल गजवा ए हिंद ने अपनी वेबसाइट अल नसार पर अबु जरार अल हिंदी के हैदराबादी होने की पुष्टि करते हुए बताया कि वह पिछले साल ही हिंदोस्तान के हैदराबाद से कश्मीर आया था। उसका असली नाम मोहम्मद तौसीफ था और संगठन में उसे सुल्तान जाबुल अल हिंदी उर्फ अबु जरार अल हिंदी के नाम से जाना जाता था। वह अंसार उल गजवा ए हिंद का हिस्सा था और नौजवानों को जिहादी तालीम भी दे रहा था।
अंसार उल गजवा ए हिंद ने अपनी वेबसाइट पर जाकिर मूसा के डिप्टी रेहान के साथ उसकी एक पुरानी तस्वीर भी अपलोड की है। आतंकी संगठन ने ईसा फाजली और उवैस के परिजनों को उनके बेटों की कथित जिहाद में शहादत के लिए बधाई भी दी है।
इस बीच, मोहम्मद तौसीफ उर्फ अबु जरार को आवश्यक कानूनी औपचारिकताओं को पूरा करने के बाद सुरक्षाबलों ने इस्लामिक रीति रिवाज के मुताबिक उत्तरी कश्मीर में जिला बारामुला के सीमावर्ती इलाके में मुस्लिम ऑकाफ ट्रस्ट की मदद से दफना दिया।